लोगों की राय

पर्यावरण एवं विज्ञान >> हवा और पानी में जहर

हवा और पानी में जहर

एन. मणिवासकम

प्रकाशक : नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया प्रकाशित वर्ष : 1998
पृष्ठ :106
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 469
आईएसबीएन :81-237-2346-6

Like this Hindi book 3 पाठकों को प्रिय

445 पाठक हैं

"धरती एक अत्यधिक बीमार ग्रह बन गई है जिसका तुरन्त उपचार आवश्यक है। पृथ्वी पर हर ओर प्रलय का खतरा मंडरा रहा है। यदि इसे न रोका गया, तो पूरा ग्रह रहने लायक नहीं रह जायेगा" - के. वी. नारायण

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: 10page.css

Filename: books/book_info.php

Line Number: 553

...Prev |

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ

लोगों की राय

No reviews for this book