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मनोरंजक कथाएँ >> अलादीन औऱ जादुई चिराग

अलादीन औऱ जादुई चिराग

ए.एच.डब्यू. सावन

प्रकाशक : मनोज पब्लिकेशन प्रकाशित वर्ष : 2007
पृष्ठ :16
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 4779
आईएसबीएन :81-310-0200-4

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अलादीन की रोचक एवं मनोरंजक कहानी का वर्णन


अलादीन का चचा बनकर अलादीन को धोखे से गुफा में कैद करने वाला वह सौदागरं और कोई नहीं बल्कि अफ्रीका का एक खतरनाक जादूगर ‘सेनसन’ था।
सेनसन ने अपने जादू से इस बात का पता लगाया कि बगदाद के जंगल में एक जगह पर जमीन के अन्दर जादुई चिराग जल रहा है। चिराग के अन्दर एक जिन्न है जो कि दुनिया का हर काम चुटकी बजाते ही पूरा कर देता है, लेकिन उस चिराग को बगदाद के एक गांव में रहने वाले मुस्तफा दर्जी का बेटा अलादीन ही निकाल सकती है, इसीलिये लालची सेनसन ने फौरन ही उस करामती चिराग को पाने के लिये सारा जाल फैलाया। उसने आलदीन का चचा बनकर उसे तथा उसकी अम्मी को अपने जाल में फांस लिया। उसने सोचा था कि चिराग हासिल करके वह अलादीन को उसी सुरंग में दफन कर देगा, जिससे आगे चलकर उसकी ओर से उसे कोई भी खतरा न रहें, लेकिन अलादीन की जिद की वजह से उसकी योजना कामयाब न हो सकी थी। मजबूर होकर उसने अलादीन कों चिराग समेत उस सुरंग में कैद कर दिया और खुद अफ्रीका भाग गया।

उधर अलादीन उस सुरंग की जिन्दगी जीते-जीते ऊब गया था, उसे अपनी अम्मी और अपने साथियों की याद सताने लगी थी। वह सोचने लगा था कि इस तरह घुट-घुटकर जीने से तो अच्छा है कि यहाँ से बाहर निकलने की कोशिश करूं। हो सकता है कि बाहर निकलने का कोई रास्ता निकल आये।
अलादीन सुरंग में इधर-उधर बाहर निकलने का रास्ता खोजने लगा।
उसे बाग के बाद एक गुफा नजर आयी, जिसमें नीम अंधेरा था। उसके मन में उम्मीद की किरण-सी जागी। वह उस अंधेरी गुफा में दाखिल हो गया। गुफा के अन्दर बहुत-से मोड़ थे इसीलिये वह वहाँ भटक गया। उसे अब वह. दरवाजा भी दिखायी नहीं दे रहा था जिसके जरिए वह अन्दर से वहाँ दाखिल हुआ था।
अलादीन इधर-उधर भटक रहा था। अब तो उसे यह लगने लगा था कि गुफा के बाहर वह कम-से-कम बाग में तो था, यहाँ तो सिवाये अंधेरे के और कुछ भी नहीं है। भटकते हुए काफी समय गुजर गया। अब तो भूख-प्यास से उसका बुरा हाल था।
अचानक उसे ठोकर लगी और वह ज़मीन पर गिर पड़ा। उसके गिरते हीं वह अंगूठी जो उसे सौदागर ने दी थी, एक पत्थर से टकराई। उसके टकराते ही एक जोरदार धमाका हुआ और इसके साथ ही एक भयानक शक्ल का जिन्न प्रकट हुआ।

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