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मनोरंजक कथाएँ >> अलादीन औऱ जादुई चिराग

अलादीन औऱ जादुई चिराग

ए.एच.डब्यू. सावन

प्रकाशक : मनोज पब्लिकेशन प्रकाशित वर्ष : 2007
पृष्ठ :16
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 4779
आईएसबीएन :81-310-0200-4

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अलादीन की रोचक एवं मनोरंजक कहानी का वर्णन


अचानक!
शहजादी के कमरे के दरवाजे पर आहट हुई, उसने सोचा कि शायद उसका शौहर अलादीन शिकार से लौट आया है, लेकिन दरवाजे पर एक भयंकर शक्ल के आदमी को देखकर वह चौंक गयी। वह क्रोध से फुकारती हुई। बोली-“तू कौन गुस्ताख है, जो बिना इजाजत के हमारे कमरे में चला आया है?"
वह बिस्तर से उतरकर उसकी ओर झपटी। जादूगर बेशर्मी से हँसता हुआ बोला-“मैं तुम्हारी पुराना आंशिक हूँ शंहजादी।”
“बद्तमीज गुस्ताख!” क्रोध में फुफकारते.हुए शहज़ादी ने एक जोरदार. तमाचा उसके गाल पर दे मारा।
लेकिन तमाचा लगने का उस पर कोई असर नहीं हुआ। वह उसी तरह बेशर्मी से हँसता हुआ बोला-“तुमने मुझे तमाचा मारा, लेकिन मुझे ऐसा लगा कि किसी ने फूल मारा हो।”
शहजादी जादूगर की इस बेशर्मी पर भौचक्की रह गयी। वह सोच भी नहीं सकती थी कि कोई आदमी उसके कमरे में घुसकर उससे इस तरह की बद्तमीजी भी कर सकता है।
क्रोध में वह बोली-“निकल जा कमीने! यहाँ से चला जा। वरना मेरा शौहर अलादीन आ गया तो वह तुझे जान से मार डालेगा। तेरी भलाई इसी में है कि तु फौरन यहाँ से भाग जा।”
उसकी बात सुनकर जादूगर अट्टाहस लगाकर बोला-"तेरा शौहर, वह दर्जी का बेटा अलादीन। उसे भूल जा शहजादी। वह बेचारा तो इस वक्त बगदाद के जंगलों में पत्थरों से अपना सिर टकराता फिर रहा होगा। शायद तुम्हें मालूम नहीं है कि इस वक्त तुम बगदाद में नहीं अफ्रीका में हो। अलादीन सारी जिन्दगी भी कोशिश करे तो भी यहाँ नहीं पहुँच सकता, क्योंकि यह बात अलादीन तो क्या उसके फरिश्तों को भी नहीं मालूम कि उसकी खूबसूरत बीवी और महल इस वक्त अफ्रीका में हैं।”
“क्या...क्या बकवास कर रहे हो ?” शहजादी बुरी तरह चौंकी।
"मैं बकवास नहीं कर रहा हूँ शहजादी, बल्कि सच्चाई बता रहा हूँ।” जादूगर क्रूरता के साथ बोला-“तुम इस वक्त मेरे कब्जे में हो। अगर तुमने यहाँ से भागने की जरा भी कोशिश की तो बेमौत मारी जाओगी।”
उसकी बात सुनकर शहजादी को एक झटका लगा। उसने फुर्ती से उठकर खिड़की खोली, तो वास्तव में बाहर का माहौल बदला हुआ पाया। वह आश्चर्यचकित होकर दूर-दूर तक फैले अथाह रेत के ढेर देख रही थी। चारों तरफ सूरज की गर्मी में तपता हुआ रेत-ही-रेत फैला हुआ था।
जादूगर शहजादी की ओर क्रूरताभरी मुस्कान से बोला- "अब तो तुम्हें मेरी बात पर यकीन आ ही गया होगा कि तुम इस वक्त बगदाद में नहीं बल्कि अफ्रीका में हो?”
शहजादी का दिमाग सुन्न-सा हो गया और खौफ तथा फिक्र से वह बेहोश होकर गिर पड़ी।

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