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अमर चित्र कथा हिन्दी >> विद्वान पंडित

विद्वान पंडित

अनन्त पई

प्रकाशक : इंडिया बुक हाउस प्रकाशित वर्ष : 2006
पृष्ठ :31
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 4807
आईएसबीएन :81-7508-480-4

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इस पुस्तक में रामकृष्ण परमहंस के द्वारा सुनाई गई कथाओं का वर्णन है.....

Vidvan Pandit A Hindi Book by Anant Pai

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

विद्वान पंडित

श्रीरामकृष्ण परम हंस को सभी जानते है। उनके लिए महात्मा गाँधी ने कहा था-‘‘श्री रामकृष्ण का जीवन व्यावहारिक धर्म का प्रतिरूप है। उनका जीवन ईश्वर को प्रत्यक्ष देखने की हमें क्षमता देता है।’’

श्री रामकृष्ण के उपदेश उनके जीवन जैसे ही सरल थे। उपदेशों में प्रायः कथाएँ जुड़ी रहती थीं। उनकी कथाएं जिस प्रकार हमारे हृदयों को श्रद्धा में अभिभूत करती हैं, उसी प्रकार मनुष्य की कमजोरियों और भूलों पर हँसाती भी हैं।

 

विद्वान पंडित

 

एक दिन, कुछ लोग नाव से नदी पार कर रहे थे। उनके बीच एक पंडित भी था। यात्रा लम्बी थी, वह ऊबने लगा।
किसी से बात करूँ। मुझे लाभ तो कुछ होगा नहीं लेकिन समय तो कटेगा।
तुम कौन हो कहाँ से आ रहे हो ?

मैं किसान हूँ महोदय नदी पार के गाँव में रहता हूँ।
मैं शास्त्रज्ञ हूँ। मैंने उपनिषदों का गहन अध्ययन किया है तुमने उपनिषद पढ़े है ? नहीं महोदय मैंने नहीं पढे़।

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