मनोरंजक कथाएँ >> अद्भुत द्वीप अद्भुत द्वीपश्रीकान्त व्यास
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जे.आर.विस के प्रसिद्ध उपन्यास स्विस फेमिली रॉबिन्सन का सरल हिन्दी रूपान्तर...
उस रात, सोने से पहले मैंने अपनी योजना बच्चों और पत्नी के सामने रखी। मैंने बताया कि यह हमारी खुशकिस्मती है कि कुछ दिनों की मेहनत से एक बिलकुल नया जहाज हमारे कब्जे में आ सकता है। मैंने बताया कि इस काम में लगभग सात दिन लग जाएंगे और फ्रिट्ज, जैक और अर्नेस्ट को भी मेरे साथ लगना होगा। मेरी इस बात से उन तीनों को तो बेहद खुशी हुई, क्योंकि लगातार सात दिन तक समुद्र में रहने का मौका उन्हें मिलने वाला था, लेकिन उनकी मां ने विशेष खुशी जाहिर नहीं की।
जब मेरे तीनों बड़े लड़कों और पत्नी ने कोई विरोध नहीं किया तो हमारे जाने की बात करीब-करीब तय हो गई। अब यह समस्या थी कि पत्नी नन्हे फ्रांसिस के साथ अकेली 'घोंसले' में कैसे रहेगी? मैंने उससे भी साथ चलने को कहा। लेकिन उसे समुद्री जीवन से चिढ़ थी, इसलिए वह बोली, ''जितने दिन आप लोग वहां काम करेंगे उतने दिन मैं तंबूघर में रहूंगी। शर्त यह है कि रोज शाम को आप लोग वापस आ जाया करें।''
पत्नी की इस बात पर हम राजी हो गये और उसे तंबूघर में छोड़कर जहाज के लिये रवाना हो गए।
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