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रोमांचक अपराध कथाएँ

इन्द्रदेव

प्रकाशक : ओरिएंट क्राफ्ट पब्लिशर्स एण्ड डिस्ट्रीब्यूटर्स प्रकाशित वर्ष : 2007
पृष्ठ :159
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 5101
आईएसबीएन :81-89378-08-2

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प्रस्तुत है अपराधिक रोमांचक कथाएँ

Romanchak apradh kathayein

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

एक गोली : एक शिकार-10 मरे


सारा अमेरिका थर्रा गया था। कोई नहीं जानता था कि कब कहाँ से गोली सनसनाती हुई आएगी और उसे अपना शिकार बना लेगी। अकाल मृत्य कभी भी आकर निगल सकती थी। अज्ञात हत्यारे का ऐसा आतंक अमरीका में इससे पहले कभी महसूस नहीं किया गया था।
2 अक्टूबर 2003, शाम के 6 बजकर 4 मिनट। ग्रेटर वाशिगंटन एरिया की मांटगुमरी काउंटी का वीटन शहर। ठीक इसी समय जेम्स डी.मार्टिन नामक व्यक्ति को एक गोली लगी और वह ढेर हो गया।

लेकिन किसी ने मार्टिन की मौत को ज्यादा गम्भीरता से नहीं लिया क्योंकि अमरीका में इस तरह राह चलते किसी की हत्या हो जाना एक आम घटना मानी जाती है। कहते हैं संयुक्त राज्य अमरीका में कोई एक करोड़ अवैध हथियार खतरनाक अपराधियों के हाथों में मौजूद हैं। पुलिस के लिए यह लगभग असम्भव है कि वह अपराधियों पर कोई नियंत्रण रख सके।

पता चला हत्यारी गोली कहीं दूर से चलाई गई थी और इसे चलाने में एक शक्तिशाली राइफल का इस्तेमाल किया गया था। पुलिस ने जेम्स डी.मार्टिन की हत्या की रुटीन जांच शुरू कर दी। लेकिन अगले दिन तो ग़जब ही हो गया। 15 घंटों की अवधि में एक-एक करके पाँच व्यक्तियों की हत्याएँ हो गईं। मरने वाले हर व्यक्ति पर कहीं दूर से किसी शक्तिशाली राइफल से अचूक निशाना लगाया गया था। इन्हें ‘सिंगल शाट किलिंग्स’ कहा गया। लोगों ने उस दिन को हत्यारा वृहस्पतिवार रक्तरंजित वृहस्पतिवार जैसे नाम दे दिए।

3 अक्टूबर 2003 को सुबह 7.41 बजे जेम्स बुकानन जूनियर 8.12 बजे प्रेम कुमार वालेकर, 8.37 पर सारा रामोस, 9.58 पर लारी लेविस राइवीरा और फिर रात को 9.20 बजे पास्कल चेरिमाट एक ही तरह से मारे गए थे।
सभी हत्याएँ ग्रेटर वाशिंगटन एरिया में हुई थीं। लगता था कोई बिना सोचे समझे निर्दोष लोगों को निशाना बना रहा है। हर व्यक्ति दूर से चली एक गोली का शिकार बना था। लगता था हत्यारा या हत्यारे अचूक निशानेबाज थे। हर हत्या में .223 केलिबर के कारतूस, का प्रयोग किया गया था। अब तो सनसनी फैल गई। लगता था कोई सीरियल किलर लोगों को मारता हुआ घूम रहा था। आखिर उसका उद्देश्य क्या था ? क्योंकि हर हत्या किसी न किसी उद्देश्य से ही की जाती है। पर इसमें तो हत्यारी गोली दूर से ही चलाई गई थी। लूटपाट या किसी से बदला लेने का इरादा मालूम नहीं देता था। मरने वाले सभी अलग-अलग लोग थे। उनका आपस में किसी से कैसा भी कोई सम्बन्ध नहीं था। सभी लोगों की हत्या उस समय हुई थी जब वे खुले में मौजूद थे। जैसे, पेट्रोल पम्प पार्किंग स्थल या शॉपिंग माल्स।

हाई अलर्ट घोषित हो गया। ग्रेटर वाशिंगटन एरिया में सभी लोग घरों में घुस गए। हर आदमी बाहर निकलते हुई डर रहा था। दैनंदिन जीवन गड़बड़ा गया था। सड़के सूनी थीं। पेट्रोल पम्पों पर कोई नहीं आ रहा था। स्कूल बन्द कर दिए गए थे।
4 अक्टूबर को फिर एक औरत उसी तरीके से गोली का निशाना बना ली गई। और फिर दो दिन की शान्ति के बाद 7 अक्टूबर को एक 13 वर्षीय लड़का गोली का शिकार हो गया। हर बार हत्या करने का तरीका एक ही रहा था एक गोली का दूर से आना, शिकार की मौत और फिर हत्यारे का लापता हो जाना। इन हत्याओं के पीछे कोई स्पष्ट उद्देश्य न होने से पुलिस भ्रम में पड़ गई। यह समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर ये हत्याएँ क्यों की जा रही हैं। पुलिस ने आम जनता को सावधानी बरतने की सलाह दी और इस तरह के उपाय प्रचारित किए जाने लगे-

जब आप घर से बाहर हों तो किसी स्थान पर खड़े न रहें, हिलते-डुलते चलते रहें।
फिर भी अगर घर से बाहर किसी स्थान पर एक जगह खड़े होना अनिवार्य हो तो खड़े होने के लिए सबसे कोने वाला, अँधेरा स्थान चुनें।

अपने और आसपास के खुले स्थान के बीच कोई आड़ अवश्य लें।
जैसे ही गोली चलने की आवाज हो झट जमीन पर गिर जाएँ और जहाँ खड़े थे। वहाँ से लुढ़कते हुए परे चले जाएँ।
इस तरह से निर्देशों से आम लोग और भी भयभीत हो गए। लोग यह समझने लगे कि पुलिस उनकी सुरक्षा करने में असमर्थ है। वह हत्यारे या हत्यारों को पकड़ नहीं पा रही है।
निशानेबाज हत्यारे ने 13 लोगों को अलग-अलग क्षेत्रों में अपना निशाना बनाया हत्याकांड के समक्ष कई प्रत्यक्षदर्शी मौजूद थे। लेकिन उनमें से कोई भी पुलिस को ठीक-ठीक कुछ नहीं बता सका। घटनास्थल के आसपास से गोली कांड के बाद भागने वाली कार को लेकर भी भ्रम फैल रहा था। हर प्रत्यक्षदर्शी अलग-अलग ब्रांड की कारों के बारे में बता रहा था। कोई कार का रंग सलेटी बता रहा था तो कोई सफेद।
कारों के अलग ब्रांड और अलग रंग बताने के कारण पुलिस एक तरफ ध्यान केंद्रित नहीं कर पाई और इस तरह मामले की तह तक जाने में पुलिस को आवश्यकता से अधिक समय लग गया। देर होने के कारण और भी कई लोग मारे गए जिनके प्राण बचाए जा सकते थे।

बहुत खोजबीन के बाद पुलिस ने जान एलन विलियम्स उर्फ जान मुहम्मद और उसके सौतेले बेटे ली माल्वो को गिरफ्तार कर लिया। बाद में यह पता चला कि इस बीच 17 वर्षीय ली माल्वो ने अनेक बार पुलिस से सम्पर्क करने की कोशिश की थी। लेकिन पुलिस ने इस पर ध्यान ही नहीं दिया। अगर पुलिस हत्यारों को पकडने में दिन-रात एक कर रही थी तो दूसरी तरफ ली माल्वो भी पुलिस से सम्पर्क साधने के लिए बेचैन था।

लोग आज तक इस बात को नहीं समझ सके कि आखिर बाप बेटे क्यों अंधाधुंध हत्याएँ कर रहे थे। और दूसरी तरफ यह किली माल्वो पुलिस से सम्पर्क क्यों करना चाहता था ? क्या वह पागल था ? जान एलन विलियम्स और ली माल्वो ने हत्याएँ शुरू करने के साथ ही पुलिस से सम्पर्क करने की कोशिश शुरू कर दी थी। दोनों पुलिस से सम्पर्क करके एक बड़ी रकम की माँग करना चाहते थे। लेकिन जब वे पुलिस से सम्पर्क साधने में असफल रहे तो उन्होंने एक स्थान पर अपना 1 करोड़ डालर की माँग का पत्र छोड़ दिया। साथ में एक कार्ड भी था-जिस पर मिस्टर पुलिस मैन आई एम गॉड। लिखा था क्योंकि दोनों बाप बेटे पुलिस से सम्पर्क नहीं कर पा रहे थे और उन्हें पैसे मिलने की उम्मीद कम होती जा रही थी। इसलिए क्रोध में भरकर वे एक के बाद दूसरी हत्या करते चले गए। अन्ततः उन दोनों को एक कार पार्किग में अपनी कार में सोते हुए पकड़ा था पुलिस ने।

इससे पहले ली माल्वो ने एक पादरी से मिलकर अपने एक पिछले अपराध के बारे में कन्फेशन किया था। उसने अला बाम के मांटगुमारी शहर में शराब की दुकान को लूटने का प्रयास किया था और एक आदमी पर गोली चलाई थी।
पादरी ने जब यह बात पुलिस को बताई तो उन्होंने मांटगुमरी में खोजना शुरू किया। पता चला कि यह घटना सच थी। यह 21 सितम्बर 2002 की बात थी। स्थानीय पुलिस को घटना-स्थल से उँगलियों के निशान मिले थे। उँगलियों के निशान ली माल्वो के थे। उसके हाथ की एक छार आव्रजन अधिकारियों के पास भी थी। ली माल्वो जमैका से संयुक्त राज्य अमरीका आया था और तब आव्रजन अधिकारी से किसी कारण बहस के बाद उन लोगों ने ली माल्वो की उँगलियों के निशान ले लिये थे। दोनों प्रिंट मिल गए और अब पुलिस सही दिशा में बढ़ चली।

ली माल्वो की खोज के दौरान पुलिस को पता चला कि वह अपने सौतेले पिताजान एलन मुहम्मद के साथ रह रहा था। खोज करती हुई पुलिस वाशिंगटन राज्य के टैकोमा शहर में उसके मकान पर पहुँची। खाली घर की तलाशी ली गई। पता चला दोनों बाप बेटे नौ महीने पहले वह महान छोड़कर जा चुके थे। तब जान एलन अमरीकी स्थल सेना में था। पता चला वहा अचूक निशानेबाज था और निशानेबाजी के साधारण कौशल के लिए उसे एक पदक भी मिल चुका था।
दूर से एक गोली चलाकर अचूक निशाना लगाने की बात साफ तौर पर जान एलन की ओर इशारा कर रही थी। वह 1991 के इराक युद्ध में भी हिस्सा ले चुका था। टेकोमा के मकान के पिछवाड़े आँगन में कारतूसों के अनेक खोल मिले। वहाँ एक पेड़ के तने पर गोलियों के बहुत से निशान थे। स्थानीय पुलिस सूत्रों ने बताया कि उन दिनों जान एलन के पड़ोसियों ने उसके घर के पिछवाड़े से लगातार गोली चलने की आवजों से परेशान होकर उसके विरुद्ध शिकायत दर्ज की थी।
जान एलन के पास 1990 मॉडल की चैवी केप्रिस कार थी। पुलिस ने तुरन्त उस कार को पकड़ने के निर्देश के लिए और फिर दोनों के फोटो भी प्रकाशित करा दिए गए। दो घंटे बाद ही एक ट्रक ड्राइवर ने उसी तरह की कार एक पार्किंग एरिया में देखने की बात कही तो पुलिस ने घेराबन्दी कर दी। यह पार्किंग एरिया वाशिंग्टन डी.सी. से 50 मील उत्तर परिश्चिमी क्षेत्र में था।

पुलिस ने उस क्षेत्र से बाहर जाने वाले रास्ते सील कर दिए। 24 अक्तूबर 2003 को पुलिस कर्मियों का विशेष दस्ता शरीर पर बुलेट प्रूफ जाकेट तथा हैलमेट पहनकर वहाँ पहुँचा और कार में सो रहे जान एलन मुहम्मद और ली माल्वो को दबोच लिया। दोनों ने बिना विरोध आत्मसमर्पण कर दिया। कार की डिक्की में पुलिस को एक बुश मास्टर राइफल मिली। इससे .223 केलिबर की गोलियाँ चलाई जाती थीं। इन्हीं गोलियों से निर्दोष लोग मारे गए थे। और तीन गम्भीर रूप से घायल हुए थे। गिरफ्तारी का समय सुबह था सुबह 3 बजकर 19 मिनट।

इन दोनों के गिरफ्तार होने से हत्याओं का भयानक सिलसिला थम गया। आम जनता ने राहत की साँस ली।
लेकिन एक सवाल सामने है-आखिर अमरीका में ही इस तरह की हत्याएँ क्यों बार-बार होती हैं ? कोई किसी से जरा नाराज हुआ और बस गोली चल गई। कोई निर्दोष मारा गया। ऊपर से अमरीकी समाज चाहे जितना सुखी और समृद्ध लगे पर अन्दर ही अन्दर उसमें काफी भेदभाव और ऊँच-नीच अमीरी-गरीबी है। बाद में दोनों पिता-पुत्र पर मुकदमा चला और वर्जीनिया में एक जूरी ने 18 वर्षीय ली बायड माल्वो को मौत की सजा सुनाई। वर्जीनियाँ अमरीका का ऐसा राज्य है जहाँ 16-17 वर्ष के अपराधियों को भी प्राणदंड दिया जा सकता है। बाद में यह आजीवन कारावास में बदल गई। पिता जान एलन मुहम्मद को भी प्राणदंड दिया गया है।

 

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