कहानी संग्रह >> प्रेत बोलते हैं प्रेत बोलते हैंदिनेश सिंह
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विदेशी प्रेतात्माओं की कहानियां....
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
वह बच्चे की आकृति !
अमेरिका के डेव जूलियानो जब तीन साल के थे तो उनका सामना पहली बार एक
प्रेतात्मा से हुआ। उन्होंने बताया कि एक रात अचानक उनकी आँख खुली तो
उन्हें अपने बिस्तर पर किसी के होने का अहसास हुआ। उन्होंने देखा कि एक
छोटे से बच्चे की आकृति उनके साथ बिस्तर पर लेटी है। तकरीबन दो फिट लंबी
इस आकृति का शरीर तो बच्चे जैसा था लेकिन उसका चेहरा काफी फैला हुआ बेढंगा
और शरीर के अनुपात में बड़ा था। उसने नीले रंग का गाउन पहन रखा था और गाउन
की बांहों के आखिरी छोर पर उसके हाथ दिखाई नहीं दे रहे थे। वह आकृति अपना
चेहरा पल पल हिला डुला रही थी। कुछ बोलने के लिए उसका मुँह हिल रहा था,
लेकिन उसकी भाषा समझ से बाहर थी।
बच्चे की आकृति ठीक उस तरह से सच्ची थी जैसा वह खुद था। आकृति के चारों तरफ झिलमिलाते तारे से नजर आ रहे थे। डेव डर के मारे अपने बिस्तर से उठा और अपने कमरे से निकल कर सीधा अपने माता-पिता के बेड रूम में भागा। अपने पिता को उठा कर आकृति के बारे में बताया। पिता को उसकी बात पर यकीन नहीं हुआ इसलिए वह उसके साथ उसके कमरे तक नहीं आए बल्कि उन्होंने डेव को डांट कर वापस अपने कमरे में जाकर सोने के लिए कहा और खुद भी सो गए।
डेव ने बताया कि जब वह लौट कर अपने कमरे में गया तो देखा कि बच्चे की वह आकृति अब उसके बेड पर खड़ी थी। डेव ने जल्दी से अपना तकिया उठा लिया। उसने अपना मुंह तकिया से ढका और बेड पर कूद गया। थोड़ी देर अपना मुंह नीचे करके लेटा रहा। कुछ देर बाद जब डेव ने पलट कर देखा तो पता चला कि वह आकृति वहां से गायब हो चुकी है। यह घटना उसके साथ कई साल तक समय समय पर घटती रही। यह आकृति डेव को दिखाई देती लेकिन उसने कभी उसको कोई नुकसान नहीं पहुंचाया और न उसे कभी परेशान ही किया।
1990 तक डेव को आकृति दिखनी धीरे धीरे कम हो गई। डेव ने बाद में बताया कि यह आकृति उसे अपने बेड रूम में एक खास एंगल से देखने पर ही दिखाई देती थी। जब भी उसे आकृति दिखाई देती या तो वह अपने कमरे का दरवाजा बंद कर लेता या फिर डर कर अपने माता पिता के कमरे में जा दुबकता था।
कई बार तो उसके घर वालों को काफी अजीब लगता कि 18 साल का डेव यों और कैसे जमीन पर सिकुडा़ सा सोया पड़ा़ है। उसके माता-पिता और बहन ने कभी उसकी इस बात पर विश्वास नहीं किया कि उसने अपने बेडरूम में कुछ अजीब देखा है। वे सब इसको महज उसके मन का वहम ही समझते रहे।
डेव ने बताया कि उसको देर रात तक टीवी देखने की आदत थी। देर से घर आने पर भी वह एकआध घंटे के लिए टीवी के आगे जरूर बैठा रहता था। एक रात का किस्सा उसने बताया कि जब वह नीचे कमरे में बैठा टीवी देख रहा था तो उसने देखा कि पीछे चार पांच सीढ़ियों पर कोई आकृति खड़ी उसे देख रही है। कुछ देर बाद अचानक वह आकृति वहां से गायब हो गई। कई बार आकृति अपना रंग बदलती और कभी ज्यादा पारदर्शी हो जाती थी।
डेव के एक पड़ोसी को इस तरह की घटनाओं की जानकारी थी। उसे इस तरह की घटनाओं और बातों का अच्छा ज्ञान था। डेव ने पड़ोसी से अपने साथ घट रही इस तरह की घटनाओं के बारे में बातचीत की। पड़ोसी ने डेव से कहा कि अगर फिर कभी उसे वह आकृति दिखाई दे तो निडरता से साथ उसके सामने खड़े हो जाना। उससे कहना कि वह वहां से चली जाए और फिर कभी न दिखाई दे।
डेव ने बताया कि जब भी वह आकृति उसके सामने होती थी उसे अपने शरीर के अंदर कमजोरी महसूस होती थी। उसे लगता था कि जैसे उसमें जान ही नहीं बची है। वह जड़वत ठिठका सा वहीं का वहीं खड़ा रह जाता था और एकटक उसे निहारता रहता था।
डेव ने पड़ोसी की बात मानकर एकाध बार उस आकृति से वहां से भाग जाने और फिर कभी न आने की बात करने की हिम्मत की। काफी समय तक वह आकृति डेव को नजर नहीं आई। अब वह कभी कभार ही उसे दिखाई देती। डेव को अब ऐसा करने में मजा भी आने लगा था।
डेव ने अपने कमरे में बचपन से आ रही इस आकृति के बारे में अपनी गर्ल फ्रेंड को विस्तार से बताया। उसने बताया कि वह आकृति किसी बच्चे की होती है। लगता है जैसे आकृति के सिर में पानी भरा हुआ है और वह अस्पताल का नीला गाउन पहने आती है। लगता है जैसे वह मुझसे मदद मांगना चाहती है या फिर कोई बात बताना चाहती है।
डेव की बात सुनकर पहले तो उसकी गर्ल फ्रेंड ने भी यही कहा कि यह सब सिर्फ तुम्हारे मन का वहम है, लेकिन उसने यह भी कहा कि अगर तुम्हारी बात में सच्चाई है तो तुम्हें अपने मकान, अपने घर परिवार के अतीत के बारे में जानकारी हासिल करनी चाहिए। क्या पता यह कोई भटकी हुई आत्मा हो जो तुमसे मदद मांग कर प्रेत योनि से मुक्ति चाहती हो।
एक दिन डेव ने फैसला किया कि वह अपने मकान और अपने परिवार के अतीत के बारे में जानकारी हासिल करेगा।
मकान का इतिहास पता लगाने पर डेव को मालूम हुआ कि उनका मकान जिस जमीन पर बना हुआ है वह जमीन पहले खेती के काम आती थी। करीब डेढ़ सौ साल पहले वहां मिट्टी की एक सड़क भी बनाई गई थी। इस जमीन पर इस मकान को बने 40 साल के करीब हो गए हैं। यह जमीन पहले जिसकी संपत्ति थी उस परिवार का घर डेव के मकान से कुछ ही दूरी पर आज भी है।
इस मकान में डेव के माता-पिता के रहने आने से पहले यहां एक पति पत्नी रहते थे। उनकी कोई संतान नहीं थी।
डेव से तीन साल छोटी उसकी बहन थी। डेव ने अपने माता-पिता से पूछा कि हम दोनों भाइयों के अलावा भी आपकी कोई संतान हुई थी जो छुटपन में ही मर गई हो और जिसका हमें पता न हो ?
माता पिता ने कहा ऐसा कुछ नहीं था। काफी खोजबीन के बाद भी कोई सुराग हाथ नहीं लगा।
गर्ल फ्रेंड को आकृति दिखाई देने की बात बताने के एक हफ्ते बाद डेव गर्ल फ्रेंड से फिर मिला। डेव ने गर्ल फ्रेंड को बताया कि उसने आकृति को डपट कर कह दिया था कि उसे तंग न करे। यहां से चली जाए और फिर न आए।
फिर भी अगले दिन वह आकृति फिर से उसके सामने थी और उसे डराने की कोशिश कर रही थी। अलबत्ता उस रात वह आकृति कुछ अलग दिखाई दे रही थी।
इस बार इस आकृति के आसपास एक और काले रंग की आकृति की झलक भी दिखाई दे रही थी। डेव ने इसे नाम दिया छोटा शैतान। काले रंग की यह आकृति करीब दो फिट की थी और जमीन पर तेजी से इधर उधर दौड़ लगा रही थी। कभी किसी मंजिल पर तो कभी किसी मंजिल पर पहुंच रही थी। यह काली आकृति लिविंग रूम से हाल की तरफ ही ज्यादा आती जाती दिखाई देती थी।
आइए अब डेव के मकान के और हिस्सों के बारे में भी जान लें।
डेव के परिवार के आने से पहले इस मकान में रहने वालों ने मकान के नीचे एक बेसमेंट खोदनी शुरू की थी जिसे वे पूरा नहीं कर सके। उन लोगों ने घर के बाहर एक तीनेक फिट गहरा अधूरा गड्ढा भी खोदा था, शायद वे उस गड्डे में पालतू कछुआ या मछलियाँ रखना चाहते होंगे।
मकान में हाल के अंदर से एक सीढ़ी बेसमेंट के लिए भी बनाई गई थी लेकिन बेसमेंट अधूरा छोड़ दिया गया था सो ये सीढ़ियां भी अधूरी ही पड़ी थीं। ये सीढ़ियां यदि बनी होतीं तो ये बेसमेंट से हाल में होते हुए दूसरी मंजिल तक जातीं। मकान के अंदर से दो रास्ते उस गड्ढे तक जाते थे जो कछुआ या मछलियां पालने के लिए खोदा गया था।
डेव को कुछ कुछ अंदाजा होने लगा था कि उसे बचपन से दिखाई देने वाली आकृति कहां से आती है और कहां जाती है।
ये आकृतियां डेव के दिलोदिमाग पर इस कदर हावी हो चुकीं थीं कि कभी घर से बाहर होने पर उसकी पूरी कोशिश रहती थी कि वह जल्दी से जल्दी घर पहुंचे। कुत्तों की सूघने और देखने की शक्ति काफी तीव्र होती है। आमतौर पर जब भी डेव के घर पर बच्चे जैसी वह सफेद आकृति डेव को दिखाई देती थी, तब उसके आने का आभास डेव के कुत्ते को भी हो जाया करता था।
जब भी वह आकृति आसपास होती थी तो डेव के कुत्ते की हरकतें फनी हो जाती थीं। वह अजीब हरकतें करने लगता था। जब भी वह काली वाली शैतान आकृति आसपास होती तो कुत्ता अचानक गहरी नींद में सो जाता था। डेव के लाख उठाने के बावजूद कुत्ते की नींद नहीं टूटती थी।
कभी कभी उन आकृतियों के दिखाई देते ही डेव घर से दूर कहीं भी चला जाता था। कभी अपनी गर्ल फ्रेंड या किसी दोस्त के घर पहुंच कर वहां बाकी रात बिताता था।
कभी जब ये दोनों आकृतियां डेव को घेर लेतीं और उसे घर से बाहर जाने का मौका न मिलता तब वह भाग कर अपने कमरे में जाता और तकिए में अपना सिर छिपा कर सो जाता। कभी अपने माता-पिता के बेडरूम में भाग जाता।
डेव जान चुका था कि ये आकृतियां मकान के कुछ हिस्से में ही आती जाती थीं। ये अब डेव के बेडरूम में भी नहीं जाती थीं।
एक बार जब डरा हुआ डेव मां के बेडरूम में पहुंचा तो उसने डेव को हिदायत दी कि अगली बार जब वे आकृतियां दिखाई दें तो वह उन्हें जगा कर वे आकृतियां दिखाए। अगली बार जैसे ही वह शैतान आकृति डेव को सीढ़ियां चढ़ कर हाल में आती दिखाई दी। डेव जल्दी से अपनी मां के कमरे में गया और उन्हें जगाया। डेव अपनी मां को लेकर हाल में आया और उन्हें वह आकृति दिखाई जो अभी भी हाल में मौजूद थी।
डेव ने उंगली से इशारा करके मां को बताया कि देखो वह सीढ़ियों से नीचे उतर रही है। आकृति। तीन सीढ़ियां उतरते ही वह आकृति गायब हो गई। डेव की मां उसे देख नहीं पाई। लेकिन उन्होंने डेव की आंखों की मूवमेंट से अंदाजा लगा लिया कि वह कुछ चलते हुए देख रहा है। उन्होंने अंदाजा लगा लिया कि डेव ने हाल से सीढ़ियों तक किसी को चलते हुए देखा है जिसे वह नहीं देख सकी।
इस घटना के बाद डेव को अहसास होने लगा कि उसके परिवार वाले अब उसकी बातों पर कुछ कुछ विश्वास करने लगे हैं।
बचपन से दिखती इन आकृतियों ने डेव को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया, लेकिन जब भी ये आती थीं तो डेव खुद को कुछ बेचैन महसूस करता था। इतने सालों में यह आकृति कुछ ज्यादा पारदर्शी होती चली जा रही थी। अब कई बार इन आकृतियों के आने से हाल के कई लैम्प और लाइटें खुद ब खुद जलने बुझने लगते थे। हाल में रखे टीवी के कई बार आधी रात के बाद खुला होने का पता डेव को चलता। डेव को पता था कि नीचे कोई नहीं होगा। होंगी वे ही अनसुलझी आकृतियां।
डेव ने अंदाजा लगाया कि बचपन से दिखने वाली सफेद आकृति को मदद की जररूत थी। अब वह धीरे-धीरे और अधिक धुंधलाती जा रही थी। उसने अंदाजा लगाया कि काली वाली आकृति उसकी मदद कर रही है। एक बार डेव को महीने भर तक वे आकृतियां दिखाई नहीं दी।
पहले तो डेव ने पैरासाइक्लोजिस्ट से इस बारे में बात करने की सोची लेकिन फिर उसका विचार बदल गया, क्योंकि इन आकृतियों ने उसको कभी नुकसान नहीं पहुंचाया था और न ही डराने की कोशिश की थी।
एक दिन डेव ने फैसला किया कि वह अधूरी छोड़ी गई बेसमेंट में जाकर देखेगा कि वहां आखिर है क्या। डेव ने अपने कुत्ते को साथ लिया और सीढ़ियों से नीचे बेसमेंट में चला गया। बेसमेंट में सालों से कोई नहीं गया था। वहां डेव को ताश का एक पुराना पत्ता पड़ा हुआ मिला। पत्ता न जाने कितने साल पुराना रहा होगा। डेव को यह देख कर आश्चर्य हुआ कि पत्ते पर धूल का एक कण भी नहीं था। डेव ने पिछले 20 साल से उस तरह के ताश के पत्ते को कभी नहीं देखा था, लेकिन आज उसके सामने उस समय का एक पत्ता था।
ताश के इस पत्ते का एक कोना ऐसा लग रहा था जैसे उसे किसी एसिड में डुबो कर कुछ देर तक रखा गया हो। पत्ते का बाकी हिस्सा सही सलामत और काफी अच्छी स्थिति में था। डेव ने उस पत्ते को उठा लिया और उसे अपनी पाकेट बाइबल के अंदर रख कर अपनी कार में रख दिया।
डेव को कुछ दिन बाद आकृतियां फिर से छोटे साइज में दिखाई देने लगीं। डेव ने आकृतियां फिर से दिखने वाली बात अपनी गर्ल फ्रेंड को फोन करके बताई। अभी वह फोन पर गर्लफ्रेंड को आकृति के अपने सामने होने की बात बता ही रहा था कि आकृति फिर से सीढ़ियाँ चढ़ कर गायब हो गई।
अब की बार आकृति काफी चमकदार थी, ठीक वैसी जैसी कुछ साल पहले थी। लेकिन इस बार आकृति खुश नहीं लग रही थी। इस सफेद आकृति के साथ ही वह काली शैतान आकृति फिर से दिखाई दी। इस बार यह काली आकृति पहले से ज्यादा तेज और बड़ी लगी रही थी। अब वह तकरीबन सात फिट लंबी थी। देखने में ऐसा लगता था कि जैसे यह काली आकृति किसी लंबे आदमी की है। लगता था जैसे यह धुएं से बनी है। ऐसा लगने लगा कि कमरा जैसे खूब सारी शैतान काली आकृतियों से भर गया हो।
सामने दीवार पर एक छह फिट ऊंचा और चार फिट चौड़ा किसी आदमी का चेहरा उभरा हुआ था। देखने में वह कुछ कुछ जाना पहचाना सा लग रहा था। वह इस तरह से बोल रहा था जैसे कोई बगैर दांतों का आदमी बोलता है। लेकिन उसकी आवाज समझ से परे थी। लगता था जैसे वह किसी बात के लिए डेव से माफी माँगने की कोशिश कर रहा था।
डर के मारे डेव कमरे से बाहर भागा, और अपनी कार में दुबक कर बैठ गया। वह समझ चुका था कि अब उसका सामना किसी नई भटकी हुई आत्मा से होने वाला है।
अगली रात डेव ने अपनी सुरक्षा के लिए काफी प्रार्थना वगैरह की। उसने प्रार्थना की कि ईश्वर उसे शक्ति दे और इन प्रेतात्मा को उससे दूर करे। डेव ने अपने एक हाथ में अपनी बाइबल थामी हुई थी और सीडी पर कुछ सुन रहा था।
तड़के तकरीबन दो बजे डेव ने देखा कि उसका कुत्ता अचानक काफी गहरी नींद में सो गया जबकि पहले तो जरा सी आहट होते ही उठ जाया करता था। डेव को फिर से किसी आत्मा का अपने कमरे होने का अहसास हो गया। उसने इधर उधर नजर दौड़ानी शुरु कर दी। उसके सामने दो आकृतियां थीं। इनमें वह काली वाली लंबी आकृति भी थी। डेव ने दृढ़ता के साथ उन आत्माओं से कहा कि मैं, मेरा परिवार और हमारा यह घर ईश्वर की कृपा से सुरक्षित है। तुम हमारा कोई नुकसान नहीं कर सकोगी। यहां से चली जाओ।
ऐसा कहते हुए डेव लंबी काली वाली आकृति के करीब पहुंचा। डेव ने देखा कि उस आत्मा ने उसका रास्ता छोड़ दिया। डेव कमरे से निकल कर चला और पीछे पलट कर नहीं देखा। इस घटना के दो साल बाद तक डेव ने उन आत्माओं को अपने आसपास या घर में कहीं नहीं देखा। इस बीच उसके पिता ने अधूरे बेसमेंट की अधूरी सीढ़ि़यों पर एक बाइबल रख छोड़ी। एक क्रॉस दरवाजे पर रख दिया। डेव ने महसूस किया कि तब से एक भी भटकती आकृति उसके आसपास मंडराने नहीं आई।
इस इंतजाम के बाद डेव को कोई आकृति भले ही नहीं दिखाई दी लेकिन उसे अक्सर ऐसी आवाजें सुनाई देने लगीं जैसे कोई बेसमेंट में कूद रहा हो या चल रहा हो या टहल रहा हो।
डेव उन आकृतियों या आत्माओं के अपने घर के बेसमेंट में होने को तो महसूस करता था लेकिन वे उसे साक्षात कभी नहीं दिखती थीं। लगता था जैसे उन आकृतियों को अब बेसमेंट से निकलने का रास्ता नहीं मिल रहा हो।
धीरे-धीरे डेव को यह यकीन हो चला था कि उनका मकान जिस जमीन पर बना हुआ है, उस जमीन में भूतों का डेरा भी है। जब डेव ने प्रेतात्माओं से यह जगह छोड़ने के लिए कहा तो उन्होंने उसके सम्पर्क में आना कम कर दिया या बंद कर दिया। लेकिन भूत प्रेत उस जगह को छोड़ कर नहीं गए और वहीं बने रहे। उन्होंने डेव को कभी कोई हानि नहीं पहुंचाई, लेकिन हर वक्त डेव का ध्यान उनकी तरफ बना रहे इसके लिए कुछ न कुछ वे जरूर करते रहे।
डेव समझ नहीं पाता था कि आखिर क्या हो रहा है। परिवार वाले अब डेव की बातों पर कुछ विश्वास करने लगे थे। डेव प्रेतात्माओं से संपर्क साधने की फिराक में रहने लगा। उसे पता चल गया था कि आसपास काफी बुरी आत्माएं भी हैं जो इंसानों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इन बुरी आत्माओं में से एक के साथ डेव की मुठभेड़ हो चुकी थी।
डेव उस बुरी आत्मा से तब टकराया था जब वह उसके कमरे के पीछे के गेट के पास खड़ी उसे टकटकी लगाए देख रही थी। यह उन आत्माओं में से एक नहीं थी जिन आत्माओं का उसके अपने घर के बेसमेंट पर कब्जा था। डेव समझ गया कि कई सालों से उसके सामने आने वाली लंबी काली परछाई बुरी आत्मा ही थी लेकिन उसने डेव को नुकसान नहीं पहुंचाया यह डेव की किस्मत की बात थी। जनवरी 1997 में डेव ने तय किया कि दो हफ्ते बाद वह अपने माता-पिता का घर छोड़ कर अपनी मंगेतर के साथ कहीं और रहने चला जाएगा।
डेव भूतों से डर कर मकान नहीं छोड़ रहा था। बल्कि वह अपने काम के कारण वहां से जा रहा था। उस रात अपने कम्प्यूटर पर वेब पेज का काम निबटाने के बाद डेव दो बजे के करीब सोने के लिए अपने कमरे की तरफ चला। अभी वह अपने माता-पिता के बेडरूम के आगे से निकला ही था कि उसके हाथ से एक कागज जमीन पर गिर गया। कागज उठाने के लिए डेव नीचे झुका। नीचे झुकते ही उसने देखा कि उसके माता-पिता के बेडरूम का गोल लॉक अपने आप धीरे से घूमा और दरवाजा करीब चार इंच तक खुल गया।
कमरे से किसी औरत की आवाज आई जो डेव को उसका नाम लेकर पुकार रही थी। जवाब में डेव ने कहा क्या है ? इतने में कमरे का दरवाजा कुछ और खुल गया। डेव ने कमरे में झांक कर देखा तो पाया कि उसके माता पिता गहरी नींद में दूसरी तरफ मुंह फेर कर सो रहे थे। डेव को ऐसा लग रहा था जैसे महिला की आवाज उसके बगल से ही आ रही है।
तभी खटपट की कुछ आवाजें सुनाई दीं। डेव तेजी से नीचे गया और अपने कुत्ते को अपने मां बाप के बेडरूम के पास लाया लेकिन अब वहां कोई नहीं था। कुत्ते को भी किसी के होने का कोई अहसास नहीं हुआ।
डेव अपने कुत्ते को साथ लिए अपने कमरे में सोने के लिए चला गया। यों तो कमरा खाली ही था लेकिन डेव को कमरे में किसी के होने का अंदेशा हुआ। वह अपने बेड पर लेट गया। कमरे की छत पर मछलियां टंगी हुई थीं। फिर भी मछलियाँ तेजी से हिल रही थीं। उसका कुत्ता ऐसी हरकतें करने लगा जिनसे डेव को यकीन हो चला कि कमरे में उसके और उसके कुत्ते के अलावा और भी कोई है।
कुछ देर बाद कमरे में रखी चीजें हवा में गोल गोल घूमने लगीं। डेव डर गया। दस मिनट सब की सब चीजें खुद ब खुद जस की तस थिर हो गई। डेव ने अन्दाजा लगाया कि हो न हो उसके यहां होने का अहसास दिलाने के लिए ये तमाम हरकतें कर रही हैं। चूंकि इस घर में एक वही है जो बचपन से इनके संपर्क में है।
बहरहाल, डेव उसी रात अपने कुत्ते को लेकर अपनी मंगेतर के घर चला गया। वहां चैन की नींद सोया। यह पहली रात थी जब किसी प्रेतात्मा या आकृति ने उसकी नींद में खलल नहीं डाला।
बच्चे की आकृति ठीक उस तरह से सच्ची थी जैसा वह खुद था। आकृति के चारों तरफ झिलमिलाते तारे से नजर आ रहे थे। डेव डर के मारे अपने बिस्तर से उठा और अपने कमरे से निकल कर सीधा अपने माता-पिता के बेड रूम में भागा। अपने पिता को उठा कर आकृति के बारे में बताया। पिता को उसकी बात पर यकीन नहीं हुआ इसलिए वह उसके साथ उसके कमरे तक नहीं आए बल्कि उन्होंने डेव को डांट कर वापस अपने कमरे में जाकर सोने के लिए कहा और खुद भी सो गए।
डेव ने बताया कि जब वह लौट कर अपने कमरे में गया तो देखा कि बच्चे की वह आकृति अब उसके बेड पर खड़ी थी। डेव ने जल्दी से अपना तकिया उठा लिया। उसने अपना मुंह तकिया से ढका और बेड पर कूद गया। थोड़ी देर अपना मुंह नीचे करके लेटा रहा। कुछ देर बाद जब डेव ने पलट कर देखा तो पता चला कि वह आकृति वहां से गायब हो चुकी है। यह घटना उसके साथ कई साल तक समय समय पर घटती रही। यह आकृति डेव को दिखाई देती लेकिन उसने कभी उसको कोई नुकसान नहीं पहुंचाया और न उसे कभी परेशान ही किया।
1990 तक डेव को आकृति दिखनी धीरे धीरे कम हो गई। डेव ने बाद में बताया कि यह आकृति उसे अपने बेड रूम में एक खास एंगल से देखने पर ही दिखाई देती थी। जब भी उसे आकृति दिखाई देती या तो वह अपने कमरे का दरवाजा बंद कर लेता या फिर डर कर अपने माता पिता के कमरे में जा दुबकता था।
कई बार तो उसके घर वालों को काफी अजीब लगता कि 18 साल का डेव यों और कैसे जमीन पर सिकुडा़ सा सोया पड़ा़ है। उसके माता-पिता और बहन ने कभी उसकी इस बात पर विश्वास नहीं किया कि उसने अपने बेडरूम में कुछ अजीब देखा है। वे सब इसको महज उसके मन का वहम ही समझते रहे।
डेव ने बताया कि उसको देर रात तक टीवी देखने की आदत थी। देर से घर आने पर भी वह एकआध घंटे के लिए टीवी के आगे जरूर बैठा रहता था। एक रात का किस्सा उसने बताया कि जब वह नीचे कमरे में बैठा टीवी देख रहा था तो उसने देखा कि पीछे चार पांच सीढ़ियों पर कोई आकृति खड़ी उसे देख रही है। कुछ देर बाद अचानक वह आकृति वहां से गायब हो गई। कई बार आकृति अपना रंग बदलती और कभी ज्यादा पारदर्शी हो जाती थी।
डेव के एक पड़ोसी को इस तरह की घटनाओं की जानकारी थी। उसे इस तरह की घटनाओं और बातों का अच्छा ज्ञान था। डेव ने पड़ोसी से अपने साथ घट रही इस तरह की घटनाओं के बारे में बातचीत की। पड़ोसी ने डेव से कहा कि अगर फिर कभी उसे वह आकृति दिखाई दे तो निडरता से साथ उसके सामने खड़े हो जाना। उससे कहना कि वह वहां से चली जाए और फिर कभी न दिखाई दे।
डेव ने बताया कि जब भी वह आकृति उसके सामने होती थी उसे अपने शरीर के अंदर कमजोरी महसूस होती थी। उसे लगता था कि जैसे उसमें जान ही नहीं बची है। वह जड़वत ठिठका सा वहीं का वहीं खड़ा रह जाता था और एकटक उसे निहारता रहता था।
डेव ने पड़ोसी की बात मानकर एकाध बार उस आकृति से वहां से भाग जाने और फिर कभी न आने की बात करने की हिम्मत की। काफी समय तक वह आकृति डेव को नजर नहीं आई। अब वह कभी कभार ही उसे दिखाई देती। डेव को अब ऐसा करने में मजा भी आने लगा था।
डेव ने अपने कमरे में बचपन से आ रही इस आकृति के बारे में अपनी गर्ल फ्रेंड को विस्तार से बताया। उसने बताया कि वह आकृति किसी बच्चे की होती है। लगता है जैसे आकृति के सिर में पानी भरा हुआ है और वह अस्पताल का नीला गाउन पहने आती है। लगता है जैसे वह मुझसे मदद मांगना चाहती है या फिर कोई बात बताना चाहती है।
डेव की बात सुनकर पहले तो उसकी गर्ल फ्रेंड ने भी यही कहा कि यह सब सिर्फ तुम्हारे मन का वहम है, लेकिन उसने यह भी कहा कि अगर तुम्हारी बात में सच्चाई है तो तुम्हें अपने मकान, अपने घर परिवार के अतीत के बारे में जानकारी हासिल करनी चाहिए। क्या पता यह कोई भटकी हुई आत्मा हो जो तुमसे मदद मांग कर प्रेत योनि से मुक्ति चाहती हो।
एक दिन डेव ने फैसला किया कि वह अपने मकान और अपने परिवार के अतीत के बारे में जानकारी हासिल करेगा।
मकान का इतिहास पता लगाने पर डेव को मालूम हुआ कि उनका मकान जिस जमीन पर बना हुआ है वह जमीन पहले खेती के काम आती थी। करीब डेढ़ सौ साल पहले वहां मिट्टी की एक सड़क भी बनाई गई थी। इस जमीन पर इस मकान को बने 40 साल के करीब हो गए हैं। यह जमीन पहले जिसकी संपत्ति थी उस परिवार का घर डेव के मकान से कुछ ही दूरी पर आज भी है।
इस मकान में डेव के माता-पिता के रहने आने से पहले यहां एक पति पत्नी रहते थे। उनकी कोई संतान नहीं थी।
डेव से तीन साल छोटी उसकी बहन थी। डेव ने अपने माता-पिता से पूछा कि हम दोनों भाइयों के अलावा भी आपकी कोई संतान हुई थी जो छुटपन में ही मर गई हो और जिसका हमें पता न हो ?
माता पिता ने कहा ऐसा कुछ नहीं था। काफी खोजबीन के बाद भी कोई सुराग हाथ नहीं लगा।
गर्ल फ्रेंड को आकृति दिखाई देने की बात बताने के एक हफ्ते बाद डेव गर्ल फ्रेंड से फिर मिला। डेव ने गर्ल फ्रेंड को बताया कि उसने आकृति को डपट कर कह दिया था कि उसे तंग न करे। यहां से चली जाए और फिर न आए।
फिर भी अगले दिन वह आकृति फिर से उसके सामने थी और उसे डराने की कोशिश कर रही थी। अलबत्ता उस रात वह आकृति कुछ अलग दिखाई दे रही थी।
इस बार इस आकृति के आसपास एक और काले रंग की आकृति की झलक भी दिखाई दे रही थी। डेव ने इसे नाम दिया छोटा शैतान। काले रंग की यह आकृति करीब दो फिट की थी और जमीन पर तेजी से इधर उधर दौड़ लगा रही थी। कभी किसी मंजिल पर तो कभी किसी मंजिल पर पहुंच रही थी। यह काली आकृति लिविंग रूम से हाल की तरफ ही ज्यादा आती जाती दिखाई देती थी।
आइए अब डेव के मकान के और हिस्सों के बारे में भी जान लें।
डेव के परिवार के आने से पहले इस मकान में रहने वालों ने मकान के नीचे एक बेसमेंट खोदनी शुरू की थी जिसे वे पूरा नहीं कर सके। उन लोगों ने घर के बाहर एक तीनेक फिट गहरा अधूरा गड्ढा भी खोदा था, शायद वे उस गड्डे में पालतू कछुआ या मछलियाँ रखना चाहते होंगे।
मकान में हाल के अंदर से एक सीढ़ी बेसमेंट के लिए भी बनाई गई थी लेकिन बेसमेंट अधूरा छोड़ दिया गया था सो ये सीढ़ियां भी अधूरी ही पड़ी थीं। ये सीढ़ियां यदि बनी होतीं तो ये बेसमेंट से हाल में होते हुए दूसरी मंजिल तक जातीं। मकान के अंदर से दो रास्ते उस गड्ढे तक जाते थे जो कछुआ या मछलियां पालने के लिए खोदा गया था।
डेव को कुछ कुछ अंदाजा होने लगा था कि उसे बचपन से दिखाई देने वाली आकृति कहां से आती है और कहां जाती है।
ये आकृतियां डेव के दिलोदिमाग पर इस कदर हावी हो चुकीं थीं कि कभी घर से बाहर होने पर उसकी पूरी कोशिश रहती थी कि वह जल्दी से जल्दी घर पहुंचे। कुत्तों की सूघने और देखने की शक्ति काफी तीव्र होती है। आमतौर पर जब भी डेव के घर पर बच्चे जैसी वह सफेद आकृति डेव को दिखाई देती थी, तब उसके आने का आभास डेव के कुत्ते को भी हो जाया करता था।
जब भी वह आकृति आसपास होती थी तो डेव के कुत्ते की हरकतें फनी हो जाती थीं। वह अजीब हरकतें करने लगता था। जब भी वह काली वाली शैतान आकृति आसपास होती तो कुत्ता अचानक गहरी नींद में सो जाता था। डेव के लाख उठाने के बावजूद कुत्ते की नींद नहीं टूटती थी।
कभी कभी उन आकृतियों के दिखाई देते ही डेव घर से दूर कहीं भी चला जाता था। कभी अपनी गर्ल फ्रेंड या किसी दोस्त के घर पहुंच कर वहां बाकी रात बिताता था।
कभी जब ये दोनों आकृतियां डेव को घेर लेतीं और उसे घर से बाहर जाने का मौका न मिलता तब वह भाग कर अपने कमरे में जाता और तकिए में अपना सिर छिपा कर सो जाता। कभी अपने माता-पिता के बेडरूम में भाग जाता।
डेव जान चुका था कि ये आकृतियां मकान के कुछ हिस्से में ही आती जाती थीं। ये अब डेव के बेडरूम में भी नहीं जाती थीं।
एक बार जब डरा हुआ डेव मां के बेडरूम में पहुंचा तो उसने डेव को हिदायत दी कि अगली बार जब वे आकृतियां दिखाई दें तो वह उन्हें जगा कर वे आकृतियां दिखाए। अगली बार जैसे ही वह शैतान आकृति डेव को सीढ़ियां चढ़ कर हाल में आती दिखाई दी। डेव जल्दी से अपनी मां के कमरे में गया और उन्हें जगाया। डेव अपनी मां को लेकर हाल में आया और उन्हें वह आकृति दिखाई जो अभी भी हाल में मौजूद थी।
डेव ने उंगली से इशारा करके मां को बताया कि देखो वह सीढ़ियों से नीचे उतर रही है। आकृति। तीन सीढ़ियां उतरते ही वह आकृति गायब हो गई। डेव की मां उसे देख नहीं पाई। लेकिन उन्होंने डेव की आंखों की मूवमेंट से अंदाजा लगा लिया कि वह कुछ चलते हुए देख रहा है। उन्होंने अंदाजा लगा लिया कि डेव ने हाल से सीढ़ियों तक किसी को चलते हुए देखा है जिसे वह नहीं देख सकी।
इस घटना के बाद डेव को अहसास होने लगा कि उसके परिवार वाले अब उसकी बातों पर कुछ कुछ विश्वास करने लगे हैं।
बचपन से दिखती इन आकृतियों ने डेव को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया, लेकिन जब भी ये आती थीं तो डेव खुद को कुछ बेचैन महसूस करता था। इतने सालों में यह आकृति कुछ ज्यादा पारदर्शी होती चली जा रही थी। अब कई बार इन आकृतियों के आने से हाल के कई लैम्प और लाइटें खुद ब खुद जलने बुझने लगते थे। हाल में रखे टीवी के कई बार आधी रात के बाद खुला होने का पता डेव को चलता। डेव को पता था कि नीचे कोई नहीं होगा। होंगी वे ही अनसुलझी आकृतियां।
डेव ने अंदाजा लगाया कि बचपन से दिखने वाली सफेद आकृति को मदद की जररूत थी। अब वह धीरे-धीरे और अधिक धुंधलाती जा रही थी। उसने अंदाजा लगाया कि काली वाली आकृति उसकी मदद कर रही है। एक बार डेव को महीने भर तक वे आकृतियां दिखाई नहीं दी।
पहले तो डेव ने पैरासाइक्लोजिस्ट से इस बारे में बात करने की सोची लेकिन फिर उसका विचार बदल गया, क्योंकि इन आकृतियों ने उसको कभी नुकसान नहीं पहुंचाया था और न ही डराने की कोशिश की थी।
एक दिन डेव ने फैसला किया कि वह अधूरी छोड़ी गई बेसमेंट में जाकर देखेगा कि वहां आखिर है क्या। डेव ने अपने कुत्ते को साथ लिया और सीढ़ियों से नीचे बेसमेंट में चला गया। बेसमेंट में सालों से कोई नहीं गया था। वहां डेव को ताश का एक पुराना पत्ता पड़ा हुआ मिला। पत्ता न जाने कितने साल पुराना रहा होगा। डेव को यह देख कर आश्चर्य हुआ कि पत्ते पर धूल का एक कण भी नहीं था। डेव ने पिछले 20 साल से उस तरह के ताश के पत्ते को कभी नहीं देखा था, लेकिन आज उसके सामने उस समय का एक पत्ता था।
ताश के इस पत्ते का एक कोना ऐसा लग रहा था जैसे उसे किसी एसिड में डुबो कर कुछ देर तक रखा गया हो। पत्ते का बाकी हिस्सा सही सलामत और काफी अच्छी स्थिति में था। डेव ने उस पत्ते को उठा लिया और उसे अपनी पाकेट बाइबल के अंदर रख कर अपनी कार में रख दिया।
डेव को कुछ दिन बाद आकृतियां फिर से छोटे साइज में दिखाई देने लगीं। डेव ने आकृतियां फिर से दिखने वाली बात अपनी गर्ल फ्रेंड को फोन करके बताई। अभी वह फोन पर गर्लफ्रेंड को आकृति के अपने सामने होने की बात बता ही रहा था कि आकृति फिर से सीढ़ियाँ चढ़ कर गायब हो गई।
अब की बार आकृति काफी चमकदार थी, ठीक वैसी जैसी कुछ साल पहले थी। लेकिन इस बार आकृति खुश नहीं लग रही थी। इस सफेद आकृति के साथ ही वह काली शैतान आकृति फिर से दिखाई दी। इस बार यह काली आकृति पहले से ज्यादा तेज और बड़ी लगी रही थी। अब वह तकरीबन सात फिट लंबी थी। देखने में ऐसा लगता था कि जैसे यह काली आकृति किसी लंबे आदमी की है। लगता था जैसे यह धुएं से बनी है। ऐसा लगने लगा कि कमरा जैसे खूब सारी शैतान काली आकृतियों से भर गया हो।
सामने दीवार पर एक छह फिट ऊंचा और चार फिट चौड़ा किसी आदमी का चेहरा उभरा हुआ था। देखने में वह कुछ कुछ जाना पहचाना सा लग रहा था। वह इस तरह से बोल रहा था जैसे कोई बगैर दांतों का आदमी बोलता है। लेकिन उसकी आवाज समझ से परे थी। लगता था जैसे वह किसी बात के लिए डेव से माफी माँगने की कोशिश कर रहा था।
डर के मारे डेव कमरे से बाहर भागा, और अपनी कार में दुबक कर बैठ गया। वह समझ चुका था कि अब उसका सामना किसी नई भटकी हुई आत्मा से होने वाला है।
अगली रात डेव ने अपनी सुरक्षा के लिए काफी प्रार्थना वगैरह की। उसने प्रार्थना की कि ईश्वर उसे शक्ति दे और इन प्रेतात्मा को उससे दूर करे। डेव ने अपने एक हाथ में अपनी बाइबल थामी हुई थी और सीडी पर कुछ सुन रहा था।
तड़के तकरीबन दो बजे डेव ने देखा कि उसका कुत्ता अचानक काफी गहरी नींद में सो गया जबकि पहले तो जरा सी आहट होते ही उठ जाया करता था। डेव को फिर से किसी आत्मा का अपने कमरे होने का अहसास हो गया। उसने इधर उधर नजर दौड़ानी शुरु कर दी। उसके सामने दो आकृतियां थीं। इनमें वह काली वाली लंबी आकृति भी थी। डेव ने दृढ़ता के साथ उन आत्माओं से कहा कि मैं, मेरा परिवार और हमारा यह घर ईश्वर की कृपा से सुरक्षित है। तुम हमारा कोई नुकसान नहीं कर सकोगी। यहां से चली जाओ।
ऐसा कहते हुए डेव लंबी काली वाली आकृति के करीब पहुंचा। डेव ने देखा कि उस आत्मा ने उसका रास्ता छोड़ दिया। डेव कमरे से निकल कर चला और पीछे पलट कर नहीं देखा। इस घटना के दो साल बाद तक डेव ने उन आत्माओं को अपने आसपास या घर में कहीं नहीं देखा। इस बीच उसके पिता ने अधूरे बेसमेंट की अधूरी सीढ़ि़यों पर एक बाइबल रख छोड़ी। एक क्रॉस दरवाजे पर रख दिया। डेव ने महसूस किया कि तब से एक भी भटकती आकृति उसके आसपास मंडराने नहीं आई।
इस इंतजाम के बाद डेव को कोई आकृति भले ही नहीं दिखाई दी लेकिन उसे अक्सर ऐसी आवाजें सुनाई देने लगीं जैसे कोई बेसमेंट में कूद रहा हो या चल रहा हो या टहल रहा हो।
डेव उन आकृतियों या आत्माओं के अपने घर के बेसमेंट में होने को तो महसूस करता था लेकिन वे उसे साक्षात कभी नहीं दिखती थीं। लगता था जैसे उन आकृतियों को अब बेसमेंट से निकलने का रास्ता नहीं मिल रहा हो।
धीरे-धीरे डेव को यह यकीन हो चला था कि उनका मकान जिस जमीन पर बना हुआ है, उस जमीन में भूतों का डेरा भी है। जब डेव ने प्रेतात्माओं से यह जगह छोड़ने के लिए कहा तो उन्होंने उसके सम्पर्क में आना कम कर दिया या बंद कर दिया। लेकिन भूत प्रेत उस जगह को छोड़ कर नहीं गए और वहीं बने रहे। उन्होंने डेव को कभी कोई हानि नहीं पहुंचाई, लेकिन हर वक्त डेव का ध्यान उनकी तरफ बना रहे इसके लिए कुछ न कुछ वे जरूर करते रहे।
डेव समझ नहीं पाता था कि आखिर क्या हो रहा है। परिवार वाले अब डेव की बातों पर कुछ विश्वास करने लगे थे। डेव प्रेतात्माओं से संपर्क साधने की फिराक में रहने लगा। उसे पता चल गया था कि आसपास काफी बुरी आत्माएं भी हैं जो इंसानों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इन बुरी आत्माओं में से एक के साथ डेव की मुठभेड़ हो चुकी थी।
डेव उस बुरी आत्मा से तब टकराया था जब वह उसके कमरे के पीछे के गेट के पास खड़ी उसे टकटकी लगाए देख रही थी। यह उन आत्माओं में से एक नहीं थी जिन आत्माओं का उसके अपने घर के बेसमेंट पर कब्जा था। डेव समझ गया कि कई सालों से उसके सामने आने वाली लंबी काली परछाई बुरी आत्मा ही थी लेकिन उसने डेव को नुकसान नहीं पहुंचाया यह डेव की किस्मत की बात थी। जनवरी 1997 में डेव ने तय किया कि दो हफ्ते बाद वह अपने माता-पिता का घर छोड़ कर अपनी मंगेतर के साथ कहीं और रहने चला जाएगा।
डेव भूतों से डर कर मकान नहीं छोड़ रहा था। बल्कि वह अपने काम के कारण वहां से जा रहा था। उस रात अपने कम्प्यूटर पर वेब पेज का काम निबटाने के बाद डेव दो बजे के करीब सोने के लिए अपने कमरे की तरफ चला। अभी वह अपने माता-पिता के बेडरूम के आगे से निकला ही था कि उसके हाथ से एक कागज जमीन पर गिर गया। कागज उठाने के लिए डेव नीचे झुका। नीचे झुकते ही उसने देखा कि उसके माता-पिता के बेडरूम का गोल लॉक अपने आप धीरे से घूमा और दरवाजा करीब चार इंच तक खुल गया।
कमरे से किसी औरत की आवाज आई जो डेव को उसका नाम लेकर पुकार रही थी। जवाब में डेव ने कहा क्या है ? इतने में कमरे का दरवाजा कुछ और खुल गया। डेव ने कमरे में झांक कर देखा तो पाया कि उसके माता पिता गहरी नींद में दूसरी तरफ मुंह फेर कर सो रहे थे। डेव को ऐसा लग रहा था जैसे महिला की आवाज उसके बगल से ही आ रही है।
तभी खटपट की कुछ आवाजें सुनाई दीं। डेव तेजी से नीचे गया और अपने कुत्ते को अपने मां बाप के बेडरूम के पास लाया लेकिन अब वहां कोई नहीं था। कुत्ते को भी किसी के होने का कोई अहसास नहीं हुआ।
डेव अपने कुत्ते को साथ लिए अपने कमरे में सोने के लिए चला गया। यों तो कमरा खाली ही था लेकिन डेव को कमरे में किसी के होने का अंदेशा हुआ। वह अपने बेड पर लेट गया। कमरे की छत पर मछलियां टंगी हुई थीं। फिर भी मछलियाँ तेजी से हिल रही थीं। उसका कुत्ता ऐसी हरकतें करने लगा जिनसे डेव को यकीन हो चला कि कमरे में उसके और उसके कुत्ते के अलावा और भी कोई है।
कुछ देर बाद कमरे में रखी चीजें हवा में गोल गोल घूमने लगीं। डेव डर गया। दस मिनट सब की सब चीजें खुद ब खुद जस की तस थिर हो गई। डेव ने अन्दाजा लगाया कि हो न हो उसके यहां होने का अहसास दिलाने के लिए ये तमाम हरकतें कर रही हैं। चूंकि इस घर में एक वही है जो बचपन से इनके संपर्क में है।
बहरहाल, डेव उसी रात अपने कुत्ते को लेकर अपनी मंगेतर के घर चला गया। वहां चैन की नींद सोया। यह पहली रात थी जब किसी प्रेतात्मा या आकृति ने उसकी नींद में खलल नहीं डाला।
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