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भवानी नंदन श्रीगणेश

युगेश्वर

प्रकाशक : लोकभारती प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2000
पृष्ठ :242
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 520
आईएसबीएन :0000-0000

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लेखक ने संपूर्ण गणेश कथा का संग्रह, संयोजन एवं उनका बुद्धिभाव से संयुक्त संस्थापन किया है। इसी से संपूर्ण उपन्यास जितना भावुक है, उतना ही संदेश निदेशक भी। आँखे खोलने वाला। खुली दृष्टि में लोकोत्तर रंग भरने वाला।

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