कविता संग्रह >> स्थिर चित्र स्थिर चित्रजगन्नाथ प्रसाद दास
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‘स्थिर चित्र’ में उड़िया कवि की यात्रा आत्मनेपदी से परस्मैपदी तक, रोमांटिक आवेग से धूसर नित्य तक, अन्तर्निहित इन्दधनुष के रंगों से हमारे समय के अघटित विघटन तक है।
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