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गीता प्रेस, गोरखपुर >> तीस रोचक कथाएँ

तीस रोचक कथाएँ

गीताप्रेस

प्रकाशक : गीताप्रेस गोरखपुर प्रकाशित वर्ष : 2008
पृष्ठ :128
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 6120
आईएसबीएन :81-293-1398-7

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प्रस्तुत पुस्तक में विभिन्न वेदों एवं पुराणों से संगृहीत गायका मूल्य, कुसंग का परिणाम, विश्वास की विजय, संगीत से भगवत्प्राप्ति, द्वादशाक्षर महामन्त्र की महिमा आदि कथाओं का संकलन किया गया है।

Tees Rochak Kathayein -A Hindi Book by Geetapress Gorakhpur - तीस रोचक कथाएँ - गीताप्रेस

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

नम्र निवेदन

भगवान् एवं उनके भक्तों की कथाएं ही सत्कथाएँ हैं। इन कथाओं का श्रवण, मनन और पठन-पाठन व्यक्ति एवं समाज के नैतिक उत्थान में सहायक है। उच्च आदर्शों की प्रतिष्ठा में पौराणिक प्रेरक कथाओं का महत्त्वपूर्ण योगदान है। राष्ट्र चरित्र को समुन्नत एवं दृढ़ बनाने में तथा नैतिक मूल्यों की स्थापना करने में भक्त और भगवान् की कथाएँ एक सशक्त माध्यम हैं। ये कथाएँ सत्य, न्याय, दया, सहयोग, संगठन आदि उपयोगी गुणों के प्रति हमें संवेदनशील बनाती हैं। मानव-जीवन के बहुमुखी विकास में ये सत्कथाएँ अत्यन्त सहयोगी हैं। वास्तव में पौराणिक कथाओं का लक्ष्य मनुष्य को भगवत्प्राप्ति की दिशा में प्रेरित करना है उपदेशपूर्ण कथाओं से हमारा वैदिक एवं पौराणिक साहित्य भरा पड़ा है। इन कथाओं के श्रवण और मनन से प्रेरणा प्राप्त कर प्रत्येक व्यक्ति जीवन के गूढ़ रहस्यों तथा आत्मोद्धार मार्ग से सहज ही परिचित हो सकता है। इसलिए उच्च आदर्शों एवं नैतिक जीवन की प्रेरणा देनेवाली रोचक कथाएँ बालक, वृद्ध और महिलाएँ-सभी को प्रिय लगती हैं। संसार बदल गया, वैज्ञानिक युग आ गया, फिर भी कभी न भूलने वाली धर्मकथाएँ आज भी जनता को लोकप्रिय हैं और जन-जनको आदर्श जीवन की प्रेरणा दे रही हैं।

प्रस्तुत पुस्तक में विभिन्न वेदों एवं पुराणों से संगृहीत गायका मूल्य, कुसंग का परिणाम, विश्वास की विजय, संगीत से भगवत्प्राप्ति, द्वादशाक्षर महामन्त्र की महिमा आदि कथाओं का संकलन किया गया है।
आशा है, पाठकगण इसके स्वाध्याय से प्रेरणा लेकर अपने आत्मोद्धार का पथ प्रशस्त करेंगे।

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