गीता प्रेस, गोरखपुर >> बालक की दिनचर्या बालक की दिनचर्याहनुमानप्रसाद पोद्दार
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बालक कैसे जागे, और कैसे सोए, और जागने के समय से लेकर सोने तक क्या-क्या और कैसे करे –यही इस छोटी सी पुस्तक में लेखकों के द्वारा संक्षेपतः बताया गया है।
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
नम्र निवेदन
बालक कैसे जागे, और कैसे सोए, और जागने के समय से लेकर सोने तक क्या-क्या
और कैसे करे –यही इस छोटी सी पुस्तक में लेखकों के द्वारा
संक्षेपतः
बताया गया है। इस प्रकार इसमें बालक की पूरी दिनचर्या आ गयी है तथा साथ ही
स्वास्थ औऱ सफाई के प्रारम्भिक नियमों का भी दिग्दर्शन करा दिया गया है इस
प्रकार इस एक ही पुस्तक में बालकों के रहन-सहन की प्रायः सारी बातें
सूत्र-रूप में आ गयी हैं। आशा है, इससे बालकों की शिक्षा के एक आवश्यक अंग
की पूर्ति होगी।
विनीत
हनुमानप्रसाद पोद्दार
हनुमानप्रसाद पोद्दार
बालक की दिनचर्या
सबेरे जागो
नित्य सबेरे जागो।
सूर्य उगने से पहले जागो।
घर में सबसे पहले जागो।
उजाला होने से पहले जागो।
दिन निकलने से पहले जागो।
झटपट जागो, चटपट जागो।
सूर्य उगने से पहले जागो।
घर में सबसे पहले जागो।
उजाला होने से पहले जागो।
दिन निकलने से पहले जागो।
झटपट जागो, चटपट जागो।
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