| अतिरिक्त >> भारत सपूत भारत सपूतरामस्वरूप दुबे
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शिक्षाप्रद, मनोरंजक और देशप्रेम की प्रेरक सहज सरल बालोपयोगी कविताएँ .....
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
गणपति-वन्दन
विघ्न-विनाशक, जय गिरिजा-सुत,
कृपा-कोर हम चाहें।
करुणा-पूरित नयन तिहारे
सुगम बनाते राहें।।
लम्बोदर तुम, एक दन्त हो,
महाबुद्धि विख्याता।
सब देवों से पहिले पूजित,
सभी सिद्धि के दाता।।
शरणागत हम, दास तिहारे,
हे पाप-पुंज हारी,
भय-मुक्त करो, सब शोक हरो,
तुम सबके हितकारी।।
भारत माता सबकी माता
(सब धर्मों के बच्चों की सामूहिक प्रार्थना)
सुनो हे ईश, नवायें शीश,
कृपा करो हे दया निधान।
आप खुदा हैं, आप गाड हैं,
आप ही हम सबके भगवान्।।
हमें उठाओ, हमें बढ़ाओ,
बना दो हमको लौह समान ।
कभी न हारें, तन-मन वारें,
रहे देश का हमकों ध्यान।।
भारत माता,, सबकी माता,
त्यागें ऊँच-नीच अभिमान।
जो कथनी हो, वह करनी हो,
बढ़ावें हम भारत का मान।।
कृपा-कोर हम चाहें।
करुणा-पूरित नयन तिहारे
सुगम बनाते राहें।।
लम्बोदर तुम, एक दन्त हो,
महाबुद्धि विख्याता।
सब देवों से पहिले पूजित,
सभी सिद्धि के दाता।।
शरणागत हम, दास तिहारे,
हे पाप-पुंज हारी,
भय-मुक्त करो, सब शोक हरो,
तुम सबके हितकारी।।
भारत माता सबकी माता
(सब धर्मों के बच्चों की सामूहिक प्रार्थना)
सुनो हे ईश, नवायें शीश,
कृपा करो हे दया निधान।
आप खुदा हैं, आप गाड हैं,
आप ही हम सबके भगवान्।।
हमें उठाओ, हमें बढ़ाओ,
बना दो हमको लौह समान ।
कभी न हारें, तन-मन वारें,
रहे देश का हमकों ध्यान।।
भारत माता,, सबकी माता,
त्यागें ऊँच-नीच अभिमान।
जो कथनी हो, वह करनी हो,
बढ़ावें हम भारत का मान।।
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