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रोशनी की नदी

अश्वघोष

प्रकाशक : नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया प्रकाशित वर्ष : 2006
पृष्ठ :16
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 6180
आईएसबीएन :81-237-4735-7

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सरजू धीरे-धीरे घर की ओर बढ़ रहा था। उसके पैरौं में तेजी नहीं थी। आज उसे लग रहा था, जैसे किसी ने उसके पैरों की शक्ति खींच ली हो। उसके सिर में दर्द भी था। पहले उसने सोचा कि वह रोजाना की तरह बस पकड़ ले।

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