इतिहास और राजनीति >> भारत की एकता का निर्माण भारत की एकता का निर्माणसरदार पटेल
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स्वतंत्रता के ठीक बाद भारत की एकता के लिए सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा देश की जनता को एकता के पक्ष में दिये गये भाषण
भारत की एकता का निर्माण
वक्तव्य
१५ अगस्त १९४७ को जब भारत स्वाधीन हुआ, तब भारत में ९ प्रान्तों के अतिरिक्त ५८४ रियासतें थीं। इन ५८४ रियासतों में केवल हैदराबाद, काश्मीर और मैसूर यही ३ रियासतें ऐसी थीं, जो आकार और आबादी के लिहाज से पृथक् राज्यों का रूप धारण कर सकती थीं। अधिकांश रियासतें बहुत छोटी थीं और २०२ रियासतें तो ऐसी थीं, जिनका क्षेत्रफल १० वर्गमील से अधिक नहीं था। उस पर भी ये सब की सब रियासतें शासन की पृथक् इकाइयाँ बनी हुई थीं।
रियासतों का यह महकमा भारत के प्रथम उपप्रधान मन्त्री श्री सरदार वल्लभभाई पटेल को सौंपा गया और दो वर्षों के भीतर ही उन्होंने सम्पूर्ण भारत को एक बना दिया। उक्त ५८४ रियासतों का ५,८८,००० वर्ग मील क्षेत्रफल और १० करोड़ के लगभग आबादी इस अल्पकाल ही में भारत के आन्तरिक भाग बन गए। उसी तरह, जिस तरह भारत के अन्य राज्य हैं। हैदराबाद, मैसूर और काश्मीर को पृथक् पृथक् और अन्य कितनी ही रियासतों के संघ बनाकर उन्हें भी श्रेणी के राज्य बना दिया गया। सैकड़ों छोटी-छोटी रियासतें आसपास के बड़े राज्यों में मिला दी गईं। परिणाम यह हुआ कि भारत भर में पूर्ण प्रजातन्त्र स्थापित हो गया और सन् १९५२ का निर्वाचन समूचे देश में बालिग मताधिकार के आधार पर समान रूप में हुआ।
इस नवीन भारत की एकता के निर्माण में सरदार पटेल के इन २७ भाषणों का अत्यन्त महत्वपूर्ण स्थान है। स्वाधीनता के पहले २३ वर्षों की भारतीय समस्याओं पर इन भाषणों में जो प्रकाश डाला गया है, उसका महत्व ऐतिहासिक है। ये भाषण देश के लिये चिरकाल तक प्रकाश-स्तम्भ का काम देते रहेंगे। इसी दृष्टिकोण से इन्हें भारतीय जनता की भेंट किया जा रहा है।
२ अक्तूबर १९५४
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- वक्तव्य
- कलकत्ता - 3 जनवरी 1948
- लखनऊ - 18 जनवरी 1948
- बम्बई, चौपाटी - 17 जनवरी 1948
- बम्बई, शिवाजी पार्क - 18 जनवरी 1948
- दिल्ली (गाँधी जी की हत्या के एकदम बाद) - 30 जनवरी 1948
- दिल्ली (गाँधी जी की शोक-सभा में) - 2 फरवरी 1948
- दिल्ली - 18 फरवरी 1948
- पटियाला - 15 जुलाई 1948
- नई दिल्ली, इम्पीरियल होटल - 3 अक्तूबर 1948
- गुजरात - 12 अक्तूबर 1948
- बम्बई, चौपाटी - 30 अक्तूबर 1948
- नागपुर - 3 नवम्बर 1948
- नागपुर - 4 नवम्बर 1948
- दिल्ली - 20 जनवरी 1949
- इलाहाबाद - 25 नवम्बर 1948
- जयपुर - 17 दिसम्बर 1948
- हैदराबाद - 20 फरवरी 1949
- हैदराबाद (उस्मानिया युनिवर्सिटी) - 21 फरवरी 1949
- मैसूर - 25 फरवरी 1949
- अम्बाला - 5 मार्च 1949
- जयपुर - 30 मार्च 1949
- इन्दौर - 7 मई 1949
- दिल्ली - 31 अक्तूबर 1949
- बम्बई, चौपाटी - 4 जनवरी 1950
- कलकत्ता - 27 जनवरी 1950
- दिल्ली - 29 जनवरी 1950
- हैदराबाद - 7 अक्तूबर 1950