इतिहास और राजनीति >> भारत की एकता का निर्माण भारत की एकता का निर्माणसरदार पटेल
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स्वतंत्रता के ठीक बाद भारत की एकता के लिए सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा देश की जनता को एकता के पक्ष में दिये गये भाषण
सब से पहले मैं आपसे यह कहना चाहता हूँ कि हमने हिन्दोस्तान को परदेसी हुकूमत से तो आजाद कर लिया, लेकिन उसके बाद हिन्दुस्तान में जो हालत हुई, उससे हम लोगों को काफी दर्द हुआ। हिन्दुस्तान के दो हिस्से किए गए। दो हिस्से करने के जो कारण थे, उनके बारे में मैं कुछ भी कहना नहीं चाहता। बंगाल के भी हमें दो टुकड़े करने पड़े। दो टुकड़े क्यों हुए, उस चीज़ में जाने से आज कोई फायदा नहीं। लेकिन उससे हमको काफ़ी नुकसान हुआ। इतना नुकसान होते हुए भी, यदि हम उस नुकसान में से, उस खराबी में से कुछ पाठ सीख लें, तो हमारा वह नुकसान कम हो जाएगा। आखिर बंगाल के दो टुकड़े करने से ही तो कोई ऐसा बिगाड़ नहीं हो सकता है कि हम एक दूसरे से इस तरह से अलग हो जाएँ, जैसे दो दुश्मन हों। क्योंकि आखिर बंगाल की भाषा एक है, एक के दो बंगाल बन जाने पर भी बंगाल का अपना एक कल्चर है, एक साहित्य है, एक रंग-ढंग है। आज तक आप साथ-साथ रहे, अब आप आपस में क्यों लड़े?
लेकिन दूसरी ओर यह भी मैं आपसे नहीं छिपाना चाहता हूँ कि मेरे दिल में काफी अन्देशा है कि अब क्या होगा? हिन्दुस्तान और पाकिस्तान के बीच में आज जो हालत है, अगर वही हालत चलती रही, तो दोनों की बड़ी मुसीबत होगी। उस मुसीबत को दूर करने के लिए हमे क्या करना चाहिए? हम कोई ऐसी चीज न करें, जिससे हमारे ऊपर कोई दोष आए। आप यह भी जानते हैं कि पाकिस्तान को छोड़ कर भी हमारा जो मुल्क बाकी बच रहा है वह बहुत बड़ा मुल्क है। बत्तीस करोड़ की आज भी हमारी आबादी है। अब इस बत्तीस करोड़ की आबादी वाले इतने बड़े मुल्क को उठाने के लिए अगर हम काम करें, तो वह बहुत बड़ा काम होगा। इस चीज़ में हम अपनी सारी शक्ति लगाएँ, उसके लिए हमें मौका मिलना चाहिए।
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- वक्तव्य
- कलकत्ता - 3 जनवरी 1948
- लखनऊ - 18 जनवरी 1948
- बम्बई, चौपाटी - 17 जनवरी 1948
- बम्बई, शिवाजी पार्क - 18 जनवरी 1948
- दिल्ली (गाँधी जी की हत्या के एकदम बाद) - 30 जनवरी 1948
- दिल्ली (गाँधी जी की शोक-सभा में) - 2 फरवरी 1948
- दिल्ली - 18 फरवरी 1948
- पटियाला - 15 जुलाई 1948
- नई दिल्ली, इम्पीरियल होटल - 3 अक्तूबर 1948
- गुजरात - 12 अक्तूबर 1948
- बम्बई, चौपाटी - 30 अक्तूबर 1948
- नागपुर - 3 नवम्बर 1948
- नागपुर - 4 नवम्बर 1948
- दिल्ली - 20 जनवरी 1949
- इलाहाबाद - 25 नवम्बर 1948
- जयपुर - 17 दिसम्बर 1948
- हैदराबाद - 20 फरवरी 1949
- हैदराबाद (उस्मानिया युनिवर्सिटी) - 21 फरवरी 1949
- मैसूर - 25 फरवरी 1949
- अम्बाला - 5 मार्च 1949
- जयपुर - 30 मार्च 1949
- इन्दौर - 7 मई 1949
- दिल्ली - 31 अक्तूबर 1949
- बम्बई, चौपाटी - 4 जनवरी 1950
- कलकत्ता - 27 जनवरी 1950
- दिल्ली - 29 जनवरी 1950
- हैदराबाद - 7 अक्तूबर 1950