लोगों की राय

अतिरिक्त >> सच की खोज

सच की खोज

लीला जॉर्ज

प्रकाशक : नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया प्रकाशित वर्ष : 2000
पृष्ठ :32
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 6213
आईएसबीएन :81-237-0181-0

Like this Hindi book 5 पाठकों को प्रिय

53 पाठक हैं

प्रस्तुत है लीला जॉर्ज की रोमांचक कहानी सच की खोज ....

Sach Ki Khoj -A Hindi Book by Lila George

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

राजकुमार का जन्म


दो हजार पाँच सौ साल से भी पहले की बात है। भारत में, हिमालय की छाया में एक नगर था। नाम था कपिलवस्तु। यह शाक्यों की राजधानी थी। शुद्धोधन इसके राजा थे। महामाया उनकी रानी थीं।
एक रात महामाया ने अजीब सा सपना देखा। उसने देखा कि एक सफेद हाथी है। वह अपनी सूड़ में कमल का फूल लिए उसके पास आया। तीन बार महामाया के चारों ओर घूमा। फिर उसके गर्भ में समा गया।

पंडितों ने सपने का मतलब बताया। महारानी पुत्र को जन्म देने वाली हैं।
प्रसव का समय निकट आया। महामाया अपने मायके के लिए निकलीं। रास्ते में एक जगह थी लुम्बिनी। वहाँ साल के पेड़ों का कुंज था। इसी कुँज में महामाया ने एक जगह पुत्र को जन्म दिया। उसका नाम रखा सिद्धार्थ।
महारानी कपिलवस्तु लौट आयी। हर ओर खुशियाँ छा गयीं।

कुछ ही समय बाद एक साधु आया। नवजात बालक को देख बोल उठा- ‘‘यह बालक महान है।’’
इतना कहने के बाद वह रोने लगा। राजा को चिंता हुई। रोने का कारण पूछा। साधु बोला, ‘‘यह बालक जगत में ज्ञान की रोशनी फैलायेगा। मैं बूढ़ा हो चला हूं। मैं वह दिन नहीं देख सकूंगा। यही मेरे रोने का कारण है।’’
बालक सात ही दिन का हुआ था की महामाया चल बसीं। उसकी बहन थी प्रजापति गौतमी। उसी ने बालक का लालन-पालन किया। इसलिए सिद्धार्थ का दूसरा नाम गौतम भी पड़ा।

 

प्रथम पृष्ठ

लोगों की राय

No reviews for this book