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नाटक एवं कविताएं >> रंग बिरंगा रंगमंच

रंग बिरंगा रंगमंच

फैसल अल्काजी

प्रकाशक : नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया प्रकाशित वर्ष : 2006
पृष्ठ :39
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 6239
आईएसबीएन :81-237-3174-4

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कितनी मजेदार होती है कल्पना की दुनिया ? जरा सोचो कि तुम एक चिड़िया हो, पर फैलाये, जहां मन चाहे फुर्र से उड़ गए....

Rang Biranga Rangmanch-A Hindi Book by Faisal Alkaji

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

चलो नाटक करें

कितनी मजेदार होती है कल्पना की दुनिया ? जरा सोचो कि तुम एक चिड़िया हो, पर फैलाये, जहां मन चाहे फुर्र से उड़ गए या यह कि डाकू तुम्हारे घर में घुस आएं और तुम हो अकेले, फिर क्या होगा ? मान लो तुम एक बहुत ही अमीर मेम साहब हो, जो  नाक उठाए चली जा रही है। केले का छिलका पैर के नीचे आया और अरर्-धड़ाम। हाँ, अब बताओ कैसा लगा ऐसी कल्पनाएं करने में ? मजा आया ! फिर तो तुम नाटक में हिस्सा लेने के लिए बिल्कुल ठीक  होगे।
यह किताब आपको बताएगी कि नाटक में अभिनय कैसे करते हैं। और ये सब बातें भी जान सकोगे जिनसे नाटक मंचन के लिए तैयार होता है।

शुरू करते हैं कुछ आसान खेल और मजेदार तमाशों से, जो कि तुम अपने मित्रों के साथ कर सकते हो। अगर तुम सचमुच बहुत अच्छा अभिनय चाहते हो तो यहाँ बताये गये हर खेल बहुत ही जरूरी हैं। हाँ याद रहे नाटक करने के लिए कोई निश्चित नियम नहीं होते लेकिन कुछ अभ्यास और गतिविधियाँ जरूरी हैं। इससे अच्छे अभिनय की दक्षता मिलती है।

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