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नेहरू बाल पुस्तकालय >> पहेली

पहेली

जगदीश जोशी

प्रकाशक : नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया प्रकाशित वर्ष : 2007
पृष्ठ :24
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 6254
आईएसबीएन :978-81-237-4930

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मुनिया को उगता सूरज बहुत भाता है। लेकिन मुनिया के लिए वह एक पहेली बना हुआ है। ‘‘सूरज हर रोज पूर्व दिशा से उदय होता है और शाम को पश्चिम दिशा में अस्त होता है...

Paheli A Hindi Book by Gagdish Joshi

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

पहेली

मुनिया को उगता सूरज बहुत भाता है। लेकिन मुनिया के लिए वह एक पहेली बना हुआ है। ‘‘सूरज हर रोज पूर्व दिशा से उदय होता है और शाम को पश्चिम दिशा में अस्त होता है......लेकिन दूसरे दिन सुबह वह फिर से पूर्व दिशा में कैसे उदय हो जाता है ? कभी वह बेहद गर्म होता है तो कभी बहुत सुहावना। यह भला कैसे होता है ?’’ मुनिया सोचती।

मुनिया अपने साथियों से सूरज के बारे में बार-बार जानना चाहती। लेकिन चिड़िया चीं,चीं,चीं करती हुई एक डाल से दूसरी डाल पर उछल-कूद करती रहतीं। किसी को भी मुनिया की बात पर ध्यान देने की फुरसत नहीं थी।

फिर एक दिन मुनिया इस पहेली को सुलझाने के लिए अपने आप निकल पड़ी।

रास्ते में मुनिया एक बड़े सरोवर में हंस को तैरते हुए देखा। मुनिया बांस के ठूंठ पर बैठते हुए बोली, ‘‘हंस मामा, बड़े खुश नजर आ रहे हो !’’ हंस ने मुस्कराते हुए जवाब दिया, ‘‘मुनिया, तुम बड़ी भोली हो। देखती नहीं, सुबह की धूप में कमल के फूलों में कैसी बहार आ गयी है। इन खिले हुए कमलों को देखकर किसे खुशी नहीं होगी !’’

मुनिया यह जानकर हैरान रह गयी कि धूप इतनी अच्छी होती है। वह यह भी समझ गयी कि सूरज निकलते ही फूल खिलने लगते हैं।
मुनिया आगे उड़ चली।


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