खाना खजाना >> वैज़ ओरियंटल कुक बुक वैज़ ओरियंटल कुक बुककोमल तनेजा
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थाई, इंडोनेशियन, जापानी, कोरियन, मलेशियन, चीनी, सिंगापुरी, कंबोडियन, वियतनामी व्यंजन बनाने की विधियां...
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
सुदूर पूर्वी भोजन के रूप में ओरियंटल व्यंजन पूरी दुनिया में अपनी सुगंध
फैलाने लगे हैं। पिछले कुछ वर्षों से इनकी लोकप्रियता इतनी बढ़ी कि भोजन
प्रेमियों ने चीनी और थाई व्यंजनों को ही नहीं बल्कि मलेशिया, कंबोडिया
वियतनाम, सिंगापुर, कोरिया, इण्डोनेशिया व जापान के व्यंजनों को भी अपनी
पसंद में शामिल किए हैं। इन व्यंजनों का स्वाद और सुगंध का संतुलित रूप
खट्टा, मीठा, नमकीन व तीखा है। इन व्यंजनों में ताजे फलों के योग से मीठे
व्यंजनों का स्वाद निराला हो जाता है। इन व्यंजनों की सबसे खास बात है कि
इन्हें बनाने के लिए सेहतमंद सरल तकनीकों के साथ-साथ विविध प्रकार के तीखे
व चटपटे मसाले व जड़ी-बूटियों का प्रयोग किया गया है।
कड़ी मेहनत हमेशा निखारती है, आशा है मेरी मेहनत आपके स्वाद और स्वास्थ्य को रंगीन बनायेगी।
कड़ी मेहनत हमेशा निखारती है, आशा है मेरी मेहनत आपके स्वाद और स्वास्थ्य को रंगीन बनायेगी।
समर्पण
यह पुस्तक मैं अपने ब्रदर-इन-लॉ, एम.डी. ‘फ्लेक्सी टूर्स
प्राइवेट
लि.’ के श्री रमन एस. तनेजा को उनके प्रोत्साहन के लिए समर्पित
करती
हूं। उन्होंने भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों के लिए ‘कुकिंग
डेमो व
पर्सनलाइज्ड क्यूलिनरी क्लासिज’ (Cooking Demos and
personalized
culinary classes) की व्यवस्था द्वारा मेरी पाक विशेषज्ञता को
अंतर्राष्ट्रीय पहचान दी। ये कक्षाएं मेरी पाकशाला वर्कशॉप
‘कोमल्स
किचन अफेयर्स’ में आयोजित की जाती हैं। यह विदेशी पर्यटकों के
लिए
लाभदायक हैं। इसमें उन्हें भारतीय भोजन, सभ्यता, विधियां व स्वाद की
जानकारी मिलती है तथा भारतीय व्यंजन व पाक-कला को एक वैश्विक पहचान मिलती
है।
भूमिका
ओरियंटल व्यंजन, सुदूर पूर्वी भोजन के रूप में पूरी दुनिया में लोकप्रिय
होता जा रहा है। पिछले कुछ वर्षों से इन व्यंजनों की लोकप्रियता काफी बढ़ी
है। पहले-पहल भोजन प्रेमियों की पसंद में चीनी व थाई व्यंजनों की ही माँग
थी, किन्तु अब मलेशिया, कंबोडिया वियतनाम, सिंगापुर, कोरिया, इण्डोनेशिया
व जापान के व्यंजन भी शामिल होते जा रहे हैं।
ऐशियाई व्यंजन पकाने की विधियां, उपाय व राज सुदूर सभी पूर्वी देशों के भोजन प्रेमियों के स्वाद में अपनी जगह बनाने लगे हैं। तैयार व पकने में लगने वाला समय ही आज के दौर में इनकी प्रसिद्धि का सबसे बड़ा राज है। सबसे खास बात तो यह है कि इन व्यंजनों को बनाने में सेहतमंद सरल तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही विविध प्रकार के तीखे व चटपटे मसाले व जड़ी-बूटियों का प्रयोग भी किया जाता है।
दक्षिण-पूर्वी एशियाई व्यंजनों में कच्ची मछली, समुद्री भोजन, मांस, चिकन तथा अंडों की प्रमुखता है। मेरे लिए एक वैज ओरियंटल कुक बुक तैयार करना काफी मुश्किल कार्य था। मैंने बड़ी मेहनत से सरल पाक विधियों द्वारा सब्जियों में जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल कर विभिन्न स्वादिष्ट व्यंजन तैयार किए हैं। यहां कोई कोर्स फूड नहीं होता। सूप, सार्टर, सलाद, मुख्य व सहायक व्यंजन आदि सब एक साथ रख दिए जाते हैं व भोजन के समय एक साथ खाए जाते हैं। परन्तु चीन, जीपान व थाईलैंड जैसे देशों में पांच कोर्स वाला भोजन है, जो सूप से लेकर मीठे व्यंजनों तक होता है। पूरा भोजन स्वाद में ताजे फलों के मेल से ओरियंटल मीठे व्यंजनों का स्वाद निराला हो जाता है।
दक्षिण-एशियाई व्यंजन, थाईलैंड के किसानों के व्यंजन थे जो बाद में कंबोडिया, वियतनाम, मलेशिया व इण्डोनेशिया तक जा पहुँचे। चावल यहां का प्रमुख अनाज है। दूसरा लोकप्रिय खाद्य पदार्थ नूडल्स व स्पैगिटी है, जो कि चीन से आया है। विभिन्न प्रांतीय स्वादों की करी (तरियां) शायद भारत से ही पूर्व की ओर गईं, किन्तु वहां के निवासियों ने सॉस के बेस में दही की जगह, नारियल का दूध मिलाकर, उनका मूल रूप बदल दिया। ओरियंटल व्यंजनों में अदरक, लहसुन के साथ सब तरह की मिर्चें भी इस्तेमाल होती हैं। थाई अदरक व लैमन ग्रास भी ओरियंटल व्यंजनों को एक अलग ही स्वाद देते हैं। फिश सॉस एक नई खोज है लेकिन तीखी गंध के कारण हमने अपने व्यंजनों में इसका कम से कम इस्तेमाल किया है। दक्षिण पूर्व एशिया में थाई, तुलसी, पुदीना, मीठी तुलसी, नीबू के पत्ते व कड़ी पत्ते का काफी इस्तेमाल होता है। दालचीनी, इलायची, धनिया, लौंग, जायफल व जावित्री भी ओरियंटल पाक-कला के लिए अनजाने नहीं हैं।
ऐशियाई व्यंजन पकाने की विधियां, उपाय व राज सुदूर सभी पूर्वी देशों के भोजन प्रेमियों के स्वाद में अपनी जगह बनाने लगे हैं। तैयार व पकने में लगने वाला समय ही आज के दौर में इनकी प्रसिद्धि का सबसे बड़ा राज है। सबसे खास बात तो यह है कि इन व्यंजनों को बनाने में सेहतमंद सरल तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही विविध प्रकार के तीखे व चटपटे मसाले व जड़ी-बूटियों का प्रयोग भी किया जाता है।
दक्षिण-पूर्वी एशियाई व्यंजनों में कच्ची मछली, समुद्री भोजन, मांस, चिकन तथा अंडों की प्रमुखता है। मेरे लिए एक वैज ओरियंटल कुक बुक तैयार करना काफी मुश्किल कार्य था। मैंने बड़ी मेहनत से सरल पाक विधियों द्वारा सब्जियों में जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल कर विभिन्न स्वादिष्ट व्यंजन तैयार किए हैं। यहां कोई कोर्स फूड नहीं होता। सूप, सार्टर, सलाद, मुख्य व सहायक व्यंजन आदि सब एक साथ रख दिए जाते हैं व भोजन के समय एक साथ खाए जाते हैं। परन्तु चीन, जीपान व थाईलैंड जैसे देशों में पांच कोर्स वाला भोजन है, जो सूप से लेकर मीठे व्यंजनों तक होता है। पूरा भोजन स्वाद में ताजे फलों के मेल से ओरियंटल मीठे व्यंजनों का स्वाद निराला हो जाता है।
दक्षिण-एशियाई व्यंजन, थाईलैंड के किसानों के व्यंजन थे जो बाद में कंबोडिया, वियतनाम, मलेशिया व इण्डोनेशिया तक जा पहुँचे। चावल यहां का प्रमुख अनाज है। दूसरा लोकप्रिय खाद्य पदार्थ नूडल्स व स्पैगिटी है, जो कि चीन से आया है। विभिन्न प्रांतीय स्वादों की करी (तरियां) शायद भारत से ही पूर्व की ओर गईं, किन्तु वहां के निवासियों ने सॉस के बेस में दही की जगह, नारियल का दूध मिलाकर, उनका मूल रूप बदल दिया। ओरियंटल व्यंजनों में अदरक, लहसुन के साथ सब तरह की मिर्चें भी इस्तेमाल होती हैं। थाई अदरक व लैमन ग्रास भी ओरियंटल व्यंजनों को एक अलग ही स्वाद देते हैं। फिश सॉस एक नई खोज है लेकिन तीखी गंध के कारण हमने अपने व्यंजनों में इसका कम से कम इस्तेमाल किया है। दक्षिण पूर्व एशिया में थाई, तुलसी, पुदीना, मीठी तुलसी, नीबू के पत्ते व कड़ी पत्ते का काफी इस्तेमाल होता है। दालचीनी, इलायची, धनिया, लौंग, जायफल व जावित्री भी ओरियंटल पाक-कला के लिए अनजाने नहीं हैं।
कोमल तनेजा
किचन गाइड व प्लानर
1. मिर्ची (चिली) पेस्ट: व्यंजनों में दिया गया
‘चिली पेस्ट’ घर पर ही बना सकते हैं। आपको ताजी हरी व
लाल
मिर्चें मिक्सी में पीसनी हैं। इसमें मिश्रण पतला करने के लिए थोड़ा नमक व
सिरका मिला सकते हैं। वैसे आप बाजार से तैयार चिली पेस्ट भी खरीद सकते
हैं, लेकिन घर पर तैयार पेस्ट ज्यादा बेहतर होगा।
2. नारियल का दूध: जब भी व्यंजन में नारियल (कोकोनेट मिल्क) का जिक्र आए तो डिब्बाबन्द नारियल दूध को पतला किए बिना ही प्रयोग में लाएं। जब भी करी पकानी हो तो सारे मसाले व पेस्ट पकाने के बाद ही इसे डालें। करी में मिलाने से पहले डिब्बा अच्छी तरह हिलाएं। घर में इसे बनाना चाहें तो आधा कप ताजा नारियल में 1 कप पानी मिलाकर पीस लें व छान लें; छने हुए पदार्थ को प्रयोग में लाएं।
3. इमली का रस: इसे बनाने की विधि है- 3 बड़े चम्मच इमली का गूदा लें व ½ कप गर्म पानी में 10 मिनट तक भिगोएं; पानी में से रेशा व बीन छान लें। 1 बड़ा चम्मच कांस्ट्रेट, ½ कप गर्म पानी में घोल कर भी इसे बना सकते हैं लेकिन इसका रंग काफी गाढ़ा होता है जो व्यंजन के रंग पर असर डाल सकता है।
2. नारियल का दूध: जब भी व्यंजन में नारियल (कोकोनेट मिल्क) का जिक्र आए तो डिब्बाबन्द नारियल दूध को पतला किए बिना ही प्रयोग में लाएं। जब भी करी पकानी हो तो सारे मसाले व पेस्ट पकाने के बाद ही इसे डालें। करी में मिलाने से पहले डिब्बा अच्छी तरह हिलाएं। घर में इसे बनाना चाहें तो आधा कप ताजा नारियल में 1 कप पानी मिलाकर पीस लें व छान लें; छने हुए पदार्थ को प्रयोग में लाएं।
3. इमली का रस: इसे बनाने की विधि है- 3 बड़े चम्मच इमली का गूदा लें व ½ कप गर्म पानी में 10 मिनट तक भिगोएं; पानी में से रेशा व बीन छान लें। 1 बड़ा चम्मच कांस्ट्रेट, ½ कप गर्म पानी में घोल कर भी इसे बना सकते हैं लेकिन इसका रंग काफी गाढ़ा होता है जो व्यंजन के रंग पर असर डाल सकता है।
पकाने के उपकरण
(क) वोक (Wok) उपकरण: लम्बे हैंडल वाले बेलचे के
आकारनुमा पलटे से भूनने का काम लेते हैं। कड़छी से द्रव्य पदार्थ एक से
दूसरे बर्तन में डाला जाता है। छननी व स्टील की टोकरी में गर्म पदार्थ
छाने जाते हैं। बांस की टोकरी के साथ छननी से, पानी या स्टॉक में से भोजन
छाना जाता है; बांस का बना ब्रश सफाई के लिए व एक रैक जो वोक (Wok) के
कोने में तला भोजन सुखाने के लिए रखते हैं।
(ख) स्टीमर (Steamer): स्टील या एल्यूमिनियम के कई खानों वाले बड़े स्टीमर (भाप देने वाले) उपलब्ध हैं वैसे बांस के खानेदार स्टीमर अधिक प्रचलन में हैं। इन्हें एक वोक में उबलते पानी पर रखने के लिए इस्तेमाल करते हैं व डिश परोसने के लिए भी इस्तेमाल होते हैं।
(ग) मिट्टी के बर्तन: बेक या स्ट्यू के लिए मिट्टी के बर्तन इस्तेमाल होते हैं, जिन पर भीतर से परत होती है किन्तु बाहरी परत नहीं होती। वे कई आकारों में एक या दो हत्थे वाले मिलते हैं।
(घ) क्लीवर (Cleaver): ओरियंटल क्लीवर (काटने का उपकरण) एक ऐसा उपकरण है, जिससे पश्चिमी रसोई के अलग-अलग चाकुओं के सारे काम किए जाते हैं। आमतौर पर काटने, कतरने व छिलका उतारने के लिए हल्के चाकू तथा हड्डियाँ काटने के लिए भारी व मोटे चाकू इस्तेमाल किए जाते हैं। किचन के अच्छे चाकुओं का पूरा सैट, इसका विकल्प हो सकता है।
(ङ) राइस कुकर: अगर आप अक्सर चावल पकाती हैं तो आपके पास राइस कुकर होना चाहिए। कुकर में चावल व पानी डाल कर प्लग लगाएं व बटन दबाएं। कुछ ही देर में बढ़िया चावल तैयार होंगे।
(च) हाथ से चलने वाले ब्लैंडर या छोटे फूड प्रोसेसर: अधिकतर दक्षिण पूर्वी एशियाई व्यंजनों में बारीक काटने का काम काफी होता है। हाथ से चलने वाले ब्लैंडर व फ्रूड प्रोसेसर से आपका काफी समय बच सकता है।
रैड करी पेस्ट: 1 बड़ा चम्मच कटा लहसुन, 1 बड़ा चम्मच रैड चिली पैपर, कटी हुई, 2 बड़े चम्मच लैमन ग्रास, कटी हुई, 1 बड़ा चम्मच ताजा गलंगल, कटा हुआ, 2 बड़े चम्मच प्याज, कटा हुआ, 2 बड़े चम्मच ताजा धनिया, कटा हुआ, 2 बड़े चम्मच वैजिटेबल तेल, 1 छोटा चम्मच पिसी धनिया, 1 छोटा चम्मच पिसा जीरा, 1 छोटी चम्मच काली मिर्च, 1 छोटा चम्मच झींगी पेस्ट (चाहें तो)।
सारी सामग्री को पीस कर बारीक पेस्ट तैयार करें व जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल करें।
ग्रीन करी पेस्ट: 1 बड़ा चम्मच लहसुन, कटा हुआ, 1 बड़ा चम्मच ग्रीन चिली पैपर, कटी हुई, 2 बड़े चम्मच लैमन ग्रास, कटी हुई, 1 बड़ा चम्मच ताजा अदरक, कटा हुआ, 2 बड़े चम्मच प्याज, कटे हुए, 2 बड़े चम्मच ताजा धनिया, कटा हुआ, 2 बड़े चम्मच वैजिटेबल तेल, 1 छोटा चम्मच पिसा धनिया, 1 छोटा चम्मच जीरा, 1 छोटा चम्मच काली मिर्च, 1 छोटा चम्मच झींगी पेस्ट (चाहें तो), 1 छोटा चम्मच नीबू का छिलका (कद्दूकस)।
सारी सामग्री पीस कर बारीक पेस्ट तैयार करें व जरूरत पड़ने पर प्रयोग में लाएं।
(ख) स्टीमर (Steamer): स्टील या एल्यूमिनियम के कई खानों वाले बड़े स्टीमर (भाप देने वाले) उपलब्ध हैं वैसे बांस के खानेदार स्टीमर अधिक प्रचलन में हैं। इन्हें एक वोक में उबलते पानी पर रखने के लिए इस्तेमाल करते हैं व डिश परोसने के लिए भी इस्तेमाल होते हैं।
(ग) मिट्टी के बर्तन: बेक या स्ट्यू के लिए मिट्टी के बर्तन इस्तेमाल होते हैं, जिन पर भीतर से परत होती है किन्तु बाहरी परत नहीं होती। वे कई आकारों में एक या दो हत्थे वाले मिलते हैं।
(घ) क्लीवर (Cleaver): ओरियंटल क्लीवर (काटने का उपकरण) एक ऐसा उपकरण है, जिससे पश्चिमी रसोई के अलग-अलग चाकुओं के सारे काम किए जाते हैं। आमतौर पर काटने, कतरने व छिलका उतारने के लिए हल्के चाकू तथा हड्डियाँ काटने के लिए भारी व मोटे चाकू इस्तेमाल किए जाते हैं। किचन के अच्छे चाकुओं का पूरा सैट, इसका विकल्प हो सकता है।
(ङ) राइस कुकर: अगर आप अक्सर चावल पकाती हैं तो आपके पास राइस कुकर होना चाहिए। कुकर में चावल व पानी डाल कर प्लग लगाएं व बटन दबाएं। कुछ ही देर में बढ़िया चावल तैयार होंगे।
(च) हाथ से चलने वाले ब्लैंडर या छोटे फूड प्रोसेसर: अधिकतर दक्षिण पूर्वी एशियाई व्यंजनों में बारीक काटने का काम काफी होता है। हाथ से चलने वाले ब्लैंडर व फ्रूड प्रोसेसर से आपका काफी समय बच सकता है।
रैड करी पेस्ट: 1 बड़ा चम्मच कटा लहसुन, 1 बड़ा चम्मच रैड चिली पैपर, कटी हुई, 2 बड़े चम्मच लैमन ग्रास, कटी हुई, 1 बड़ा चम्मच ताजा गलंगल, कटा हुआ, 2 बड़े चम्मच प्याज, कटा हुआ, 2 बड़े चम्मच ताजा धनिया, कटा हुआ, 2 बड़े चम्मच वैजिटेबल तेल, 1 छोटा चम्मच पिसी धनिया, 1 छोटा चम्मच पिसा जीरा, 1 छोटी चम्मच काली मिर्च, 1 छोटा चम्मच झींगी पेस्ट (चाहें तो)।
सारी सामग्री को पीस कर बारीक पेस्ट तैयार करें व जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल करें।
ग्रीन करी पेस्ट: 1 बड़ा चम्मच लहसुन, कटा हुआ, 1 बड़ा चम्मच ग्रीन चिली पैपर, कटी हुई, 2 बड़े चम्मच लैमन ग्रास, कटी हुई, 1 बड़ा चम्मच ताजा अदरक, कटा हुआ, 2 बड़े चम्मच प्याज, कटे हुए, 2 बड़े चम्मच ताजा धनिया, कटा हुआ, 2 बड़े चम्मच वैजिटेबल तेल, 1 छोटा चम्मच पिसा धनिया, 1 छोटा चम्मच जीरा, 1 छोटा चम्मच काली मिर्च, 1 छोटा चम्मच झींगी पेस्ट (चाहें तो), 1 छोटा चम्मच नीबू का छिलका (कद्दूकस)।
सारी सामग्री पीस कर बारीक पेस्ट तैयार करें व जरूरत पड़ने पर प्रयोग में लाएं।
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