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सिनेमा एवं मनोरंजन >> फिल्म पत्रकारिता फिल्म पत्रकारिताविनोद तिवारी
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फिल्म पत्रकारिता का प्रारम्भ, विकास, खूबियों-खामियों और संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए फिल्म पत्रकारिता की दशा और दिशा का विश्वसनीय लेखा-जोखा इस पुस्तक में प्रस्तुत किया गया है।
Film Patrakarita - An Hindi Book by Vinod Tiwari
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
जिस प्रकार फिल्मकारों का फिल्म निर्माण में एक दृष्टिकोण होता है, उसी प्रकार दर्शक का भी दृष्टिकोण होना चाहिए। इसी बात की चिन्ता का प्रतिफल है यह पुस्तक। लेखक की सोच है कि फिल्म संबंधी समझ पैदा करने का कार्य फिल्म पत्रकारिता को करना चाहिए था जिससे समाज का बुद्घिजीवी वर्ग इससे जुड़ता। किन्तु फिल्म पत्रकारिता इस दिशा में अपनी जिम्मेदारी निभाने में असमर्थ रही है।
फिल्म पत्रकारिता का प्रारम्भ, विकास, खूबियों-खामियों और संभावनाओं के ध्यान में रखते हुए फिल्म पत्रकारिता की दशा और दिशा का विश्वसनीय लेखा-जोखा इस पुस्तक में प्रस्तुत किया गया है।
फिल्म पत्रकारिता का प्रारम्भ, विकास, खूबियों-खामियों और संभावनाओं के ध्यान में रखते हुए फिल्म पत्रकारिता की दशा और दिशा का विश्वसनीय लेखा-जोखा इस पुस्तक में प्रस्तुत किया गया है।
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