उपन्यास >> सात साल सात सालमुल्कराज आनंद
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प्रस्तुत उपन्यास ‘सात साल’ में मुल्कराज आनन्द अपने बचपन की स्मृतियों के सहारे खुद को परख रहे हैं।
Saat Saal - An Hindi Book by Mulkraj Anand - सात साल - मुल्कराज आनन्द
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
भारतीयता के रंग में पूरी तरह रंगे अंग्रेज़ी के उपन्यासकार डॉ. मुल्कराज आनन्द का हिन्दी में पाठक वर्ग बहुत विस्तृत है और उनकी लोकप्रियता हिंदी में कमतर है।
प्रस्तुत उपन्यास ‘सात साल’ में मुल्कराज आनन्द अपने बचपन की स्मृतियों के सहारे खुद को परख रहे हैं। इस पुस्तक में बचपन के सारे रंग मुल्कराज आनन्द ने भरे हैं और फिर बहुत संवेदनपूर्ण ढंग से वह उनका मनोवैज्ञानिक विश्लेषण करते हैं।
‘सात साल’ को आलोचकों द्वारा ‘कुली’ और ‘अछूत’ के बाद सर्वश्रेष्ठ रचना भी कहा जाता है।
प्रस्तुत उपन्यास ‘सात साल’ में मुल्कराज आनन्द अपने बचपन की स्मृतियों के सहारे खुद को परख रहे हैं। इस पुस्तक में बचपन के सारे रंग मुल्कराज आनन्द ने भरे हैं और फिर बहुत संवेदनपूर्ण ढंग से वह उनका मनोवैज्ञानिक विश्लेषण करते हैं।
‘सात साल’ को आलोचकों द्वारा ‘कुली’ और ‘अछूत’ के बाद सर्वश्रेष्ठ रचना भी कहा जाता है।
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