हास्य-व्यंग्य >> जादू की सरकार जादू की सरकारशरद जोशी
|
8 पाठकों को प्रिय 97 पाठक हैं |
एक सज्जन बनारस पहुँचे। स्टेशन पर उतरे ही थे कि एक लड़का दौड़ता आता। ‘‘मामाजी ! मामाजी !’’—लड़के ने लपक कर चरण छूए। वे पहताने नहीं। बोले—‘‘तुम कौन ?’’
A PHP Error was encountered
Severity: Notice
Message: Undefined index: 10page.css
Filename: books/book_info.php
Line Number: 553
|
अन्य पुस्तकें
लोगों की राय
No reviews for this book