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भूतनाथ (सेट)

देवकीनन्दन खत्री

प्रकाशक : सरल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2009
पृष्ठ :2177
मुखपृष्ठ :
पुस्तक क्रमांक : 7144
आईएसबीएन :000000000

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तिलिस्म और ऐयारी संसार की सबसे अधिक महत्वपूर्ण रचना

प्रश्न- 'शिक्षा एक त्रिमुखी प्रक्रिया है।' जॉन डीवी के इस कथन से आप कहाँ तक सहमत हैं?
उत्तर-
शिक्षा एक त्रिमुखी प्रक्रिया के रूप में
(Tripolar Aspect of Education)
जॉन डीवी (John Dewey) ने शिक्षा को एक त्रिमुखी प्रक्रिया माना है। वे शिक्षा में शिक्षक- शिक्षार्थी के अतिरिक्त समाज को शिक्षा का एक प्रमुख तत्व मानते हैं। उनके अनुसार शिक्षा एक 'सामाजिक प्रक्रिया' (Social Process) है। इस प्रक्रिया में बालक को समाज की आकांक्षाओं के अनुकूल बनाया जाता है। वह समाज के पुनर्निर्माण में सहयोग करता है। डीवी ने शिक्षा के सामाजिक तत्व को सबसे अधिक महत्व दिया है।
डीवी के अनुसार - "समस्त शिक्षा प्रजाति की सामाजिक चेतना में व्यक्ति के सक्रिय रहने से ही उत्पन्न होती है।'
1. शिक्षा विकास की प्रक्रिया है (Education is the Process of Development) - बालक कुछ जन्मजात शक्तियों के साथ जन्म लेता है। इन शक्तियों में शारीरिक और मानसिक दोनों ही होती हैं। इन शक्तियों में मानसिक शक्ति वह वातावरण से प्राप्त करता है। उसे जिस प्रकार की परिस्थितियाँ या वातावरण प्राप्त होता है, उसी प्रकार से उसकी शक्तियों का विकास होता है। इन शक्तियों का उचित विकास होने पर व्यक्ति बौद्धिक, भावात्मक और इच्छा-शक्ति के वातावरण में समायोजन कर पाता है। जैसाकि हार्न ने कहा है -
"शारीरिक और मानसिक दृष्टि से विकसित, स्वतंत्र और सचेतन मन की ईश्वर के प्रति उत्कृष्ट अनुकूल की निरन्तर प्रक्रिया ही शिक्षा है जो मनुष्य के बौद्धिक, भावात्मक एवं इच्छा शक्ति से सम्बन्धित वातावरण में अभिव्यक्ति होती है।"
शिक्षा का वास्तविक अर्थ अन्दर से विकास होने की प्रक्रिया को कहा जाता है। बालक की अन्तर्निहित शक्तियों का विकास किया जाता है। यह विकास सामाजिक वातावरण के अनुसार होता है। रूसो के अनुसार - "शिक्षा अन्दर से विकास होने को कहते हैं न कि बाहर से संचय को, वह तो स्वाभाविक मूल प्रवृत्तियों और रुचियों की क्रिया से होती है न कि बाह्य शक्तियों के प्रति अनुक्रिया स्वरूप।
2 शिक्षा एक सचेतन व सप्रयोजन प्रक्रिया है (Education is a Conscious and Purposeful Process) - शिक्षा की प्रक्रिया सचेतन और सप्रयोजन प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया को व्यक्ति सचेतन रूप में करता है। इसके लिए लाभकारी होती है। इसके द्वारा व्यक्ति के व्यवहार में परिवर्तन आते हैं। यह ऐसे परिवर्तन होते है जिससे मनुष्य और समाज का हित होता है क्योंकि मनुष्य अपने में परिवर्तन करके समाज में भी परिवर्तन करता है।
ब्राउन के शब्दों में शिक्षा सचेतन रूप में नियन्त्रित प्रक्रिया है, जिसके द्वारा व्यक्ति के व्यवहार उपरोक्त विवेचन से शिक्षा वास्तव में एक त्रिमुखी प्रक्रिया स्पष्ट होती है। यह शिक्षा की प्रकृति पर पूर्ण आधारित है। शिक्षा की प्रकृति का विवेचन करने से जान डीवी का कथन सत्य सिद्ध होता है।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न 1

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