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अगला यथार्थ

हिमांशु जोशी

प्रकाशक : पेंग्इन बुक्स प्रकाशित वर्ष : 2006
पृष्ठ :258
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 7147
आईएसबीएन :0-14-306194-1

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हिमांशु जोशी की हृदयस्पर्शी कहानियों का संग्रह...


महेंद्रनगर से आगे-

इतना लंबा, पक्का पुल उसने जिंदगी में पहले कभी भी नहीं देखा था। बनबसा, खटीमा, चकर पुर। लोहे की गाड़ी। मोटर-टरक। दो पहिए वाली, सड़क पर भागने वाली लोहे की घोड़ी।

दो-तीन साथी महेंद्रनगर में ही रह गए थे-किसी के फार्म में। कुछ टनकपुर मंडी की तरफ चल दिए थे। एक बनबसा में लकड़ी के टाल पर... जबर बहादुर के साथ कांछा आगे बढ़ा, किसी काम की तलाश में।

"अए, डोटियाल दाइ, नौकरी करेगा?" खटीमा बाज़ार में अभी प्रवेश ही किया था कि नुक्कड़ की दुकान पर पाल्थी मारे बैठा मोटा-सा हलवाई बेरुखी से बोला।

उसने मुड़कर देखा- मिठाइयों के ढेर के बीच बैठा लाला उसे बड़ा सौभाग्यशाली लगा। इत्ती बड़ी दुकान ! ढेर सारी रंग-बिरंगी मिठाइयां । मोटा-ताज़ा। खाता-पीता। तोंद कुछ-कुछ आगे की ओर निकली हुई। ऊपर बांह कटी पहने है। दोनों आंखों पर गोल-गोल दो दरपन के जैसे सफेद टुकड़े....

"करेगा, लालाजि, करएगा...।" जबर बहादुर हाथ जोड़ता हुआ विनम्र भाव से समीप आया था। दुकान के आगे तिरपाल का पुराना चीथड़ा टंगा था, स्लेटी रंग का, फटा हुआ-रस्सियों के सहारे हवा में झूलता हुआ। वे दोनों उसके नीचे तक बढ़ आए।

“बोल, क्या लेगा?"

''जो मजदूरी लालाजि देगा, लेई लेगा।” दोनों हाथों को परस्पर मलते हुए, उसने दीन-भाव से झुककर कहा।

क़साई जैसे बकरे को ख़रीदता है, लाला भी लगभग वैसी ही उपयोगिता की दृष्टि से उन दोनों को तौलता रहा। कुछ सोचता हुआ बोला, “बड़े को नहीं रखेगा। छोटा ठीक है। दुकान में पानी भरेगा ! बरतन-सरतन साफ करेगा !"

प्रत्युत्तर में सहसा दोनों कुछ न बोले तो लाला ने तनिक ऊंचे स्वर में कहा, “क्यों रे, करेगा कि नहीं?"

"करेगा, लालाजि, जरूर करेगा...।" जबर बहादुर ने ही उत्तर दिया, "यह छोरा गरीब है। आमा–बा कोई नहीं...।” फिर मुड़कर कांछा की ओर देखा, "क्यों कांछा, लाला की नउकरी करेगा?"

कांछा ने मौन स्वीकृति में सिर हिलाया।

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    अनुक्रम

  1. कथा से कथा-यात्रा तक
  2. आयतें
  3. इस यात्रा में
  4. एक बार फिर
  5. सजा
  6. अगला यथार्थ
  7. अक्षांश
  8. आश्रय
  9. जो घटित हुआ
  10. पाषाण-गाथा
  11. इस बार बर्फ गिरा तो
  12. जलते हुए डैने
  13. एक सार्थक सच
  14. कुत्ता
  15. हत्यारे
  16. तपस्या
  17. स्मृतियाँ
  18. कांछा
  19. सागर तट के शहर

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