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			 विविध उपन्यास >> मैं हूं सोना मैं हूं सोनामनोरमा जफ़ा
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किशोर वर्ग के बालिकाओं व बालकों के लिये एच.आई.वी./एड्स जागरुकता हेतु एक उपन्यास...
आज, संसार में एच. आई. वी./एड्स सबसे भयंकर
बीमारी है। एच.आई.वी. का वाइरस यदि किसी स्वस्थ मनुष्य के शरीर में पहुंच जाता है तो वह उसके शरीर की रोग-निरोधक क्षमता को नष्ट करके एड्स की बीमारी तक पहुंचा देता है और एड्स रोग मनुष्य को मृत्यु के मुंह में डाल देता है। इस रोग से पीड़ित १॰ मनुष्यों में से ९ को यह भी नहीं पता है कि वे इस जानलेवा रोग
का शिकार हो चुके हैं। भारत में आज एच.आई.वी. से पीड़ित ५३ लाख रोगी हैं।
इस रोग से पीड़ित रोगियों का दक्षिणी अफ्रीका के बाद दूसरा नंबर भारत का
है। मैं हूं सोना किशोर वर्ग के बालिकाओं व बालकों के लिये,
एच.आई.वी./एड्स जागरुकता हेतु एक उपन्यास है।
						
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