पर्यावरण एवं विज्ञान >> क्वांटम जगत का रहस्य क्वांटम जगत का रहस्यरजत चन्द्रा
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क्वांटम यांत्रिकी के नियम, अनेक क्वांटम घटनाओं तथा क्वांटम और पारंपरिक संसार के बीच संबंधों की जानकारी...
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
लगभग एक शताब्दी पूर्व प्लांक के विकिरण सिद्धांत की समस्या को सुलझाने के लिए क्वांटम परिकल्पना को लागू किया था। इस परिकल्पना के परिणाम बहुत ही क्रान्तिकारी रहे। इसने पदार्थों की प्रकृति के संबंध में हमारी समझ को बदल कर रख दिया और ऐसे उपयोगों को जन्म दिया जो हमारे जीने और काम करने के तरीकों में परिवर्तन ला रहे हैं।
पुस्तक में क्वांटम यांत्रिकी के नियम, अनेक चमत्कारी क्वांटम घटनाओं तथा क्वांटम और पारंपरिक संसार के बीच संबंधों की जानकारी में हाल में जो प्रगति हुई है उसी की चर्चा की गई हैं। हमें यह पता चलता है कि कैसे विरोधाभास जन्म लेते हैं और किस तरह उनका समाधान किया जाता है। बेल प्रमेय के महत्व और कण सहसंबंधों के संबंध में उल्लेखनीय प्रायोगिक परिणामों पर कुछ विस्तार से चर्चा की गई है। अंत में क्वांटम सिद्धांत के संबंध में हमारी वर्तमान जानकारी को संक्षेप में प्रस्तुत किया गया है।
अमरीका की ए टी एंड टी बेल लेबोरेटरीज में वरिष्ठ तकनीकी कर्मचारी रजत चन्द्रा ने कोलकाता के प्रेसीडेंसी कालेज, साइंस कालेज, साहा इंस्टीट्यूट ऑफ न्युक्लियर फिजिक्स और न्यूयार्क के रोचस्टर विश्वविद्यालय में शिक्षा पाई है। उन्होंने मैरीलैंड विश्वविद्यालय और आयरलैंड के डबलिन स्थित यूनीवर्सिटी कालेज में शिक्षण और शोध कार्य किया है। वह फेडेरल यूनीवर्सिटी ऑफ रियो-द-जनेरियो, ब्राजील में भौतिकी के प्रोफेसर और सैद्धांतिक भौतिकी के विभागाध्यक्ष रहे हैं। उन्होंने यूरोप, संयुक्त राज्य अमरीका और लैटिन अमरीका में कण अनुसंधान के विभिन्न केंद्रों में विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में कार्य किया है।
पुस्तक में क्वांटम यांत्रिकी के नियम, अनेक चमत्कारी क्वांटम घटनाओं तथा क्वांटम और पारंपरिक संसार के बीच संबंधों की जानकारी में हाल में जो प्रगति हुई है उसी की चर्चा की गई हैं। हमें यह पता चलता है कि कैसे विरोधाभास जन्म लेते हैं और किस तरह उनका समाधान किया जाता है। बेल प्रमेय के महत्व और कण सहसंबंधों के संबंध में उल्लेखनीय प्रायोगिक परिणामों पर कुछ विस्तार से चर्चा की गई है। अंत में क्वांटम सिद्धांत के संबंध में हमारी वर्तमान जानकारी को संक्षेप में प्रस्तुत किया गया है।
अमरीका की ए टी एंड टी बेल लेबोरेटरीज में वरिष्ठ तकनीकी कर्मचारी रजत चन्द्रा ने कोलकाता के प्रेसीडेंसी कालेज, साइंस कालेज, साहा इंस्टीट्यूट ऑफ न्युक्लियर फिजिक्स और न्यूयार्क के रोचस्टर विश्वविद्यालय में शिक्षा पाई है। उन्होंने मैरीलैंड विश्वविद्यालय और आयरलैंड के डबलिन स्थित यूनीवर्सिटी कालेज में शिक्षण और शोध कार्य किया है। वह फेडेरल यूनीवर्सिटी ऑफ रियो-द-जनेरियो, ब्राजील में भौतिकी के प्रोफेसर और सैद्धांतिक भौतिकी के विभागाध्यक्ष रहे हैं। उन्होंने यूरोप, संयुक्त राज्य अमरीका और लैटिन अमरीका में कण अनुसंधान के विभिन्न केंद्रों में विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में कार्य किया है।
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