व्यवहारिक मार्गदर्शिका >> अमीरी की चाबी आपके हाथ में अमीरी की चाबी आपके हाथ मेंनेपोलियन हिल
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यह चाबी आपकी ज़िंदगी बदल देगी... हमेशा के लिए...
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
लाखों लोग नेपोलियन हिल की पुस्तक सोचिए और अमीर बनिए के कृतज्ञ हैं। उस
पुस्तक से उन्हें न सिर्फ़ नई प्रेरणा मिली, बल्कि सकारात्मक नज़रिया,
आत्म-सुधार का दृढ़-संकल्प और सफलता के सूत्र भी मिले।
अमीरी की चाबी आपके हाथ में दौलतमंद बनने के एंड्रयू कारनेगी के फ़ार्मूले पर आधारित है। इसमें सफलता का सबसे महान व्यावहारिक दर्शन पूरे विस्तार से दिया गया है। यह अद्भुत दर्शन दुनिया के सैकड़ों सबसे शक्तिशाली और दौलतमंद लोगों की सफलता के अनुभवों पर आधारित है। यह पुस्तक आपको बताएगी कि आप ज़िंदगी के किसी भी क्षेत्र में कैसे सफल हो सकते हैं।
अमीर बनने का सिर्फ़ एक ही रास्ता है और वहाँ केवल वही पहुँच सकता है, जिसके पास अमीरी की चाबी हो। अमीरी की चाबी से एक रोमांचक नए संसार का द्वार खुल सकता है। यह चाबी आपको इस असाधारण पुस्तक के पन्नों में मिलेगी। और यह चाबी आपकी ज़िंदगी बदल देगी... हमेशा के लिए।
अमीरी की चाबी आपके हाथ में दौलतमंद बनने के एंड्रयू कारनेगी के फ़ार्मूले पर आधारित है। इसमें सफलता का सबसे महान व्यावहारिक दर्शन पूरे विस्तार से दिया गया है। यह अद्भुत दर्शन दुनिया के सैकड़ों सबसे शक्तिशाली और दौलतमंद लोगों की सफलता के अनुभवों पर आधारित है। यह पुस्तक आपको बताएगी कि आप ज़िंदगी के किसी भी क्षेत्र में कैसे सफल हो सकते हैं।
अमीर बनने का सिर्फ़ एक ही रास्ता है और वहाँ केवल वही पहुँच सकता है, जिसके पास अमीरी की चाबी हो। अमीरी की चाबी से एक रोमांचक नए संसार का द्वार खुल सकता है। यह चाबी आपको इस असाधारण पुस्तक के पन्नों में मिलेगी। और यह चाबी आपकी ज़िंदगी बदल देगी... हमेशा के लिए।
अध्याय एक
अमीरी की शुरुआत
दुनिया के सबसे बड़े होटल के सबसे बड़े कॉन्फ्रेंस हॉल में लोगों की भीड़
जमा थी। इसमें टोनी रॉबिन्स, दीपक चोपड़ा, स्टीफ़न कवी और ओपरा विनफ़्री
जैसे महान प्रेरक वक्ता भाषण दे सकते थे। लेकिन आज पहले से भी कहीं अधिक
लोग एक वक्ता का भाषण इस लालच में सुनने आए थे कि वे भी उस वक्ता की तरह
सफल होने के ग़ुर सीख सकते हैं। इस कॉन्फ्रेंस के विज्ञापन में वक्ता का
नाम नहीं बताया गया था, बस इतना कहा गया था कि उसके पास बिलियनों डॉलर की
संपत्ति है; बड़े-बड़े देशों के लीडर उससे सलाह लेते हैं; फ़ॉरचून 500
कंपनियों के प्रमुख उसकी राय जानना चाहते हैं। लेकिन आज वह वक्ता आम लोगों
से बात करना चाहता था–उन लोगों से, जिनमें कभी वह भी शामिल था;
उन लोगों से, जो सफलता के रहस्य जानने के लिए बेताब थे। वक्ता का दावा था
कि वह सफलता का रहस्य बताएगा और यह स्पष्ट कर देगा कि ज़िंदगी में
ज़बर्दस्त सफलता पाने वाले लोगों और ज़िंदगी को जैसे-तैसे गुज़ारने वाले
लोगों में क्या फ़र्क़ होता है।
यह वक्ता अनूठा था। उसके भाषण को सुनने के लिए श्रोताओं को कोई फ़ीस नहीं देनी थी। कॉन्फ़्रेंस में हिस्सा लेने के लिए भी किसी तरह की कोई शर्त नहीं थी। बहरहाल, शुरुआती सत्र के बाद रुकने का फ़ैसला करने वाले लोगों को एक सपथ लेना थी कि कॉन्फ़्रेंस ख़त्म होने के बाद वे इससे सीखे गए ग़ुर दूसरों को उदारता से बताएँगे।
कोई भी नहीं जानता था कि वक्ता की बातचीत किस विषय पर केंद्रित होगी। बहरहाल, हर पेशे के लोगों को आमंत्रित किया गया था। वहाँ पर डॉक्टर, वकील, दंतचिकित्सक, टैक्सी ड्राइवर, दुकानदार, इंजीनियर, मज़दूर और स्कूल के शिक्षक मौज़ूद थे। वे सब वक्ता के मुँह से वे सिद्धांत सुनने को आतुर थे, जिनसे उनके सामने अमीरी की राहें खुल जाएँगी।
हर धर्म के पादरी-पुजारी वहाँ मौज़ूद थे। वे वक्ता के प्रेरक विचारों को सुनकर उन्हें अपने समुदाय के लोगों तक पहुँचाना चाहते थे।
अख़बारों के रिपोर्टर मधुमक्खियों की तरह मँडरा रहे थे। बहुत सारे कैमरे मंच पर केंद्रित थे। सी.एन.एन., एम.एस.एन.बी.सी., सी-स्पैन और बाक़ी स्टेशनों के रिपोर्टर वहाँ पर इतनी ज़्यादा संख्या में थे कि मंच के पास खड़े होने की होड़ लगी हुई थी।
मंच पर लगा पर्दा धीरे-धीरे उठा। पर्दे के पीछे से एक व्यक्ति गहरे रंग का सूट पहनकर मंच पर आया। उसने श्रोताओं को शांत करने के लिए अपना हाथ उठाया। तत्काल शोर थम गया और श्रोता ख़ामोश हो गए।
उसने वक्ता का संक्षिप्त परिचय देते हुए सिर्फ़ इतना कहा, ‘‘साथियों मुझे गर्व है कि मैं आपके सामने दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति को पेश कर रहा हूँ। वे आपको ‘अमीरी की चाबी’ के बारे में बताना चाहते हैं।’’
उसी समय एक लंबा व्यक्ति हाथ में कई काग़ज़ लेकर तेज़ी से मंच पर आया।
उसकी पोशाक शानदार थी। उसका सूट गहरा नीला था, उसकी नीली शर्ट पर सुनहरी धारियाँ थीं और उसकी टाई सुनहरी थी। मंच की रोशनी में उसके हीरे के कफ़ लिंक चमक रहे थे। कुल मिलाकर, वह बहुत अमीर दिख रहा था।
उसके सफ़ेद बाल घने और सुंदर थे। उसकी उम्र लगभग साठ साल लग रही थी।
कैमरों की चमक के बीच वह कुछ पल तक ख़ामोश खड़ा रहा। फिर, धीरे-धीरे उसने प्रभावशाली आवाज़ में बोलना शुरू किया :
‘‘मैं आज आपसे जो कहने जा रहा हूँ, वह आपको अजीब लगेगा, लेकिन मैं चाहूँगा कि आप मेरी पूरी बात सुनें। आप यहाँ ‘अमीरी की चाही’ की तलाश में आए हैं ! आप यहाँ इसलिए आए हैं, क्योंकि हर इंसान यह चाहता है कि उसे ज़िंदगी में बेहतर चीज़ें मिलें। यह इच्छा सबमें होती है। आपमें से कुछ आर्थिक सुरक्षा भी चाहते होंगे, जो सिर्फ़ पैसों से मिल सकती है।
आपमें से कुछ यह चाहते होंगे कि आपको अपनी प्रतिभा के उपयोग का कोई ऐसा रास्ता मिल जाए, जिससे आप अमीर बन सकें और ख़ुशहाल जीवन बिता सकें।
आपमें से कुछ अमीरी का आसान रास्ता खोज रहे होंगे और बदले में कुछ दिए बिना दौलत पाना चाहते होंगे। यह भी एक आम इच्छा है। लेकिन यह एक ऐसी इच्छा है, जिससे आपका भला नहीं होने वाला, इसलिए मैं इसे बदलना चाहूँगा। अपने अनुभव से मैंने यह सीखा है कि बदले में कोई चीज़ी दिए बिना कुछ भी नहीं मिलता है।
अमीर बनने का एक ही निश्चित तरीक़ा है। यह तरीक़ा सिर्फ़ वही लोग जान सकते हैं, जिनके पास ‘‘अमीरी की चाबी’’ होती है।
श्रोता ख़ामोशी से बैठे रहे। इस व्यक्ति का भाषण अतिशयोक्तिपूर्ण लग रहा था। वह बड़े-बड़े दावे कर रहा था। अगर वक्ता इतना प्रतिष्ठित नहीं होता, तो कई लोग हॉल छोड़कर चले गए होते। बहरहाल, वे जानते थे कि यह व्यक्ति उन्हें बहुत कुछ सिखा सकता है, इसलिए उन्होंने अपने संदेह को नज़रअंदाज़ करने का फ़ैसला किया और वे अपनी कुर्सियों पर जमकर बैठ गए।
‘‘अमीरी की चाबी’’ एक बहुत अद्भुत तकनीक है। यह चाबी जिसके पास होगी, वह उस दरवाज़े को खोल सकता है, जहाँ से अपनी सभी समस्याओं का समाधान मिल जाएगा। इसमें डेविड कॉपरफ़ील्ड से भी ज़्यादा जादुई शक्तियाँ हैं।
यह अच्छी सेहत का दरवाज़ा खोलती है।
यह प्रेम और रोमांस का दरवाज़ा खोलती है।
यह दोस्ती का दरवाज़ा खोलती है। यह व्यक्तित्व और चरित्र के ऐसे गुणों को उभारती है, जिससे स्थायी मित्र बनते हैं।
यह एक तरीक़ा बताती है, जिससे हर दुख, असफलता, निराशा, ग़लत निर्णय और अतीत की पराजय को सफलता व समृद्धि में बदला जा सकता है।
यह मृत आशाओं को दोबारा जीवित करती है। यह वह फ़ॉर्मूला बताती है, जिससे इंसान असीम बुद्धि के विशाल भंडार से ‘‘संपर्क’’ करके उसका दोहन कर सकता है। इसमें आस्था अहम् भूमिका निभाती है।
यह ग़रीबों को ऊपर उठाती है और उन्हें शक्ति, शोहरत व दौलत की बुलंदियों पर पहुँचाती है।
यह समय की सुइयों को पीछे घुमाती है। असमय बूढ़े हो गए लोगों में यह युवाओं जैसा उत्साह भर देती है।
यह वह तरीक़ा बताती है, जिससे इंसान अपने मस्तिष्क को पूरी तरह से नियंत्रित कर सकता है। इसकी मदद से इंसान अपनी भावनाओं और विचारों की शक्ति को पूरी तरह से नियंत्रित कर सकता है।
यह कम-शिक्षित लोगों की कमियों को दूर करती है और उन्हें उच्च-शिक्षित लोगों के समान अवसर प्रदान करती है।
और अंत में, यह एक-एक करते ज़िंदगी की बारह बड़ी दौलतों के दरवाज़े खोलती है, जिनका वर्णन मैं आपके सामने करने जा रहा हूँ।
मेरी बात ध्यान से सुनें। न सिर्फ अपने कान खुले रखें, बल्कि अपने दिल दिमाग़ को भी खुला रखें। यह याद रखें कि आप वह नहीं सुन सकते हैं, जिसे सुनने के लिए आप तैयार न हों। इस तैयारी के लिए बहुत सी चीज़ों की ज़रूरत होती है। इसमें उद्देश्य के प्रति गंभीरता और विनम्रता की ज़रूरत होती है। इसके लिए यह सच्चा एहसास होना भी ज़रूरी है कि इंसान का ज्ञान सीमित है। और यह भी कि अपने समूचे ज्ञान के बाद भी इंसान युद्ध के माध्यम से एक-दूसरे को मार रहे हैं और दूसरों की मेहनत के फल को धोखे या चोरी से छीनना चाहते हैं। मैं आपको सच्चाई बताऊँगा। मैं बहुत से सिद्धांत बताऊँगा। हो सकता है आपने उनमें से कई सिद्धांतों के बारे में पहले न सुना हो, क्योंकि उनका ज्ञान सिर्फ़ उन्हीं लोगों को होता है, जो मेरी बताई डिग्री ऑफ़ फ़ेलोशिप के लिए तैयार हों। हालाँकि डिग्री ऑफ़ फ़ेलोशिप हासिल करने वाले लोगों की संख्या कम है, लेकिन तेज़ी से बढ़ रही है।
यह वक्ता अनूठा था। उसके भाषण को सुनने के लिए श्रोताओं को कोई फ़ीस नहीं देनी थी। कॉन्फ़्रेंस में हिस्सा लेने के लिए भी किसी तरह की कोई शर्त नहीं थी। बहरहाल, शुरुआती सत्र के बाद रुकने का फ़ैसला करने वाले लोगों को एक सपथ लेना थी कि कॉन्फ़्रेंस ख़त्म होने के बाद वे इससे सीखे गए ग़ुर दूसरों को उदारता से बताएँगे।
कोई भी नहीं जानता था कि वक्ता की बातचीत किस विषय पर केंद्रित होगी। बहरहाल, हर पेशे के लोगों को आमंत्रित किया गया था। वहाँ पर डॉक्टर, वकील, दंतचिकित्सक, टैक्सी ड्राइवर, दुकानदार, इंजीनियर, मज़दूर और स्कूल के शिक्षक मौज़ूद थे। वे सब वक्ता के मुँह से वे सिद्धांत सुनने को आतुर थे, जिनसे उनके सामने अमीरी की राहें खुल जाएँगी।
हर धर्म के पादरी-पुजारी वहाँ मौज़ूद थे। वे वक्ता के प्रेरक विचारों को सुनकर उन्हें अपने समुदाय के लोगों तक पहुँचाना चाहते थे।
अख़बारों के रिपोर्टर मधुमक्खियों की तरह मँडरा रहे थे। बहुत सारे कैमरे मंच पर केंद्रित थे। सी.एन.एन., एम.एस.एन.बी.सी., सी-स्पैन और बाक़ी स्टेशनों के रिपोर्टर वहाँ पर इतनी ज़्यादा संख्या में थे कि मंच के पास खड़े होने की होड़ लगी हुई थी।
मंच पर लगा पर्दा धीरे-धीरे उठा। पर्दे के पीछे से एक व्यक्ति गहरे रंग का सूट पहनकर मंच पर आया। उसने श्रोताओं को शांत करने के लिए अपना हाथ उठाया। तत्काल शोर थम गया और श्रोता ख़ामोश हो गए।
उसने वक्ता का संक्षिप्त परिचय देते हुए सिर्फ़ इतना कहा, ‘‘साथियों मुझे गर्व है कि मैं आपके सामने दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति को पेश कर रहा हूँ। वे आपको ‘अमीरी की चाबी’ के बारे में बताना चाहते हैं।’’
उसी समय एक लंबा व्यक्ति हाथ में कई काग़ज़ लेकर तेज़ी से मंच पर आया।
उसकी पोशाक शानदार थी। उसका सूट गहरा नीला था, उसकी नीली शर्ट पर सुनहरी धारियाँ थीं और उसकी टाई सुनहरी थी। मंच की रोशनी में उसके हीरे के कफ़ लिंक चमक रहे थे। कुल मिलाकर, वह बहुत अमीर दिख रहा था।
उसके सफ़ेद बाल घने और सुंदर थे। उसकी उम्र लगभग साठ साल लग रही थी।
कैमरों की चमक के बीच वह कुछ पल तक ख़ामोश खड़ा रहा। फिर, धीरे-धीरे उसने प्रभावशाली आवाज़ में बोलना शुरू किया :
‘‘मैं आज आपसे जो कहने जा रहा हूँ, वह आपको अजीब लगेगा, लेकिन मैं चाहूँगा कि आप मेरी पूरी बात सुनें। आप यहाँ ‘अमीरी की चाही’ की तलाश में आए हैं ! आप यहाँ इसलिए आए हैं, क्योंकि हर इंसान यह चाहता है कि उसे ज़िंदगी में बेहतर चीज़ें मिलें। यह इच्छा सबमें होती है। आपमें से कुछ आर्थिक सुरक्षा भी चाहते होंगे, जो सिर्फ़ पैसों से मिल सकती है।
आपमें से कुछ यह चाहते होंगे कि आपको अपनी प्रतिभा के उपयोग का कोई ऐसा रास्ता मिल जाए, जिससे आप अमीर बन सकें और ख़ुशहाल जीवन बिता सकें।
आपमें से कुछ अमीरी का आसान रास्ता खोज रहे होंगे और बदले में कुछ दिए बिना दौलत पाना चाहते होंगे। यह भी एक आम इच्छा है। लेकिन यह एक ऐसी इच्छा है, जिससे आपका भला नहीं होने वाला, इसलिए मैं इसे बदलना चाहूँगा। अपने अनुभव से मैंने यह सीखा है कि बदले में कोई चीज़ी दिए बिना कुछ भी नहीं मिलता है।
अमीर बनने का एक ही निश्चित तरीक़ा है। यह तरीक़ा सिर्फ़ वही लोग जान सकते हैं, जिनके पास ‘‘अमीरी की चाबी’’ होती है।
श्रोता ख़ामोशी से बैठे रहे। इस व्यक्ति का भाषण अतिशयोक्तिपूर्ण लग रहा था। वह बड़े-बड़े दावे कर रहा था। अगर वक्ता इतना प्रतिष्ठित नहीं होता, तो कई लोग हॉल छोड़कर चले गए होते। बहरहाल, वे जानते थे कि यह व्यक्ति उन्हें बहुत कुछ सिखा सकता है, इसलिए उन्होंने अपने संदेह को नज़रअंदाज़ करने का फ़ैसला किया और वे अपनी कुर्सियों पर जमकर बैठ गए।
‘‘अमीरी की चाबी’’ एक बहुत अद्भुत तकनीक है। यह चाबी जिसके पास होगी, वह उस दरवाज़े को खोल सकता है, जहाँ से अपनी सभी समस्याओं का समाधान मिल जाएगा। इसमें डेविड कॉपरफ़ील्ड से भी ज़्यादा जादुई शक्तियाँ हैं।
यह अच्छी सेहत का दरवाज़ा खोलती है।
यह प्रेम और रोमांस का दरवाज़ा खोलती है।
यह दोस्ती का दरवाज़ा खोलती है। यह व्यक्तित्व और चरित्र के ऐसे गुणों को उभारती है, जिससे स्थायी मित्र बनते हैं।
यह एक तरीक़ा बताती है, जिससे हर दुख, असफलता, निराशा, ग़लत निर्णय और अतीत की पराजय को सफलता व समृद्धि में बदला जा सकता है।
यह मृत आशाओं को दोबारा जीवित करती है। यह वह फ़ॉर्मूला बताती है, जिससे इंसान असीम बुद्धि के विशाल भंडार से ‘‘संपर्क’’ करके उसका दोहन कर सकता है। इसमें आस्था अहम् भूमिका निभाती है।
यह ग़रीबों को ऊपर उठाती है और उन्हें शक्ति, शोहरत व दौलत की बुलंदियों पर पहुँचाती है।
यह समय की सुइयों को पीछे घुमाती है। असमय बूढ़े हो गए लोगों में यह युवाओं जैसा उत्साह भर देती है।
यह वह तरीक़ा बताती है, जिससे इंसान अपने मस्तिष्क को पूरी तरह से नियंत्रित कर सकता है। इसकी मदद से इंसान अपनी भावनाओं और विचारों की शक्ति को पूरी तरह से नियंत्रित कर सकता है।
यह कम-शिक्षित लोगों की कमियों को दूर करती है और उन्हें उच्च-शिक्षित लोगों के समान अवसर प्रदान करती है।
और अंत में, यह एक-एक करते ज़िंदगी की बारह बड़ी दौलतों के दरवाज़े खोलती है, जिनका वर्णन मैं आपके सामने करने जा रहा हूँ।
मेरी बात ध्यान से सुनें। न सिर्फ अपने कान खुले रखें, बल्कि अपने दिल दिमाग़ को भी खुला रखें। यह याद रखें कि आप वह नहीं सुन सकते हैं, जिसे सुनने के लिए आप तैयार न हों। इस तैयारी के लिए बहुत सी चीज़ों की ज़रूरत होती है। इसमें उद्देश्य के प्रति गंभीरता और विनम्रता की ज़रूरत होती है। इसके लिए यह सच्चा एहसास होना भी ज़रूरी है कि इंसान का ज्ञान सीमित है। और यह भी कि अपने समूचे ज्ञान के बाद भी इंसान युद्ध के माध्यम से एक-दूसरे को मार रहे हैं और दूसरों की मेहनत के फल को धोखे या चोरी से छीनना चाहते हैं। मैं आपको सच्चाई बताऊँगा। मैं बहुत से सिद्धांत बताऊँगा। हो सकता है आपने उनमें से कई सिद्धांतों के बारे में पहले न सुना हो, क्योंकि उनका ज्ञान सिर्फ़ उन्हीं लोगों को होता है, जो मेरी बताई डिग्री ऑफ़ फ़ेलोशिप के लिए तैयार हों। हालाँकि डिग्री ऑफ़ फ़ेलोशिप हासिल करने वाले लोगों की संख्या कम है, लेकिन तेज़ी से बढ़ रही है।
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