लोगों की राय

अतिरिक्त >> मवाली

मवाली

सुरेन्द्र मोहन पाठक

प्रकाशक : राजा पॉकेट बुक्स प्रकाशित वर्ष : 2009
पृष्ठ :175
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 7673
आईएसबीएन :0

Like this Hindi book 9 पाठकों को प्रिय

375 पाठक हैं

सस्ते, खुरदुरे कागज में...

वो दुर्दान्त हत्यारा था। वो शराब का स्मगलर था। वो मटका संचालक था। वो गटर का कुलबुलाता कीड़ा था। जो जुर्म की दुनिया का सिकन्दर बना जो अपने दुश्मनो की लाशों को रौंदता हुआ कामयाबी के शिखर पर पहुँचा। एक गैंगेस्टर के अविश्वसनीय उत्थान और उससे भी अविश्वसनीय पतन की खंरेज कहानी।

प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: mxx

Filename: partials/footer.php

Line Number: 7

hellothai