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भक्षक
भक्षक
प्रकाशक :
राजा पॉकेट बुक्स |
प्रकाशित वर्ष : 2006 |
पृष्ठ :303
मुखपृष्ठ :
पेपरबैक
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पुस्तक क्रमांक : 7685
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आईएसबीएन :0 |
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8 पाठकों को प्रिय
102 पाठक हैं
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सस्ते, खुरदुरे कागज में...
चिराग कासनीवाल को रात के अंधेरे में अपने पड़ोस से मौत का फरिश्ता अपनी तरफ झांकता जान पड़ता था, जो अपनी बाहें पसारे उसे उनमें समा जाने के लिए उकसाता था, हर घड़ी उसे एहसास दिलाता था कि कोई अनहोनी होने वाली थी।
क्या वो सच में हलकान पशेमान था या वो उसके दिमाग का खलल था ?
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