श्रंगार-विलास >> वयस्क किस्से वयस्क किस्सेमस्तराम मस्त
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मस्तराम के मस्त कर देने वाले किस्से
अगले दिन लगभग 11 बजे राजू ने ग्यारहवीं मंजिल वाली आंटी के यहाँ दरवाजे की
घंटी बजाई। कुछ देर में आंटी ने दरवाजा खोला। उसने आशा भरी आवाज में उनसे पूछा,
"आंटी क्या मैं थोड़ी देर वीडियो गेम खेल सकता हूँ?" कामिनी ने उसे अनमने मन से
अंदर आने दिया और बोली, "मैं बस नहाने जा ही रही थी। तुम थोड़ी देर बाद आ सकते
हो?" राजू का मुँह उतर गया, पर वह क्या कहता, बोला, "ठीक है।" कामिनी को अपने
कार्यक्रम में व्यवधान पड़ने के कारण गुस्सा आ गया था। उसको निराश पलटते देखकर
उसे राजू पर दया आ गयी। वह बोली, "अच्छा तुम चुपचाप खेलना, ज्यादा शोर मत
मचाना।" राजू को लगा जैसे कि उसे लूटी हुई पतंग मिल गई हो। उसके चेहरे पर तुरंत
चमक आ गई। वह खुशामद भरे स्वर में बोला, "मैं बिलकुल चुपचाप खेलूँगा।" कामिनी
जानती थी, वीडियो गेम चुपचाप खेलना कठिन होता है, पर वह उसे अनदेखा करके बेडरूम
में चली गई और उसने बेडरूम का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया। अचानक उसे कल वाली
घटना याद आई और वह फिर से दरवाजे की झिरी से उसे देखने लगी। राजू बड़ी तल्लीनता
से गेम कंसोल को जमाने में जुटा था।
कामिनी ने एक-एक करके अपने सारे कपड़े उतारे फिर थोड़ी देर तक अपने शरीर को
भरपूर नजरों से दर्पण में देखा। बेडरूम में रखे एक टेबल फैन को बाथरूम की ओर
खोल कर पानी के नल के नीचे खड़ी हो गई। पानी की एक पतली धार उसके बालों से निकल
बायें उरोज पर पहुँची। वहाँ कुछ देर सुस्ताने के बाद फिर वहाँ से घूमती हुई
उरोज के दायें भाग से लुढ़कती हुई नाभि की ओर चल निकली। नाभि में एक गोल घेरा
लगाते हुए नीचे की ओर बढ़ी, लगभग तुरंत ही उसका घने बालों के एक तिकोन से सामना
हो गया। उस घने जंगल में अपना रास्ता बनाती हुए वह पानी की सर्पीली धार उसके
कामांग के ऊपरी भाग में छुपे एक छोटे से कुकुरमुत्तेनुमा हिस्से के अंदर घुस
गई। कामिनी इस धार के वहाँ पहुचने का ही इंतजार कर रही थी। धार के आगमन का
कामिनी ने एक बार जोर से सिहर कर अभिवादन किया।
लगभग दस मिनट तक वह मद्धम लेकिन लगातार आती रही पानी की धार उसे सुख की हिलोरों
का आनन्द देती रही। कभी-कभी पानी की बहती धार उसके कामांग के सबसे कोमल भाग पर
कुछ ऐसा घर्षण करती, कि वह खड़े-खड़े बरबस लहरा जाने के लिए मजबूर हो जाती।
थोड़ी देर बाद उसने पिछले ही हफ्ते मॉल से लेकर आये तरल साबुन को अपने शरीर
लगाना शुरु किया।
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