व्यवहारिक मार्गदर्शिका >> द माइंड मैप बुक द माइंड मैप बुकटोनी बुज़ान बैरी बुज़ान
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‘माइंड मैप’ बेहतर सोचने और मस्तिष्क की क्षमता बढ़ाने की एक क्रान्तिकारी प्रणाली है...
‘माइंड मैप’ बेहतर सोचने और मस्तिष्क की क्षमता
बढ़ाने की एक क्रान्तिकारी प्रणाली है जिसे दुनिया-भर में लोगों ने प्रयोग
कर अपने जीवन को और सफल बनाया है। इस पुस्तक में माइंड मैप की प्रणाली और
उससे जुड़ी तकनीकें समझाई गई हैं जिनका उपयोग करके आप :
1. सीखने की गति और क्षमता का विकास कर सकते हैं
2. अपनी स्मरण-शक्ति को बढ़ा सकते हैं
3. अपनी रचनात्मक सोच का भरपूर विकास कर सकते हैं
4. प्रभावशाली रिपोर्ट और प्रेज़ेटेशन बनाना सीख सकते हैं
5. अपने सहयोगियों और उच्चाधिकारियों को प्रभावित कर सकते हैं
टोनी बुज़ान विश्वप्रसिद्ध मस्तिष्क-विशेषज्ञ हैं जिन्होंने विशेष रूप से ‘सीखने’ पर शोध किया है। 100 से अधिक देशों में उनकी पुस्तकें बिकती हैं और 30 से अधिक भाषाओं में उनका अनुवाद हो चुका है। वे कई बड़ी बहुराष्ट्रीय कम्पनियों और राष्ट्रीय सरकारों के सलाहकार हैं। इस पुस्तक के सह-लेखक उनके भाई बैरी बुज़ान लंदन स्कूल ऑफ इकॉनामिक्स में प्रोफेसर हैं और 1981 से टोनी बुज़ान के साथ माइंड मैप तकनीक के विकास में जुटे हुए हैं।
टोनी बुज़ान की पुस्तक ‘यूज़ यूअर हैड’ को हिन्दी पाठकों ने बहुत पसंद किया है और उसका प्रयोग कर अपने जीवन में सफलता के नये आयाम छू रहे हैं।
1. सीखने की गति और क्षमता का विकास कर सकते हैं
2. अपनी स्मरण-शक्ति को बढ़ा सकते हैं
3. अपनी रचनात्मक सोच का भरपूर विकास कर सकते हैं
4. प्रभावशाली रिपोर्ट और प्रेज़ेटेशन बनाना सीख सकते हैं
5. अपने सहयोगियों और उच्चाधिकारियों को प्रभावित कर सकते हैं
टोनी बुज़ान विश्वप्रसिद्ध मस्तिष्क-विशेषज्ञ हैं जिन्होंने विशेष रूप से ‘सीखने’ पर शोध किया है। 100 से अधिक देशों में उनकी पुस्तकें बिकती हैं और 30 से अधिक भाषाओं में उनका अनुवाद हो चुका है। वे कई बड़ी बहुराष्ट्रीय कम्पनियों और राष्ट्रीय सरकारों के सलाहकार हैं। इस पुस्तक के सह-लेखक उनके भाई बैरी बुज़ान लंदन स्कूल ऑफ इकॉनामिक्स में प्रोफेसर हैं और 1981 से टोनी बुज़ान के साथ माइंड मैप तकनीक के विकास में जुटे हुए हैं।
टोनी बुज़ान की पुस्तक ‘यूज़ यूअर हैड’ को हिन्दी पाठकों ने बहुत पसंद किया है और उसका प्रयोग कर अपने जीवन में सफलता के नये आयाम छू रहे हैं।
भाग-1
स्वाभाविक वास्तुशिल्प
आप कोई भी, कहीं भी हों-इन शब्दों को पढ़ने के लिए आप इस्तेमाल कर रहे
हैं–सार्वभौम की सबसे सुंदर, जटिल, पेचीदा, रहस्यमयी व
शक्तिशाली वस्तु-आपका मस्तिष्क।
हम, एक विकासात्मक मॉडल की तरह, मात्र 45,000 वर्ष पुराने हैं, और हम आज क्रान्ति के उस कगार पर खड़े हैं जो मानव विकास की धारा को बदल देगा। मावन बुद्धिमत्ता के साढ़े तीन करोड़ वर्षों के इतिहास में पहली बार, उस बुद्धिमत्ता ने यह एहसास किया है कि वह अपने आपको समझ, विश्लेषण व पोषण कर सकती है। अपने आप पर स्वयं को लागू करके वह सोचने के ऐसे नए तरीके विकसित कर सकती है जो पूरे विश्व में वर्तमान में उपयोग किए जाने वाले पारंपारिक तरीकों से कहीं ज़्यादा लचीले व ताकतवर हैं।
पिछली कुछ सदियों के दौरान ही केवल हमने अपने मस्तिष्क के स्वरूप व कार्यों के बारे में जानकारी एकत्र करनी शुरू की है। हमने जो लाभ किए है, उसकी खुशी में इस विषय पर अनगिनत पेपर और लेख छापे गए। यह भी गणना की गई है कि पिछले 10 सालों में हमने कुल जानकारी का 95 प्रतिशत एकत्र कर लिया है जो जानकारी इससे पहले मानव मस्तिष्क पर कभी एकत्र नहीं की गई थी। हालांकि उसे पूरी तरह से समझने के लिए अभी बहुत लंबा रास्ता तय करना है (हम यह अच्छी तरह से जानते हैं कि हम जो जानते हैं, वह उसका एक लघु अंश मात्र ही है जिसके बारे में अभी जानना बाकी है। हम यह जानते हैं कि हमारे दूसरों के बारे में और अपने बारे में विचार को बदलना है।
वे कौन-सी खोजें हैं और इन प्रश्नों के उत्तर क्या हैं ?
1. हमारे मस्तिष्क के अंगभूत भाग कौन-से हैं ?
2. हम सूचना को कैसे आगे बढ़ाते हैं ?
3. मस्तिष्क के मुख्य कार्य क्या हैं ?
4. कैसे मस्तिष्क के द्वारा दक्षता के केंद्र वितरित किए जाते हैं ?
5. हम कैसे सीखते हैं और किस चीज़ को हम आसानी से याद रख पाते हैं ?
6. क्या मूल रूप से मानव मस्तिष्क नमूना (पैटर्न) बनाने और नमूना ढूंढने वाला यंत्र है ?
7. असाधारण, लेकिन फिर भी आम लोगों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली तकनीकें कौन-सी हैं, जो अपने साथियों की अपेक्षा ज़्यादा याद रख सकते हैं ?
8. मस्तिष्क की क्षमता व कार्य के बारे में लोगों के अंदर इतनी निराशा क्यों है ?
9. सोचने का स्वाभाविक व उपयुक्त ढंग कौन-सा है ?
10. मानव विचार का सोचने का स्वाभाविक व उपयुक्त भाव कौन-सा है ?
भाग 1-5 में इन सब सवालों का जवाब है, जो कोशिकीय और दीर्घ दोनों स्तरों पर आपके मस्तिष्क के आश्चर्यजनक स्वभाविक वास्तुशिल्प व मस्तिष्क के प्रमुख कार्यों से आपका परिचय कराएंगे। यह बताया जाएगा कि कैसे महान विचारकों ने अपनी क्षमताओं का प्रयोग किया, जो हर किसी के पास होती हैं और ऐसा क्यों है कि 95 प्रतिशत लोग अपने मानसिक क्रियाकलाप से असंतुष्ट हैं। इस भाग के अध्यायों में नए, मस्तिष्क पर आधारित विचार के आधुनिकतम तरीके-रेजियंट थिंकिंग व उसकी स्वाभाविक अभिव्यक्ति-माइंड मैप से आपका परिचय कराया जाएगा।
हम, एक विकासात्मक मॉडल की तरह, मात्र 45,000 वर्ष पुराने हैं, और हम आज क्रान्ति के उस कगार पर खड़े हैं जो मानव विकास की धारा को बदल देगा। मावन बुद्धिमत्ता के साढ़े तीन करोड़ वर्षों के इतिहास में पहली बार, उस बुद्धिमत्ता ने यह एहसास किया है कि वह अपने आपको समझ, विश्लेषण व पोषण कर सकती है। अपने आप पर स्वयं को लागू करके वह सोचने के ऐसे नए तरीके विकसित कर सकती है जो पूरे विश्व में वर्तमान में उपयोग किए जाने वाले पारंपारिक तरीकों से कहीं ज़्यादा लचीले व ताकतवर हैं।
पिछली कुछ सदियों के दौरान ही केवल हमने अपने मस्तिष्क के स्वरूप व कार्यों के बारे में जानकारी एकत्र करनी शुरू की है। हमने जो लाभ किए है, उसकी खुशी में इस विषय पर अनगिनत पेपर और लेख छापे गए। यह भी गणना की गई है कि पिछले 10 सालों में हमने कुल जानकारी का 95 प्रतिशत एकत्र कर लिया है जो जानकारी इससे पहले मानव मस्तिष्क पर कभी एकत्र नहीं की गई थी। हालांकि उसे पूरी तरह से समझने के लिए अभी बहुत लंबा रास्ता तय करना है (हम यह अच्छी तरह से जानते हैं कि हम जो जानते हैं, वह उसका एक लघु अंश मात्र ही है जिसके बारे में अभी जानना बाकी है। हम यह जानते हैं कि हमारे दूसरों के बारे में और अपने बारे में विचार को बदलना है।
वे कौन-सी खोजें हैं और इन प्रश्नों के उत्तर क्या हैं ?
1. हमारे मस्तिष्क के अंगभूत भाग कौन-से हैं ?
2. हम सूचना को कैसे आगे बढ़ाते हैं ?
3. मस्तिष्क के मुख्य कार्य क्या हैं ?
4. कैसे मस्तिष्क के द्वारा दक्षता के केंद्र वितरित किए जाते हैं ?
5. हम कैसे सीखते हैं और किस चीज़ को हम आसानी से याद रख पाते हैं ?
6. क्या मूल रूप से मानव मस्तिष्क नमूना (पैटर्न) बनाने और नमूना ढूंढने वाला यंत्र है ?
7. असाधारण, लेकिन फिर भी आम लोगों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली तकनीकें कौन-सी हैं, जो अपने साथियों की अपेक्षा ज़्यादा याद रख सकते हैं ?
8. मस्तिष्क की क्षमता व कार्य के बारे में लोगों के अंदर इतनी निराशा क्यों है ?
9. सोचने का स्वाभाविक व उपयुक्त ढंग कौन-सा है ?
10. मानव विचार का सोचने का स्वाभाविक व उपयुक्त भाव कौन-सा है ?
भाग 1-5 में इन सब सवालों का जवाब है, जो कोशिकीय और दीर्घ दोनों स्तरों पर आपके मस्तिष्क के आश्चर्यजनक स्वभाविक वास्तुशिल्प व मस्तिष्क के प्रमुख कार्यों से आपका परिचय कराएंगे। यह बताया जाएगा कि कैसे महान विचारकों ने अपनी क्षमताओं का प्रयोग किया, जो हर किसी के पास होती हैं और ऐसा क्यों है कि 95 प्रतिशत लोग अपने मानसिक क्रियाकलाप से असंतुष्ट हैं। इस भाग के अध्यायों में नए, मस्तिष्क पर आधारित विचार के आधुनिकतम तरीके-रेजियंट थिंकिंग व उसकी स्वाभाविक अभिव्यक्ति-माइंड मैप से आपका परिचय कराया जाएगा।
आश्चर्यजनक मस्तिष्क 1
अवलोकन
1. मस्तिष्क पर हुए आधुनिक अनुसंधान
2. सीखने का मनोविज्ञान-याद रखना
3. जीस्टॉल्स-समग्र स्थिति (gestalt wholeness)
4. एक रेडियंट थिंकिंग एसोसिएशन मशीन के रूप में मस्तिष्क
5. मानव बुद्धिमत्ता के इतिहास का विकास
इस अध्याय में उस आश्चर्यजनक बायो-कंप्यूटर जिसे मावन मस्तिष्क कहा जाता है, के नवीनतम जैवभौतिकी व स्नायूभौतिकी अनुसंधानों पर एक नज़र डाली जाएगी। आप जानेंगे कि आपके मस्तिष्क की कितनी कोशिकाएं हैं और वे कैसे जटिल व परिष्कृत ढंग से आपस में काम करती हैं। आप अपने मस्तिष्क के सूचना पहुंचाने वाली प्रणाली के वास्तविक स्वरूप के बारे में भी जानेंगे और दाएं व बाएं गोलार्ध में हुए आधुनिक अनुसंधानों के बारे में भी सीखेंगे। जब आप अपनी स्मरण-शक्ति से स्वरूप व कार्यप्रणाली व अपने मस्तिष्क के अन्य कार्यों के बारे में पढ़ेंगे, तो आप इसकी क्षमता व ताकत की असाधारण शक्ति के बारे में भी समझेंगे।
मस्तिष्क पर हुए आधुनिक अनुसंधान
मस्तिष्क की कोशिकाएं (brain cells)
मस्तिष्क की कोशिकाओं के बारे में अध्ययन करने के बाद ही सर चार्ल्स शैरिंगटन, जिन्हें कई लोग स्नायू भौतिकी का जनक मानते हैं, इस काव्यात्मक वाक्य को कहने को प्रेरित हुएः
मानव मस्तिष्क एक वशीभूत करने वाला करघा है जहाँ असंख्य चमकती हुई ढरकियां एक-दूसरे में मिल जाने वाले नमूने को बुनती हैं, हमेशा एक अर्थपूर्ण नमूने को, हालांकि कभी भी वह स्थायी नहीं होते, बहुत सारे नमूनों में एक-एक करके सामंजस्य बना रहता है। यह ऐसा ही है मानो, आकाशगंगा कोई स्वर्गिक नृत्य कर रही हो।
ब्रेन प्रत्येक मानव मस्तिष्क में लगभग 10 अरब (1,000,000,बाइट्स 000,000) मस्तिष्क कोशिकाएं होती हैं।
प्रत्येक मस्तिष्क कोशिका (neuron) में एक विस्तृत विद्युत रसायन (electro-chemical) मिश्रण और एक शक्तिशाली माइक्रो-डाटा प्रोसेसिंग व ट्रांसमिटिंग सिस्टम होता है, जो अपनी जटिलता के बावजूद, एक पिन के शीर्ष के ऊपर फिट हो सकता है। मस्तिष्क की ये प्रत्येक कोशिकाएं विशालकाय ऑक्टोपस के समान होती हैं जिनका एक मुख्य धड़ व असख्य स्पर्शक होते हैं।
जब हम आवर्धन का स्तर बढ़ाते हैं, हम पाते हैं कि कोशिका के केंद्र या केंद्रक (nucleus) से विकिरण होने वाला प्रत्येक स्पर्शक पेड़ की एक शाखा की तरह होता है। मस्तिष्क की कोशिका की शाखाओं को द्रुमाश्म (dendrites) कहा जाता है (प्राकृतिक पेड़ जैसा निशान या ढांचे की तरह परिभाषित किया जाता है)। एक सबसे बड़ी व लंबी शाखा जिसे अक्षतंतु (axon) कहा जाता है, कोशिका द्वारा भेजी जा रही सूचना का मुख्य निकास है।
प्रत्येक द्रुमाश्म व अक्षतंतु की लंबाई 1 मिलीमीटर से लेकर 1.5 मिलीमीटर तक हो सकती है और लंबाई के साथ-साथ व लंबाई के चारों ओर उसकी लंबाई छोड़े मशरूम (खुंभी) जैसे उभारों की तरह होती है जिसे द्रुमाकृतिक (dendritic and synaptic buttons) कहा जाता है। इस विशालकाय सूक्ष्मदर्शी दुनिया की ओर आगे कदम रखते हुए, हम पाते हैं कि प्रत्येक डेनड्रीटिक स्पाइंस व सिनैप्टिक बटन में असीमित रसायन होते हैं जो हमारे मावन सोच प्रक्रिया के प्रमुख संदेशवाहक हैं।
मस्तिष्क की एक कोशिका का एक डेनड्रीटिक स्पाइन व सिनैप्टिक बटन मस्तिष्क की अन्य कोशिका के सिनैप्टिक बटन से जुड़ेगा और जब एक विद्युतीय तरंग मस्तिष्क की कोशिका से गुजरती है तो रसायन इन दोनों के बीच के बहुत सूक्ष्म व द्रव से भरे स्थान तक पहुंचाए जाते हैं। इस स्थान को सिनैप्टिक गैप कहा जाता है।
रसायन ग्रहण करने वाली जगह में समा जाते हैं, जिससे एक तरंग पैदा होती है जो ग्रहण करने वाले मस्तिष्क की कोशिका से होकर गुजरती है जहां से उसे उसके साथ वाली मस्तिष्क की कोशिका में भेज दिया जाता है (देखें चित्र पृष्ठ 35 पर)।
हालांकि बहुत ही सरल ढंग से इसे चित्रित किया गया है, फिर भी जैवरसायिनक (biochemical) सूचना का जलप्रपाक जो सूत्रयुग्मन से बहता है वह अपने वेग व जटिलता में विस्मयकारी ढंग से प्रेरणा देने वाला होता है।
मस्तिष्क की एक कोशिका हर सेकेंड में हज़ारों जुड़े हुए बिंदुओं के द्वारा आने वाले आवेगों को ग्रहण कर सकती है। एक विशाल टेलीफोन एक्सचेंच की तरह काम करते हुए, कोशिका तुरंत सारी आने वाली कुल सूचना के डाटा को माइक्रोसेकेंड द्वारा माइक्रोसेंड में जोड़ देगी और उसे उपयुक्त मार्ग की ओर निर्देशित कर देगी।
जब दिया गया संदेश या विचार या किसी बात का याद रह जाना मस्तिष्क की कोशिका से मस्तिष्क की कोशिका में जाता है तो एक जैवरसायनिक विद्युतचुम्बकीय मार्ग बन जाता है। इन सारे स्नायू कोशिका मार्ग को याद्दाश्त चिह्न कहा जाता है। ये याद्दाश्त चिह्न या मानसिक मानचित्र मस्तिष्क के आधुनिक अनुसंधान के सबसे रोमांचक क्षेत्र हैं और हमारे सामने कई आश्चर्यजनक निष्कर्ष पेश करता है।
2. सीखने का मनोविज्ञान-याद रखना
3. जीस्टॉल्स-समग्र स्थिति (gestalt wholeness)
4. एक रेडियंट थिंकिंग एसोसिएशन मशीन के रूप में मस्तिष्क
5. मानव बुद्धिमत्ता के इतिहास का विकास
इस अध्याय में उस आश्चर्यजनक बायो-कंप्यूटर जिसे मावन मस्तिष्क कहा जाता है, के नवीनतम जैवभौतिकी व स्नायूभौतिकी अनुसंधानों पर एक नज़र डाली जाएगी। आप जानेंगे कि आपके मस्तिष्क की कितनी कोशिकाएं हैं और वे कैसे जटिल व परिष्कृत ढंग से आपस में काम करती हैं। आप अपने मस्तिष्क के सूचना पहुंचाने वाली प्रणाली के वास्तविक स्वरूप के बारे में भी जानेंगे और दाएं व बाएं गोलार्ध में हुए आधुनिक अनुसंधानों के बारे में भी सीखेंगे। जब आप अपनी स्मरण-शक्ति से स्वरूप व कार्यप्रणाली व अपने मस्तिष्क के अन्य कार्यों के बारे में पढ़ेंगे, तो आप इसकी क्षमता व ताकत की असाधारण शक्ति के बारे में भी समझेंगे।
मस्तिष्क पर हुए आधुनिक अनुसंधान
मस्तिष्क की कोशिकाएं (brain cells)
मस्तिष्क की कोशिकाओं के बारे में अध्ययन करने के बाद ही सर चार्ल्स शैरिंगटन, जिन्हें कई लोग स्नायू भौतिकी का जनक मानते हैं, इस काव्यात्मक वाक्य को कहने को प्रेरित हुएः
मानव मस्तिष्क एक वशीभूत करने वाला करघा है जहाँ असंख्य चमकती हुई ढरकियां एक-दूसरे में मिल जाने वाले नमूने को बुनती हैं, हमेशा एक अर्थपूर्ण नमूने को, हालांकि कभी भी वह स्थायी नहीं होते, बहुत सारे नमूनों में एक-एक करके सामंजस्य बना रहता है। यह ऐसा ही है मानो, आकाशगंगा कोई स्वर्गिक नृत्य कर रही हो।
ब्रेन प्रत्येक मानव मस्तिष्क में लगभग 10 अरब (1,000,000,बाइट्स 000,000) मस्तिष्क कोशिकाएं होती हैं।
प्रत्येक मस्तिष्क कोशिका (neuron) में एक विस्तृत विद्युत रसायन (electro-chemical) मिश्रण और एक शक्तिशाली माइक्रो-डाटा प्रोसेसिंग व ट्रांसमिटिंग सिस्टम होता है, जो अपनी जटिलता के बावजूद, एक पिन के शीर्ष के ऊपर फिट हो सकता है। मस्तिष्क की ये प्रत्येक कोशिकाएं विशालकाय ऑक्टोपस के समान होती हैं जिनका एक मुख्य धड़ व असख्य स्पर्शक होते हैं।
जब हम आवर्धन का स्तर बढ़ाते हैं, हम पाते हैं कि कोशिका के केंद्र या केंद्रक (nucleus) से विकिरण होने वाला प्रत्येक स्पर्शक पेड़ की एक शाखा की तरह होता है। मस्तिष्क की कोशिका की शाखाओं को द्रुमाश्म (dendrites) कहा जाता है (प्राकृतिक पेड़ जैसा निशान या ढांचे की तरह परिभाषित किया जाता है)। एक सबसे बड़ी व लंबी शाखा जिसे अक्षतंतु (axon) कहा जाता है, कोशिका द्वारा भेजी जा रही सूचना का मुख्य निकास है।
प्रत्येक द्रुमाश्म व अक्षतंतु की लंबाई 1 मिलीमीटर से लेकर 1.5 मिलीमीटर तक हो सकती है और लंबाई के साथ-साथ व लंबाई के चारों ओर उसकी लंबाई छोड़े मशरूम (खुंभी) जैसे उभारों की तरह होती है जिसे द्रुमाकृतिक (dendritic and synaptic buttons) कहा जाता है। इस विशालकाय सूक्ष्मदर्शी दुनिया की ओर आगे कदम रखते हुए, हम पाते हैं कि प्रत्येक डेनड्रीटिक स्पाइंस व सिनैप्टिक बटन में असीमित रसायन होते हैं जो हमारे मावन सोच प्रक्रिया के प्रमुख संदेशवाहक हैं।
मस्तिष्क की एक कोशिका का एक डेनड्रीटिक स्पाइन व सिनैप्टिक बटन मस्तिष्क की अन्य कोशिका के सिनैप्टिक बटन से जुड़ेगा और जब एक विद्युतीय तरंग मस्तिष्क की कोशिका से गुजरती है तो रसायन इन दोनों के बीच के बहुत सूक्ष्म व द्रव से भरे स्थान तक पहुंचाए जाते हैं। इस स्थान को सिनैप्टिक गैप कहा जाता है।
रसायन ग्रहण करने वाली जगह में समा जाते हैं, जिससे एक तरंग पैदा होती है जो ग्रहण करने वाले मस्तिष्क की कोशिका से होकर गुजरती है जहां से उसे उसके साथ वाली मस्तिष्क की कोशिका में भेज दिया जाता है (देखें चित्र पृष्ठ 35 पर)।
हालांकि बहुत ही सरल ढंग से इसे चित्रित किया गया है, फिर भी जैवरसायिनक (biochemical) सूचना का जलप्रपाक जो सूत्रयुग्मन से बहता है वह अपने वेग व जटिलता में विस्मयकारी ढंग से प्रेरणा देने वाला होता है।
मस्तिष्क की एक कोशिका हर सेकेंड में हज़ारों जुड़े हुए बिंदुओं के द्वारा आने वाले आवेगों को ग्रहण कर सकती है। एक विशाल टेलीफोन एक्सचेंच की तरह काम करते हुए, कोशिका तुरंत सारी आने वाली कुल सूचना के डाटा को माइक्रोसेकेंड द्वारा माइक्रोसेंड में जोड़ देगी और उसे उपयुक्त मार्ग की ओर निर्देशित कर देगी।
जब दिया गया संदेश या विचार या किसी बात का याद रह जाना मस्तिष्क की कोशिका से मस्तिष्क की कोशिका में जाता है तो एक जैवरसायनिक विद्युतचुम्बकीय मार्ग बन जाता है। इन सारे स्नायू कोशिका मार्ग को याद्दाश्त चिह्न कहा जाता है। ये याद्दाश्त चिह्न या मानसिक मानचित्र मस्तिष्क के आधुनिक अनुसंधान के सबसे रोमांचक क्षेत्र हैं और हमारे सामने कई आश्चर्यजनक निष्कर्ष पेश करता है।
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लोगों की राय
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