उपन्यास >> वाराणसी वाराणसीएम. टी. वासुदेवन नायर
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वाराणसी कई वितानों की यात्राओं को अपने में समेटे हुए है।
वाराणसी कई वितानों की यात्राओं को अपने में समेटे हुए है। पास रहते हुए भी मन से काननों की यात्रा करने वाले.... ज़िन्दगी के एकांत को लिए घूमने-फिरने वाले...किसी भी समुद्र को पीकर भी अनबुझी प्यास के लिए चलने वाले... इस उपन्यास को पढ़ने हुए मानव जीवन के बनाए ऐसे महागोपुर हमारे मन में उठते हैं। ज़िन्दगी के बचे दुःखों के घाव भरने को शांतिस्थलियों की ओर चलनेवाला सच्चा भारतीय मन इस उपन्यास में है। लेखक की अन्य कथा-रचनाओं से एकदम भिन्न जीवन-अवस्था एवं रचना शैली में लिखित इस उपन्यास को पढ़ना अपनी ही तरह का विशिष्ट अनुभव है।
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