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उपन्यास >> आदम खोर

आदम खोर

नानक सिंह

प्रकाशक : साहित्य एकेडमी प्रकाशित वर्ष : 2010
पृष्ठ :259
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 8057
आईएसबीएन :8172014023

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पंजाबी उपन्यास लेखक नानक सिंह का एक श्रेष्ठ उपन्यास, पंजाबी से रूपान्तरित

Adam khor by Nanak Singh

नानक सिंह (1897-1971) आधुनिक पंजाबी उपन्यास लेखन के जनक हैं। पंजाबी साहित्य में उनका स्थान ठीक वैसा ही है जैसा कि बंकिमचन्द्र एवं शरतचन्द्र का बांग्ला में और प्रेमचन्द का हिन्दी में। उन्होंने पंजाबी कहानी लेखन को गति, गरिमा और उत्कृष्टता प्रदान की। उनके लेखन में आदर्श प्रेम के अंकन और सामाजिक रूढ़ियों पर प्रहार को केन्द्रीय विषय-वस्तु के रूप में देखा जा सकता है जिसे उन्होंने बार-बार दोहराया। उन्होंने धार्मिक आडम्बर, जातिगत आतंक और नारी-दमन की स्पष्ट विरोध किया। उनके कथा-साहित्य में गाँधीवादी विचारों की परिव्याप्ति देखी जा सकती है। उनके अभी तक 7 कहानी-संग्रह, 2 नाटक, 11 कविता-संग्रह और 35 उपन्यास प्रकाशित हो चुके हैं। उसका उपन्यास ‘इक मियान दो तरवाराँ’ को विषय के गहन निरूपण और यथार्थ चित्रण के लिए पंजाबी साहित्य में उत्कर्ष योगदान के नाते वर्ष 1961 के साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया तथा ‘लव मैरिज, मँझधार’ नामक उपन्यास क्रमशः पंजाब तथा पैप्सू की सरकार द्वारा पुरस्कृत हो चुके हैं।

अन्य भारतीय भाषाओं के अनुवाद के लिए पंजाबी साहित्य के एक श्रेष्ठ ग्रन्थ के नाते साहित्य अकादेमी ने ‘आदमखोर’ को चुना है तथा इसका हिंदी अनुवाद किया है कृष्ण कुमार जोशी ने।


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