उपन्यास >> डॉक्टर ग्लास डॉक्टर ग्लासज़लमार सॉडरबैरिए
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स्वीडिश भाषा का अति चर्चित एवं यादगार उपन्यास
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
डॉक्टर ग्लास उन्नीसवीं सदी के अवसान काल के दौरान स्टॉकहोम नगर में घटित एक अनोखी प्रेम कहानी के परितः चलता स्वीडिश भाषा का यादगार उपन्यास है। डॉक्टर ग्लास जो कि पेशे से चिकित्सक (सर्जन) हैं एक बूढ़े पादरी की नवयौवना खूबसूरत बीवी के प्रति आसक्त हो जाते हैं। यह आसक्ति डॉक्टर ग्लास की मानसिक स्थिति मात्र ही नहीं बदलती, उसके दैनंदिन जीवन और व्यवहार को भी बदलने में उत्प्रेरक सिद्ध होती हैं। नायिका (मिसिज़ ग्रिगोरियस) डॉक्टर से यह गुजारिश करती है कि वह कुछ ऐसी बीमारी उसे बताए और इस बाबत पादरी को ऐसी सलाह दे कि पादरी अपनी बीवी मिसिज़ ग्रिगेरियस की देह से दूर रहे। थोड़े असमंजस के बाद डॉक्टर मान जाता है। और तब ऐसा करते करते एक दिन उस पादरी को दवा के नाम पर जहर दे डालता है।
तमाम जद्दोजहद के बीच नैतिकता, अनैतिकता, जायज, नाजायज, धर्म, अध्यात्म को लेकर डॉक्टर ग्लास लंबे अन्तर्द्वन्द्वों से गुजरता है और आखिर पाता हैं कि वह जिस खूबसूरत स्त्री के प्रति इतने घनघोर प्रेम और सपने पाल रखा था वह उसके प्रेम में नहीं है। अपनी खूबसूरती से चकाचौंध पैदा करने वाली मिसिज ग्रिगेरियस की निजी जिंदगी और उसकी अपनी प्रेम कहानी का सच इस उपन्यास का चरम है।
लगभग सवा सौ वर्ष पहले के स्टॉकहोम, उसकी खूबसूरती और नगर व्यवस्था आदि का वर्णन डायरी शैली में लिखे पत्रकार, नाट्यकार जलमार सॉडरबैरिए के इस उपन्यास को ज्यादा विश्वसनीय और महत्त्वपूर्ण बनाता है। मूल स्वीडिश में 1905 में छपे इस उपन्यास का कई भाषाओं में अनुवाद, नाट्यांतरण के अलावा इस पर बनी फिल्म भी काफी चर्चित और सराहनीय रही है।
तमाम जद्दोजहद के बीच नैतिकता, अनैतिकता, जायज, नाजायज, धर्म, अध्यात्म को लेकर डॉक्टर ग्लास लंबे अन्तर्द्वन्द्वों से गुजरता है और आखिर पाता हैं कि वह जिस खूबसूरत स्त्री के प्रति इतने घनघोर प्रेम और सपने पाल रखा था वह उसके प्रेम में नहीं है। अपनी खूबसूरती से चकाचौंध पैदा करने वाली मिसिज ग्रिगेरियस की निजी जिंदगी और उसकी अपनी प्रेम कहानी का सच इस उपन्यास का चरम है।
लगभग सवा सौ वर्ष पहले के स्टॉकहोम, उसकी खूबसूरती और नगर व्यवस्था आदि का वर्णन डायरी शैली में लिखे पत्रकार, नाट्यकार जलमार सॉडरबैरिए के इस उपन्यास को ज्यादा विश्वसनीय और महत्त्वपूर्ण बनाता है। मूल स्वीडिश में 1905 में छपे इस उपन्यास का कई भाषाओं में अनुवाद, नाट्यांतरण के अलावा इस पर बनी फिल्म भी काफी चर्चित और सराहनीय रही है।
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