लोगों की राय

कहानी संग्रह >> मेरी प्रिय कहानियाँ (अमृतलाल नागर)

मेरी प्रिय कहानियाँ (अमृतलाल नागर)

अमृतलाल नागर

प्रकाशक : राजपाल एंड सन्स प्रकाशित वर्ष : 2012
पृष्ठ :128
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 8088
आईएसबीएन :9789350640135

Like this Hindi book 9 पाठकों को प्रिय

443 पाठक हैं

लेखक की अपनी कहानियों में से उनकी पसंद की चुनिंदा कहानियाँ

Meri Priya Kahaniyan by Amritlal Nagar

‘अमृतलाल नागर’ हिन्दी के उन गिने-चुने मूर्धन्य लेखकों में हैं जिन्होंने जो कुछ लिखा वह साहित्य की निधि बन गया है। सभी प्रचलित वादों से निर्लप्त उनका कृतित्व और व्यक्तित्व कुछ अपनी ही प्रभा से ज्योतित है। उन्होंने जीवन में गहरे पैठकर कुछ मोती निकाले हैं और उन्हें अपनी रचनाओं में बिखेर दिया है। प्रेमचंद के बाद के कथाकारों में अमृतलाल नागर का स्थान बहुत ऊँचा है, और उन्हें हिन्दी साहित्य को विश्व स्तर पर ले जाने का गौरव प्राप्त है। उपन्यासों की भांति उनकी कहानियाँ भी सभी रंगों में लिखी गई हैं और बहुत पसंद की जाती रही है। इस संकलन के लिए उन्होंने स्वयं कहानियाँ चुनी हैं जो उनकी समग्र कथायात्रा का प्रतिनिधित्व करती हैं।

क्रम

शकीला की माँ
कादिर मियाँ की भौजी
गोरखधंधा
छापे के हुरूफ
एटम बम
सूखी नदियाँ
एक दिल हजार दास्तां
धर्म-संकट
मोती की सात चलनियाँ
आदमी : जाना अनजाना
माँ-बाप और बच्चे

प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book