लोगों की राय

उपन्यास >> बेवतन

बेवतन

अशरफ़ शाद

प्रकाशक : राजकमल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2000
पृष्ठ :587
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 8136
आईएसबीएन :8126700149

Like this Hindi book 8 पाठकों को प्रिय

23 पाठक हैं

अपनी जमीनों से उखड़े, पराए मुल्कों में भटकते बेवतनों पर आधारित उपन्यास, बेवतन...

Bevatan by Asharf Shaad

अशरफ शाद पेशे से पत्रकार हैं और दिल से शायर। इस उपन्यास में उन्होंने अपनी इन दो खूबियों का भरपूर इस्तेमाल किया है। अपनी जमीनों से उखड़े, पराए मुल्कों में भटकते बेवतनों के आर्थिक-सामाजिक हालात का जायजा अगर उनका पत्रकार, बिल्कुल एक शोधार्थी की तरह लेता है, तो उन लोगों के भीतर घुमड़ते दुःख को जबान उनका शायर देता है। तथ्यात्मक विवरणों की निर्वैयक्तिकता और इन विवरणों में गुँथे पात्रों के साथ लेखक की गहन संलग्नता के चलते ही वह तनाव जन्म लेता है जो दर्जनों कथाओं-उपकथाओं में फैली इस गाथा को अद्भुत ढंग से पठनीय बनाता है।
निस्सन्देह इसमें अशरफ शाद के ‘कहानीपन’ की भी भूमिका है जिसके लिए आधुनिक उर्दू कथा-साहित्य में उन्हें एक ख़ास जगह हासिल है। अपने तमाम सरोकारों, चिन्ताओं और विस्तृत कथा-फलक के बावजूद ‘बेवतन’ का कहानीपन कहीं किसी झोल का शिकार नहीं होता।

‘बेवतन’ की चिन्ता के दायरे में वे लोग हैं जो बेहतर जिन्दगी की तलाश में अपने घरों और मुल्कों को छोड़कर परदेसी हो जाते हैं और पूरी जिन्दगी अपनी ‘सम्पूर्ण’ पहचान के लिए अपने आपसे और हालात से जद्दोजहद करते रहते हैं।


प्रथम पृष्ठ

लोगों की राय

No reviews for this book

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: mxx

Filename: partials/footer.php

Line Number: 7

hellothai