जीवनी/आत्मकथा >> किसने मेरा भाग्य लिखा किसने मेरा भाग्य लिखापी. आर. सुभाषचन्द्रन
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सुशील कुमार शिंदे का प्रामाणिक जीवन-गाथा
यह केवल किताब नहीं है, हीरों का पुंज है। जितना आप कसोगे, उतना ही ये खरा उतरेगा।
-वाई. एस. राजशेखर रेड्डी
(पूर्व मुख्यमंत्री, आंध्र प्रदेश)
यह अवरोध के खिलाफ शिंदे की लगातार लड़ने का जीवनगाथा है। कठिन और विषम परिस्थितियों में भी अपने आपको आगे ले जाने का उनका आशावादी दृष्टिकोण यहाँ दिखाई देता है।
-द हिन्दू, दैनिक समाचार-पत्र
एक राष्ट्रीय नायक की यह जुझारू जीवनगाथा है, जिसको पढ़ने से हर एक को आगे बढ़ने की अदम्य इच्छा स्वतः ही प्राप्त होती है। शिंदे का यह व्यक्तित्व भारत के हर गरीब के व्यक्तित्व का प्रतिनिधित्व करता है। किंतु सब लाचार और गरीब बच्चे शिंदे की ऊँचाई तक नहीं उड़ पाते। लेकिन यह पुस्तक पढ़ने के बाद उनमें इस ऊँचाई तक उड़ने की अदम्य इच्छा जाग्रत होती है।
-आर. आर. गिरीश कुमार
(आई.पी. एस. डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस, आंध्र प्रदेश)
-वाई. एस. राजशेखर रेड्डी
(पूर्व मुख्यमंत्री, आंध्र प्रदेश)
यह अवरोध के खिलाफ शिंदे की लगातार लड़ने का जीवनगाथा है। कठिन और विषम परिस्थितियों में भी अपने आपको आगे ले जाने का उनका आशावादी दृष्टिकोण यहाँ दिखाई देता है।
-द हिन्दू, दैनिक समाचार-पत्र
एक राष्ट्रीय नायक की यह जुझारू जीवनगाथा है, जिसको पढ़ने से हर एक को आगे बढ़ने की अदम्य इच्छा स्वतः ही प्राप्त होती है। शिंदे का यह व्यक्तित्व भारत के हर गरीब के व्यक्तित्व का प्रतिनिधित्व करता है। किंतु सब लाचार और गरीब बच्चे शिंदे की ऊँचाई तक नहीं उड़ पाते। लेकिन यह पुस्तक पढ़ने के बाद उनमें इस ऊँचाई तक उड़ने की अदम्य इच्छा जाग्रत होती है।
-आर. आर. गिरीश कुमार
(आई.पी. एस. डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस, आंध्र प्रदेश)
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