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			 उपन्यास >> स्कीत्ज़ोफ्रे़निया स्कीत्ज़ोफ्रे़नियादिवाकर चौधरी
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स्कीत्ज़ोफ्रे़निया आपबीती है गणेशदा के भाई दिवाकर की व्यथा की, भाई के प्रति उनके अगाध प्रेम की, उनके अपने द्वंद्व की।
वह मनोरोगी था। उसने बर्बरता से अपनी पत्नी और बच्चों की हत्या कर दी। उस पर मुकद्दमा चला। अदालत ने उसे फांसी की सजा सुनाई। इस नृशंस घटना और अपने प्रिय गणेशदा की मनोव्यथा और फांसी की सज़ा से परिवार टूट गया। गणेशदा के भाई दिवाकर और उनके पिता ने उनका मुकद्दमा लड़ा। वे कर्ज़ में आकंठ डूब गये थे। गणेशदा का मनोविकार बढ़ता जा रहा था। उन्हें मनोचिकित्सालय में भर्ती करवा दिया गया। वहां डॉक्टरों के सहानुभूतिपूर्ण रवैये से गणेशदा ने अपनी साहित्यिक प्रतिभा को नया आयाम दिया। कवि के रूप में उन्होंने काफ़ी प्रसिद्धि पाई। उनका मनोरोग ठीक हो गया। कालांतर में फांसी रद्द हुई, उन्हें माफ़ी मिली।
स्कीत्ज़ोफ्रे़निया आपबीती है गणेशदा के भाई दिवाकर की व्यथा की, भाई के प्रति उनके अगाध प्रेम की, उनके अपने द्वंद्व की।
स्कीत्ज़ोफ्रे़निया आपबीती है गणेशदा के भाई दिवाकर की व्यथा की, भाई के प्रति उनके अगाध प्रेम की, उनके अपने द्वंद्व की।
						
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