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दो एकान्त

श्रीनरेश मेहता

प्रकाशक : सरल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2011
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ :
पुस्तक क्रमांक : 8438
आईएसबीएन :0

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दो एकान्त पुस्तक का आई पैड संस्करण

Do Ekant

आई पैड संस्करण


आधुनिकता सामाजिक ढाँचा ही नहीं है बल्कि हमारी व्यक्तिगत मानसिक स्थिति और स्वत्व बन गयी है। इसका नतीजा यह हुआ है कि प्रेम जैसी निजी अनुभूति पर भी इसका तनाव अनुभव होता है। इसलिए कभी-कभी जो आजीवन प्रेम के स्थान पर हम प्रेम के तनाव में ही रहते होते हैं।
इस उपन्यास में वानीरा और विवेक के माध्यम से इस आधुनिक तनाव वाली घटना-हीन वास्तविकता को अत्यन्त सूक्ष्म शैली, चित्रों और मन: स्थितियों के द्वारा श्रीनरेश मेहता ने प्रस्तुत किया है।



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