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कहानी संग्रह >> जनकप्रिया एवं अन्य कहानियाँ

जनकप्रिया एवं अन्य कहानियाँ

मनोज कुमार शर्मा

प्रकाशक : राजकमल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2012
पृष्ठ :199
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 8443
आईएसबीएन :9788183615181

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जीवन के विविध अनुभवों को प्रांजल भाषा में अभिव्यक्त करता कहानी संग्रह

Janakpriya Evam Anya Kahaniyan (Manoj Kuamr Sharma)

कवि-हृदय मनोज कुमार शर्मा का कहानी संग्रह ‘जनकप्रिया एवं अन्य कहानियाँ’ जीवन के विविध अनुभवों को प्रांजल भाषा में अभिव्यक्त करता है। लेखक के पास संवेदनाओं की सशक्त पूँजी है। यह संवेदना आधुनिक महानगरीय मन और परम्परागत लोकचित्त की साझा निर्मित है। यही कारण है कि मनोज कुमार शर्मा की कई कहानियाँ लोक स्वभाव का अनुगमन करते हुए लोकलय में लिखी गई हैं। इसे परम्परा को संरक्षित करने की ‘कथात्मक कोशिश’ भी कह सकते हैं। मनोज कुमार शर्मा समकालीय जिन्दगी का विसंगतियों को बहुत सलीके से छू लेते हैं। उन्हें इस बड़बोले समय में शब्द संयम के प्रति सचेत कहानीकार कहा जा सकता है। उन्होंने कुछ नए मुहावरों को रूपायित भी किया है, जैसे ‘मैं वैसे क्रोध तो राजस्थान की वर्षा की तरह कम ही करता हूँ परन्तु उस दिन तो बस चेरापूँजी...।’ ऐसे प्रयोगों से पठनीयता में वृद्धि होने के साथ शैली में एक सुखद चमक भी आ जाती है। समग्रतः प्रस्तुत कहानी संग्रह पाठकों के भावों और विचारों में अपनी जगह बनाएगा, ऐसा विश्वास है।


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