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झुलसा हुआ रक्त कमल

रणजीत

प्रकाशक : सरल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2011
पृष्ठ :120
मुखपृष्ठ :
पुस्तक क्रमांक : 8489
आईएसबीएन :0

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झुलसा हुआ रक्त कमल पुस्तक का किंडल संस्करण...

Jhulsa Huaa Rakt Kamal - A Hindi Ebook By Ranjeet

किंडल संस्करण


इन कविताओं में एक साम्यकामी मानववादी कवि की साम्यवाद की कुछ विकृतियों के प्रति भावात्मक प्रतिक्रियाएँ हैं–यही कारण है कि इनमें अन्तस्संघर्ष का स्वर ही प्रधान है। अपने आप से लड़ाई के ही ये कुछ शब्द-चित्र हैं।

साम्यवादी आदर्शों और व्यवहार के बीच के वे अन्तर विरोध जो इन कविताओं का मुख्य विषय है, मेरे काव्य-जीवन में एकाएक नहीं उभरे हैं, हाँ अफगानिस्तान में रूसी हस्तक्षेप के बाद वे एक अभूतपूर्व उत्कटता के साथ ज़रूर व्यक्त हुए हैं। इसके प्रमाण में मेरे पिछले तीन कविता संकलनों, ‘ये सपने : ये प्रेत’, जमती बर्फ़’ तथा ‘इतिहास का दर्द’ की अनेक कविताओं का उल्लेख किया जा सकता है, जैसे मेरी कलम : तुम्हारी किस्मत, इतिहास का दर्द, इतिहास का न्याय, प्रोमेथ्यूस आदि।
इस पुस्तक के कुछ पृष्ठ यहाँ देखें।

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