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कहानी की बात

मार्कण्डेय

प्रकाशक : सरल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2011
पृष्ठ :80
मुखपृष्ठ :
पुस्तक क्रमांक : 8496
आईएसबीएन :0

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कहानी की बात पुस्तक का आई पैड संस्करण

Kahani Ki Baat - A Hindi Ebook By Markandey

आई पैड संस्करण


नई कहानी की बहस के सिलसिले में जो लिखा जा रहा है, मेरा खयाल है, उसमें बाह्य-आरोपित मान्यताओं का यही स्वर मुख्य है। अन्यथा मात्र कथा-वस्तु की नवीनता अथवा प्राचीनता को कोई आधुनिक अथवा प्राचीन के मानदण्ड के रूप में प्रस्तुत नहीं करता।...मध्यवर्ग के जीवन में कुछ नया नहीं है...किसान का जीवन कहानी के लिए प्राचीन हैं...ऐसी बातों को उठाना या कहानी में पात्र अथवा कथानक की बात करते हुए पुराने लेखकों का नाम लेकर नई रचना को तुच्छ करार देना यह स्पष्ट कर देता है कि इस आलोचना को रचना अथवा जीवन के सत्यों से कम मतलब है, अपनी व्यक्तिगत मान्यता को थोपने और रचना द्वारा निर्मित सत्य को झुठलाने का इसका आग्रह ही मुख्य है।
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