लोगों की राय

अतिरिक्त >> मित्र मिलन

मित्र मिलन

अमरकान्त

प्रकाशक : सरल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2011
पृष्ठ :120
मुखपृष्ठ :
पुस्तक क्रमांक : 8537
आईएसबीएन :0

Like this Hindi book 6 पाठकों को प्रिय

305 पाठक हैं

मित्र मिलन पुस्तक का किंडल संस्करण...

Mitra Milan - A Hindi Ebook By Amarkant

किंडल संस्करण


‘ज़िन्दगी और जोंक,‘ देश के लोग’ और ‘मौत का नगर’ के बाद ‘मित्र-मिलन’ अमरकांत की नयी कहानियों का संकलन है। ये कहानियाँ न केवल इतिहास की विसंगतियों और असफलताओं पर गम्भीर चिन्ता व्यक्त करती हैं, बल्कि यथा-स्थितिवाद का कोहरा हटा कर हमारे दृष्टिकोण को बदलती हैं, और हमें मनुष्य के अधिक निकट ले जाती हैं, इन कहानियों में बदलाव की व्याकुलता है, प्रगतिशील जीवन दृष्टि के प्रति आस्था हैं। अमरकांत भारतीय निम्न मध्यमवर्गीय मनुष्य की भावनाओं को जितना समझते हैं उतना ही उसके अन्तर्विरोधी पर व्यंग्य करते हैं। ‘फर्क’ हो या ‘शक्तिशाली मैत्री’ हो या मित्र-मिलन,’ वास्तविकता का इतना आत्मीय अंकन अन्यत्र दुर्लभ है। विश्वनाथ त्रिपाठी का यह कथन सार्थक है कि अमरकांत का रचना संसार महान् रचनाकारों के रचना संसारों जैसा विश्वसनीय है। उस विश्वासनीयता का कारण है स्थितियों का अचूक चित्रण जिससे व्यंग्य और मार्मिकता का जन्म होता हैं। वास्तव में प्रेमचन्द्र के बाद जीवन की इतनी गहरी पकड़ अमरकांत में ही मिलती हैं। इस पुस्तक के कुछ पृष्ठ यहाँ देखें।

प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: mxx

Filename: partials/footer.php

Line Number: 7

hellothai