अतिरिक्त >> प्रेमी का उपहार प्रेमी का उपहाररबीन्द्रनाथ टैगोर
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प्रेमी का उपहार पुस्तक का आई पैड संस्करण
आई पैड संस्करण
‘‘अर्वाचीन जीवन प्राचीन की सर्वश्रेष्ठ साहित्य कला से प्रेरित होकर भविष्य को उज्ज्वलतम बना सकता है, ’’ ऐसा मेरा विश्वास है। अतः इसी विश्वास की अनुपम शक्ति से प्ररेणा पाकर लगभग दो वर्ष तक इस अकिंचन ने गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर के गूढ़ साहित्य-दर्शन का मंथन किया, और वह विशेषतः इसलिए कि प्रस्तुत ग्रन्थ के मौलिक रूप से उसका रूपान्तर करते समय मैं उनकी गम्भीरतम भावाभिव्यक्ति को छिपा न रहने दूँ।
मेरे विचार से ‘प्रेमी का उपहार’ एक इष्ट रूपान्तर होने के साथ-साथ अपने मौलिक रूप में एक अभीष्ट अभिवृद्धि भी है।
प्रत्येक विषय के पहले जो शीर्षक दिये गये हैं उनमें गुरुदेव के बृहद् भावों की एक छोटी-सी सृष्टि है, पर प्रस्तुत संकलन का प्रणय-निवेदन एकमात्र छोटी-सी सृष्टि नहीं अपितु वह भावना का समूचा राष्ट्र है जो संस्कृति की नौका में बैठकर जीवन के स्वर्गीय आदर्श की ओर इंगित कर रहा है। इस पुस्तक के कुछ पृष्ठ यहाँ देखें।
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