उपन्यास >> ओडिसी ओडिसीरमेश चन्द्र सिन्हा
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"ओडिसी : साहस, रोमांच और मानव आत्मा की अमर यात्रा।"
विश्वप्रसिद्ध ट्रॉय-युद्ध के महान योद्धा ओडिसियस की घर वापसी का वृत्तान्त है - ‘ओडिसी’। प्राचीन यूरोप के महान रचनाकार होमर की कथाकारिता का बेमिशाल नमूना है। यह ग्रन्थ जिसकी विशेषताओं की पुनरावृत्ति परवर्ती कथाकारों से सम्भव नहीं हो सकी।
इस ग्रन्थ ने सम्पूर्ण विश्व के कथा साहित्य को प्रभावित किया है। इसका रचनाफलक व्यापक है जिसमें मानवीय सम्बन्ध, क्रिया-कलाप और समाज के सभी पक्षों का समावेश है।
नित परिवर्तनशील विश्व के सुख-दुख और संघर्षों के चित्रण के माध्यम से ‘ओडिसी’ में होमर ने जीवन और जगत के यथार्थ को उजागर करते हुए यह रेखांकित किया है कि साहस, उत्साह और जिज्ञासावृत्ति से ही मनुष्य सफलता के शिखर पर पहुँचता है।
होमर के रचनाकौशल ने दृश्य-जगत की वास्तविकताओं को कुछ इस तरह सहेजा है कि यह ग्रन्थ साहित्य ही नहीं अपितु इतिहास, पुरातत्त्व, समाजशास्त्र, राजनीति शास्त्र और मनोविज्ञान के खोजी विद्वानों के आकर्षण की वस्तु बन गया है।
जटिल संरचना के बावजूद ‘ओडिसी’ का कथाप्रवाह पाठकों का औत्सुक्य बनाए रखता है। अपनी इन विशेषताओं के कारण ई. पू. 850 के आसपास जन्मे होमर की यह कृति आज भी प्रेरणादायी बनी हुई है।
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