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संक्रांति

सुमित्रानंदन पंत

प्रकाशक : सरल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2011
पृष्ठ :102
मुखपृष्ठ :
पुस्तक क्रमांक : 8622
आईएसबीएन :0

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संक्रांति पुस्तक का आई पैड संस्करण

Sankranti - A Hindi Ebook By Sumitranandan Pant

आई पैड संस्करण


इन रचनाओं की प्रेरणा मुझे सन् 1977 के चुनाव से मिली है। हमारी जनता अब युग प्रबुद्ध होकर मनोनुकूल राजनीतिक निर्णय ले सकती है, यह बात इस निर्वाचन से स्पष्ट हो गई है।

इसे मैं अपने देश ही की नहीं, विश्व इतिहास की एक महान घटना मानता हूँ। इतने विशाल पैमाने में इतनी बड़ी शांतिपूर्ण रक्तहीन क्रान्ति एवं राज्य परिवर्तन का सम्भव होना मन को आश्चर्य चकित देता है।

‘ग्राम्या’ में मैंने ग्राम देवता के निकट से दर्शन कर उसे प्रणाम किया था। प्रस्तुत संग्रह ‘संक्रान्ति’ में उसे दूर दृष्टि से देखने का प्रयत्न किया है। गाँव, नि:संदेह ही हमारे विराट् देश के अभिन्न अंग हैं और हमारे लोकतंत्र की एकमात्र शक्ति। गाँवों के जागरण से भारत पर मेरी आस्था और भी बढ़ गई है, कभी उनका युग के अनुरूप विकास हो सकेगा।

मानव भविष्य के संबंध में अपनी पिछली रचनाओं में जो आशा प्रकट करता आया हूँ उसकी पूर्व सूचना इस निर्वाचन से मुझे मिली है। राजनीतिक महत्व से भी अधिक इस घटना का मानव जगत् के लिए सांस्कृतिक महत्त्व है, इसमें मुझे संदेह नहीं। ये रचनाएँ 24-3-77 से 7-4-77 के बीच लिखी गई हैं। इस पुस्तक के कुछ पृष्ठ यहाँ देखें।

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