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तीसरा मोड़

महेश गुप्त

प्रकाशक : सरल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2011
पृष्ठ :160
मुखपृष्ठ :
पुस्तक क्रमांक : 8654
आईएसबीएन :0

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तीसरा मोड़ पुस्तक का आई पैड संस्करण

Teesra Mod - A Hindi Ebook By Mahesh Gupta

आई पैड संस्करण

कथा साहित्य में चरित्रांकन के सकारात्मक पहलू उजागर करने की प्रकृति दुनिया भर में न्यूनतम है। कभी-कभार जब ऐसे चरित्र रचे जाते हैं तो सामाजिक अन्तर्संघर्षों के अभाव में वे इकहरे और क्षीण हो जाते हैं। यही कारण है कि उपन्यासकार अपने कथा नायकों को समाज और परिवार के अन्तर्ग्रथन के बीच से उभारते हैं। विपरीत और नकारात्मक स्थितियों और पात्रों द्वारा सच्चाइयों की ओर संकेत भर कर देते हैं। हिन्दी में सकारात्मकता द्वारा रचनात्मक परिस्थितियों और नायकों का निर्माण यदा-कदा हुआ है। महेश गुप्त के उपन्यास ‘तीसरा मोड़’ का कथानक मूलतः अपनी सम्पूर्ण उपलब्धियों के साथ कथा-वाचक का एक सकारात्मक स्वरुप ही प्रस्तुत करता है। उलझाव तथा विसंगतियों से अलग आत्मनिर्णय का एक अलग ही स्वर सारे उपन्यास में व्याप्त हैं जो निश्चय ही उसे एक महत्वपूर्ण कथा कृति बना देता है। हिन्दी उपन्यास साहित्य के बहुमुखी विकास में इस उपन्यास की अपनी एक जगह बनेगी–इसमें संदेह नहीं।
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