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त्रिरूपा

र श केलकर

प्रकाशक : सरल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2011
पृष्ठ :143
मुखपृष्ठ :
पुस्तक क्रमांक : 8656
आईएसबीएन :0

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त्रिरूपा पुस्तक का आई पैड संस्करण

Trirupa - A Hindi Ebook By R. S. Kelkar

आई पैड संस्करण

‘त्रिरूपा’ में लेखक ने मनोवैज्ञानिक धरातल पर नारी के उन तीन रूपों का चित्रण अत्यन्त सूक्ष्म रूप में किया है, जो उसने आज की नई पीढ़ी की तरुणियों में देखे हैं। आधुनिक जीवन की विकृतियों में तरुण पीढ़ी किस प्रकार अनायास ग्रसित होती जा रही है, इसका यथातथ्य चित्रण पाठकों को इस उपन्यास में निकटता से देखने को मिलेगा। हमारे उच्च मध्यवर्गीय परिवारों में जन्मी-पली लड़कियाँ अपने सामाजिक परिवेश से अभिभूत होकर अपने जीवन की विलासिता और कामुकता में कैसे ढाल लेती हैं और फिर उसकी चरम परिणति ‘आध्यात्मिकता’ की ओर किस प्रकार होती है, इसका विश्लेषण भी इस उपन्यास में किया गया है। साथ ही जीवनेतर अस्तित्व पर भी प्रकाश डाला गया है। सहज सरल भाषी मानवीय संवेदनाओं और अनुभूतियों से ओत-प्रोत सरस वातावरण तथा पात्रों के मानसिक द्वन्द्वों के वास्तविक चित्रण की दृष्टि से यह उपन्यास अपना सर्वथा पृथक् अस्तित्व रखता है। इस पुस्तक के कुछ पृष्ठ यहाँ देखें।

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