गजलें और शायरी >> संभाल कर रखना संभाल कर रखनाराजेन्द्र तिवारी
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मन को छूने वाली ग़ज़लों का संग्रह
13
सब्र है तो निबाह कर लेगा
सब्र है तो निबाह कर लेगा।
वर्ना ग़म बेपनाह कर लेगा।।
जितनी ज़्यादा हवस बढ़ायेगा,
उतने कम ख़ैरख्वाह कर लेगा।
तू लड़ेगा अगर जो सूरज से,
अपना चेहरा सियाह कर लेगा।
तोड़ देगा वो फिर मेरी तौबा,
मेरा दिल फिर गुनाह कर लेगा।
दर्द हो जायेगा दवा जब भी,
वो ग़ज़ल से निकाह कर लेगा।
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