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गजलें और शायरी >> संभाल कर रखना

संभाल कर रखना

राजेन्द्र तिवारी

प्रकाशक : उत्तरा बुक्स प्रकाशित वर्ष : 2012
पृष्ठ :120
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 8809
आईएसबीएन :9788192413822

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मन को छूने वाली ग़ज़लों का संग्रह



30

मयकदे में रही सुब्ह से शाम तक


मयकदे में रही सुब्ह से शाम तक।
प्यास अपनी न पहुँची मगर जाम तक।।

किसको फ़ुर्सत सुने दास्तां दर्द की,
ये कहानी न पहुँचेगी अंजाम तक।

वो मेरी ख़ैरियत को परेशान हैं,
जो नहीं जानते हैं मेरा नाम तक।

उनका पैग़ाम लेकर न आया कोई,
यूँ तो आये कबूतर मेरे बाम तक।

उसको ‘राजेन्द्र’ भूला हुआ मत कहो,
वो पहुँच ही गया अपने घर शाम तक।

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